दंश…

Yogendra Gupta

कैसी हो अपेक्षा? बाहर निकली तो किराएदार सामने पड़ गई। ‘अच्छी हूं भाभी; आज फिर देर हो गई ऑफिस को ...

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पर्वाधिराज पर्व ‘पर्यूषण’

Yogendra Gupta

पर्वाधिराज पर्व पर्यूषण है अलौकिक आठ दिवस नियमित होती सामायिक धर्म-ध्यान, पूजा-अर्चना, तप-तपस्या द्वारा सुप्त आत्मा को कर के जाग्रत

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राखी…

Yogendra Gupta

दीदी ने बांधी है मेरे, राखी प्यारी प्यारी। सचमुच मेरी प्यारी दीदी

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संकल्प…

Yogendra Gupta

"मैडम, रक्षाबंधन क्या होता है? मेरी कक्षा के लड़के कह रहे थे कि कल बहिनें उन्हें राखी बांधेगी। मुझे कौन राखी बांधेगा?" फुलवारी बाल आश्रम के सबसे छोटे बच्चे विकास ने दीप्ति से पूछा। पिछले साल अपने

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अखिल भारतीय काव्य-सम्मेलन ‘एक शाम शहीदों के नाम’ का ऑनलाइन आयोजन

Yogendra Gupta

जयश्री फाउंडेशन के तत्वावधान में राजश्री साहित्य अकादमी मंच द्वारा स्वतंत्रता -दिवस की पूर्व संध्या पर ‘एक शाम शहीदों के नाम’ का एक अखिल भारतीय राष्ट्रीय ऑनलाइन काव्य-सम्मेलन

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बारिश के रूप…

Yogendra Gupta

तेज गर्मी के बाद आज आकाश में काले घने बादलों का दिखना सबको सुकून दे रहा था और हर कोई बारिश की बूंदों का बेसब्री से इंतजार कर रहा था। इस बार पड़ी भीषण गर्मी और लू ने इंसान,जीव जंतु और पेड़ पौधों सबका

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बादल भैया…

Yogendra Gupta

बादल भैया दौड़ रहे क्यों, गुस्से में मुंह ऐंठकर। सावन सूखा निकल रहा,क्यों,

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मैं गुरू हूं…! हरि रूठे गुरू ठौर है, गुरू रूठे नहीं ठौर

Yogendra Gupta

मानव जीवन से अज्ञानता रूपी अंधकार को मिटाना ही मेरा मूल ध्येय है। तम से उजाले की ओर ले जाने को मैं ध्यानमग्न ही नहीं रहता, अपने लक्ष्य से टस से मस तक नहीं होता। मेरी थकान तब काफूर हो जाती है, जब शिष्य बुलंदी

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अरमान…

Yogendra Gupta

ना कोई चाहत ना कोई आस करती हूं बस एक यही प्रयास ना कोई मुझसे हो निराश

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