नई दिल्ली
रेलवे मंत्रालय ने नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) के प्रबंध निदेशक सतीश अग्निहोत्री तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है। अग्निहोत्री सरकार की प्रतिष्ठित बुलेट ट्रेन परियोजना के प्रभारी थे। अग्निहोत्री की जगह अब राजेंद्र प्रसाद, निदेशक, परियोजना, एनएचएसआरसीएल को तीन महीने के लिए कार्यभार सौंपा गया है।
रेल मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार सतीश अग्निहोत्री पर कई तरह के भ्रष्टाचार के मामले सामने आए हैं जिन्हें देखते हुए उन्हें बर्खास्त किया गया है। हालांकि इसे लेकर NHRCL के आधिकारिक प्रवक्ता इस सवाल का उत्तर देने से बचते रहे। लेकिन रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि अग्निहोत्री के खिलाफ कई आरोप हैं, जिनमें आधिकारिक पद का दुरुपयोग और एक निजी कंपनी को अनधिकृत तरीके से धन देना शामिल है। उन्होंने कहा कि अग्निहोत्री की सेवाओं को समाप्त करने का निर्णय 2 जून के लोकपाल अदालत के आदेश के बाद आया है, जिसमें CBI को एनएचएसआरसीएल के पूर्व एमडी द्वारा रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) के सीएमडी के तौर पर अपने नौ साल के कार्यकाल के दौरान एक निजी कंपनी के साथ एक सौदे के आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया गया था।
सतीश अग्निहोत्री करीब 9 साल तक रेल विकास निगम के चेयरमैन और सीएमडी रह चुके हैं। इसी दौरान ट्रैक बिछाने के ठेकों को लेकर उनपर कई आरोप हैं। सतीश अग्निहोत्री आईआईटी रूड़की के पूर्व छात्र हैं जहां से उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग में मास्टर्स की डिग्री हासिल की।
निजी कम्पनी में भी कर ली नौकरी
यह भी आरोप लगाया कि अग्निहोत्री ने अपनी सेवानिवृत्ति के एक साल के भीतर एक निजी फर्म में नौकरी कर ली। यह सरकारी नियमों का उल्लंघन था जो सेवानिवृत्त अधिकारियों को केंद्र की मंजूरी के बिना सेवानिवृत्ति के एक वर्ष से पहले व्यावसायिक रोजगार स्वीकार करने से रोकता है। इस बीच अग्निहोत्री के नजदीकी सूत्रों ने बताया कि वरिष्ठ नौकरशाह ने सभी आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि उन्होंने किसी विशेष कंपनी का समर्थन नहीं किया था और न ही उनके बेटे ने ऐसी किसी भी फर्म में काम किया। अधिकारियों ने कहा कि अग्निहोत्री ने यह भी कहा था कि उन्होंने डीओपीटी को पत्र लिखकर फर्म में शामिल होने से पहले एक साल की कूलिंग-ऑफ अवधि को माफ करने की मांग की थी। संपर्क करने पर अग्निहोत्री ने इस मामले में कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया।
बैचमेट ने की थी शिकायत
अधिकारियों ने कहा कि उनके खिलाफ शिकायत उनके एक बैचमेट ने एनएचएसआरसीएल प्रमुख की प्रतिष्ठित नौकरी हासिल करने के बाद की थी, जो मुंबई और अहमदाबाद के बीच सरकार की महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन परियोजना की कार्यान्वयन एजेंसी है। 1982 बैच के आईआरएसई अधिकारी अग्निहोत्री जुलाई 2021 में एनएचएसआरसीएल में शामिल हुए थे। इससे पहले वह रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक थे। उन्हें मेगा रेल अवसंरचना परियोजनाओं के कार्यान्वयन में 20 से अधिक वर्षों का अनुभव है। उन्होंने जुलाई 2012 से अगस्त 2018 तक आरवीएनएल की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचएसआरसी) के अध्यक्ष का पद भी संभाला था। एचएसआरसी विभिन्न हाई-स्पीड अध्ययनों को करने के लिए बनाई गई भारतीय पक्ष की एजेंसी है, जो चीन और स्पेन के साथ मिलकर सरकार-से-सरकार के आधार पर काम करती थी।
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