ड्रग इंस्पेक्टर निकला काले धन का कुबेर, तीन राज्यों में साम्राज्य, अब तक मिली 8 करोड़ की दौलत, लाखों में बेचता था फार्मासिस्ट की डिग्री

पटना 

एक ड्रग इंस्पेक्टर ऐसा जिसको अब तक की नौकरी में कुल पगार मिली 60 लाख। और जब उसके रेड पड़ी तो वह निकला बेशुमार दौलत का मालिक। देश के तीन राज्यों में उसकी काली कमाई का साम्राज्य। आठ करोड़ की प्रॉपर्टी का अब तक पता चल चुका है। उसके घर से चार करोड़ से ज्यादा कैश और लाखों का गोल्ड बरामद हो चुका है। पांच – पांच लाख में फार्मासिस्ट की डिग्रियां बेच कर उसने बेशुमार दौलत इकट्ठा की और इसके अलावा भी काली कमाई के कई हथकंडे अपनाए।

मामला बिहार के पटना का है।  निगरानी ब्यूरो ने पटना-5 के ड्रग इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार के  सुल्तानगंज स्थित घर पर भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति के मामले में छापा मारा था इस दौरान निगरानी ब्यूरो को ड्रग इंस्पेक्टर जितेंद्र के घर से करीब 27 प्रॉपर्टी के कागजात मिले थे, इनमें से करीब 8 फ़्लैट के कागज थे और बाकी जमीन से दस्तावेज थे। इन सब कागजों की जांच में सामने आया है कि जितेंद्र ने यह प्रॉपर्टी अपने साले, पत्नी, और भाई के नाम बना रखी थी। अब तक उसके पास 8 करोड़ से अधिक की प्रॉपर्टी का पता चल चुका है।

निगरानी ब्यूरो  ने एक-एक करके सारेकागजात खंगाले तो चौंकाने वाली बात सामने आई। 27 में से 21 प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री हो चुकी है। इसमें तीन राज्य, बिहार, यूपी और दिल्ली के 7 शहरों में कुल 11 प्रॉपर्टी अकेले ड्रग इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार के नाम पर मिली। जो पटना में दानापुर, सुल्तानगंज, जहानाबाद में मखदुमपुर, गया, बोध गया, उत्तर प्रदेश में गौतम बुद्ध नगर और दिल्ली में है।

जितेंद्र कुमार ने अपनी पत्नी निभा देवी के नाम पर भी दो प्रॉपर्टी खरीद रखी है। इसमें एक पटना के दानापुर में तो दूसरी झारखंड की राजधानी रांची में है। इसी तरह अपनी मां संपूर्णा देवी के नाम पर पटना और गया में प्रॉपर्टी खरीद रखी है। कुछ प्रॉपर्टी के  एग्रीमेंट पेपर भी मिले हैं।

बैंक अकाउंट खंगाले
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने ड्रग इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार के बैंक अकाउंट्स को भी खंगाला है। जिसमें कुल 16 लाख रुपया कैश जमा मिला है। इसी तरह LIC और दूसरी कंपनियों में कराए गए बीमा पॉलिसी की भी जांच हुई। जिसमें करीब 19 लाख रुपए का इंवेस्टमेंट मिला। जितेंद्र कुमार के घर से अलग-अलग बैंकों के 8 अकाउंट और बीमा कंपनियों 10 पॉलिसियों के कागजात मिले थे।

दस साल की नौकरी में पगार मिली 60 लाख
जितेंद्र कुमार साल 2012 में बिहार सरकार की नौकरी में आए थे। दस साल की नौकरी में कुल 60 लाख की पगार मिल चुकी है। मगर, जब निगरानी का छापा पड़ा तो कुल 160 प्रतिशत आय से अधिक संपत्ति का पता चला। छापेमारी के दौरान टीम ने इनके घर से 4 करोड़, 11 लाख 79 हजार 700 रुपया कैश बरामद किया। इसके अलावा 36.48 लाख रुपए से अधिक के कीमत की करीब पौन किलो सोना, 1.66 लाख रुपए से अधिक के कीमत की तीन किलो चांदी बरामद हुई।

पांच -पांच लाख में बेचीं फार्मासिस्ट की डिग्री
जानकारी मिली है कि ड्रग इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार ने  सबसे बड़ा खेल फार्मासिस्ट की डिग्री में किया। बिहार कॉलेज ऑफ फार्मेसी में जितेंद्र कुमार बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में मेंबर हैं। बताया जा रहा है ये कॉलेज भी जितेन्द्र कुमार का ही है। इस कॉलेज के जरिए उन्होंने बड़े स्तर पर अवैध कमाई की। जो लोग फार्मासिस्ट बनने के पैमाने को पूरा नहीं कर पा रहे थे, उन्हें मोटी रकम लेकर उसकी डिग्री दे दी गई। हर एक डिग्री के लिए 5 लाख या इससे अधिक की वसूली की। पटना स्टेशन से लेकर अगमकुआं तक  कई मेडिकल की दुकानों पर ड्रग इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार ने विशेष मेहरबानी दिखाई और इसके एवज में उन्हें हर महीने बंधी मिलती रही।

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