हाथ बांध कर प्रार्थना करते हैं इस स्कूल के बच्चे, दहशत इतनी कि शीश भी नहीं नवाते, वजह जानेंगे तो रह जाएंगे हैरान

 गढ़वा

एक सरकारी स्कूल जहां बच्चे हाथ जोड़ कर नहीं हाथ बांध कर प्रार्थना कर रहे हैं। दहशत इतनी कि शीश तक नहीं नवाते। और यह सिलसिला करीब नौ साल से चल रहा है। शिकायत अधियकारियों तक भी पहुंचाई जा चुकी है, लेकिन दहशत इतनी समा गई कि सरकार की तरफ से कोई एक्शन नहीं लिया गया। मामला सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो मंगलवार को प्रशासन में भगदड़ मच गई।

मामला झारखण्ड राज्य के गढ़वा जिले  का है जहां के एक राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय  में छात्र हाथ जोड़कर प्रार्थना नहीं करते। वजह जानी तो पता लगा कि जहां यह स्कूल है उस इलाके की 75 फीसदी आबादी अल्पसंख्यकों की है। अल्पसंख्यक समाज के लोगों ने दबाव डालकर वहां वर्षों से चली आ रही प्रार्थना के तरीके को बदलवा दिया। इस दौरान बच्चों को हाथ जोड़ने से भी मना कर दिया।  स्कूल के प्रधानाध्यापक पर दबाव बनाया गया कि स्कूल में अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों की संख्या ज़्यादा है; इसलिए प्रार्थना इसी तरीके से करनी होगी।

स्कूल के प्रधानाध्यापक का कहना है कि ग्रामीणों की ज़िद के आगे वह मजबूर होकर ऐसा करवा रहे हैं। उन्होंने बताया कि  इसकी जानकारी आला अधिकारियों को दी गई है । स्थानीय मुखिया और उन्होंने लोगों को समझाने की कोशिश की लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकला है।

मौके पर पहुंची अधिकारियों की टीम
जैसे ही स्थानीय प्रशासन को इसकी जानकारी मिली शिक्षा विभाग की टीम जांच के लिए पहुंच गईअधिकारियों की टीम ने मंगलवार को लगभग पांच घंटे तक विद्यालय पहुंच कर इस मामले की गहराई से छानबीन की जिसमें यह बात सामने आई कि यहां बीते 9 वर्षों से ऐसा हो रहा थाहालांकि ऐसा करने की इजाजत किसने दी या और किसके दबाव में यह नियम बनाया गया, यह किसी ने नहीं बताया

अधिकारियों ने पूरे स्कूल के बच्चों को फिर से बुलाकर मुखिया के द्वारा समझाया गया कि प्रार्थना हाथ जोड़ कर ही करना है, हाथ बांधकर नहीं इस मामले को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी मयंक भूषण ने कहा कि खबरें मिली थी तो डीसी साहब के निर्देश पर हमलोग यहां आए थे सभी लोगों के सामने जैसे पहले प्रार्थना होती थी वैसे ही हाथ जोड़कर प्रार्थना कराई गई और भविष्य में ऐसा न हो इसके लिए सभी को निर्देश दिया गया

इस मामले को लेकर कोरवाडीह पंचायत के मुखिया शरीफ अंसारी ने कहा कि यह जानकर मैं हैरान हूं इस गांव में गंगा-जमुनी तहजीब है, स्कूल नियम से चलेगा किसी कहने से नहीं, यदि किसी ने इस तरह कुछ कहा है तो हम उसे चिह्नित करेंगे, प्रार्थना और दुआ से इस गांव की बदनामी नहीं होने देंगे, ऐसा होगा तो मुखिया पद से इस्तीफा दे देंगे

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