बक्सर
सार: यूपी के बरेली में तैनात SDM ज्योति मौर्या ने अधिकारी बनने के बाद अपने पति से बेवफाई कर उसे छोड़ क्या दिया कि इस भय से एक दंपती का 13 साल पुराना रिश्ता भी दरक गया और मामला थाने पहुंच गया। पत्नी कहीं आगे जाकर बेवफा ना हो जाए तो इस भय से उसके पति ने उसे प्रयागराज में कोचिंग ले रही पत्नी को घर वापस बुला लिया। इस पर पत्नी ने खूब गुहार लगाई और बोली कि वह SDM ज्योति मौर्या की तरह बेवफा नहीं बनेगी, लेकिन पति का दिल नहीं पसीजा। इस पर वह थाने पहुंच गई और पुलिस से उसके पति को उसकी पढ़ाई बंद नहीं करवाने की अपील की। अब पुलिस भी ऐसी चकरा गई है कि पति-पत्नी के इस मामले में वह अब क्या करे? किन धाराओं में मुकदमा दर्ज करे। फ़िलहाल उसने समझाइश करके महिला को उसके घर भेज दिया है। पति ने कहा कि मैं अपनी पत्नी को ज्योति मौर्या नहीं बनने दूंगा।
मामला बिहार के बक्सर जिले के एक दंपती का है जहां से पति ने अपनी पत्नी को BPSC की कोचिंग लेने के लिए प्रयागराज भेज दिया। इसी बीच जब बरेली में तैनात SDM ज्योति मौर्या बनने के बाद अपने चपरासी पति से बेवफाई कर अलग होने का मामला सामने आया तो बिहार के इस दंपती के रिश्ते भी दरक गए।
यह है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक बक्सर जिले के मुरार थाना क्षेत्र के चौगाई गांव निवासी पिंटू कुमार सिंह की शादी साल 2010 में खुशबू से हुई थी। खुशबू पढ़ने में अच्छी थी। इसलिए पिंटू उसे यूपी के प्रयागराज में रखकर बीपीएससी यानी बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन की कोचिंग लेने भेज दिया। मगर पिछले दिनों एसडीएम ज्योति मौर्य केस ने ऐसा तूल पकड़ा कि पिंटू ने अपनी पत्नी को वापस बुला लिया।
खुशबू का कहना है कि पिंटू ने उसे पढ़ाई का खर्च देने से इनकार करते हुए घर बुलाया है। उसने पति को लाख समझाने का प्रयास किया, लेकिन जब बात नहीं बनी तो वह बिहार के मुरार थाने पहुंच गई। जहां उसने पुलिस से गुहार लगाई कि उसकी पढ़ाई जारी रखने में उसकी मदद की जाए। खुशबू ने कहा कि ‘मेरे पति ने मुझे पढ़ाने से इस वजह से इनकार दिया कि तुम भी कहीं ज्योति मौर्य की तरह बेवफा ना हो जाओ। मेरे पति को मेरी पढ़ाई के लिए राजी कराएं, मैं ज्योति मौर्य नहीं बनूंगी साहब।’
‘मैं पढ़ाई के लिए पैसे नहीं दे सकता’
पिंटू ने इस बात को इतना ज्यादा दिल पर ले लिया कि खुशबू को प्रयागराज से वापस बक्सर बुला लिया। पिंटू सिंह ने कहा कि ‘मैं एसडीएम ज्योति मौर्या केस से काफी आहत हूं। मैं अपनी पूरी ताकत के साथ अपनी पत्नी को पढ़ा रहा था, लेकिन अब मैं अपनी पत्नी को पढ़ाने में सक्षम नहीं हूं। पत्नी को पढ़ना है तो पढ़े, लेकिन मैं पैसा नहीं दे सकता हूं।’
मुरार थाना प्रभारी रविकांत प्रसाद ने बताया कि पति-पत्नी का आपसी मामला है। अगर पति पढ़ाने में सक्षम नहीं है तो यह कानून का उल्लंघन नहीं है। पति का कहना है कि पत्नी अपने खर्चे पर पढ़ाई कर सकती है। लेकिन पत्नी के पास कोई आमदनी का जरिया नहीं है। फिलहाल इस मामले में कोई मुकदमा नहीं बनता है, यह पारिवारिक मामला है। ऐसे में दोनों लोगों को समझाया गया है। आपसी सहमति से परिवार चलते हैं। दोनों लोगों को थाने से घर भेज दिया गया है।
ये है ज्योति मौर्या केस
आपको बता दें कि यूपी के बरेली के सेमेखेड़ा स्थित शुगर मिल में जीएम के पद पर तैनात ज्योति मौर्य और प्रतापगढ़ में पंचायती राज विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी आलोक मौर्य के बीच विवाद की खबर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही हैं। ज्योति ने पति आलोक मौर्य और उनके परिवार पर दहेज मांगने का आरोप लगाया है। वहीं, आलोक का आरोप है कि ज्योति ने उनकी हत्या की साजिश रची है।
आलोक ने अपनी पत्नी ज्योति पर रिश्ते में धोखा देने का आरोप लगाया है। पति आलोक का आरोप है कि शादी के बाद उसने ज्योति को पढ़ाने में काफी पैसा खर्च किया। जब ज्योति यूपीपीएससी में चयनित होकर अधिकारी बन गई तो उसने धोखा दे दिया। पति आलोक ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि ज्योति के पीसीएस अधिकारी मनीष दुबे संग रिश्ते बन चुके हैं। वहीं ज्योति ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है।
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