बनें नई हवा के सारथी

समाज में कितने ही व्यक्ति, वर्ग, संगठन होंगे जो अपने-अपने तरीकों से श्रेष्ठ कार्य कर रहे होंगे। आज पूरे विश्व में हवा भी ऐसी ही बह रही है। हम सभी ने अनुभव किया होगा कि श्रेष्ठ लोग संगठित हो रहे हैं। मुखर हो रहे हैं। आसुरी प्रवृत्तियों में भय का माहौल बना है। समाज , राजनीति ,सरकारी सिस्टम ,मीडिया आदि जगहों पर उथल-पुथल है। सामाजिक सरोकारों के प्रति जिम्मेदारी का भाव बढ़ रहा है। युवा और बच्चों से बात करके देखिए ,उनमें अजीब सी छटपटाहट है। ये ऐसे कुछ संकेत हैं जिनसे भविष्य में कुछ अच्छा होने की उम्मीद जगी है। नकारात्मकता के पीछे सकारात्मकता का भाव छुपा है।




  • नई ताजगी। नए विचार। नई सोच। नई दिशा। नए प्रयोग। पूरी दुनिया में कुछ इस तरह की नई हवा चल निकली है। इस तरह के कुछ श्रेष्ठ विचारों को एक मंच प्रदान करने की ही एक कोशिश है- ‘ नई हवा ‘। हम सब इसके साथ चलकर एक बहुत बड़े परिवर्तन के वाहक बन सकते हैं। मैं या आप अकेले यह कार्य नहीं कर सकते। कदम से कदम मिलाकर हम सब इस कारवां के हिस्सा बनें। दूसरों को भी बनाएं।

  • हम यह सब जानते ही हैं कि खबरों की दुनिया तेजी से बदल रही है। सब कुछ डिजिटल हो गया है। पाठक खबरों की महक और साख को तलाश रहा है। हर खबर के बाद उसकी एक ही प्रतिक्रिया सुनने को मिलती है – ‘ कहीं इसमें कोई मिलावट तो नहीं ‘। पत्रकारिता के करीब 36-37 साल के अपने सफर में मुझे कई खट्टे-मीठे अनुभव हुए। इस दौरान पत्रकारिता के कई रंग और ढंग देखे। पतन होते देखा। खबरों की कीमत पर विज्ञापनों को हावी होते देखा। पेड न्यूज देखीं। अब तो हर तरफ यही बोलबाला है। किस पर भरोसा करें? पाठक और दर्शक बरसों से इसी भरोसे और साख को तलाश रहे हैं। उसे कुछ ऐसा चाहिए जिससे उसे संतोष मिले। भरोसा हो। करीब 37 साल के अपने अनुभवों और नई परिवर्तन शैली को अपनाकर जो निचोड़ निकला है वह ‘ नई हवा ‘ के रूप में आपके समक्ष लाने की कोशिश है। इसमें सब कुछ लीक से हटकर समाज को जोड़ने और घर -परिवार में पढ़ी जा सकने वाली ऐसी सामग्री होगी जिसके हर शब्द पर आप भरोसा कर सकते हैं। सबको लगेगा कि उनकी बात ‘ नई हवा ‘ में आई है।

  • कोशिश है कि दुनिया के हर अच्छे आचार -विचार और गुणीजनों का यह उत्कृष्ट मंच बने। बहस हो । चर्चा हो। निर्मल मन से सभी के भाव और विचार आएं । तभी हम पत्रकारिता की शुचिता को बनाए रख पाएंगे। हर युवा ,बच्चा , महिला-पुरुष , बजुर्ग, प्रबुद्धजन इस ‘ नई हवा ‘ के सारथी बनें। तो आइए हम सब आज से ही ‘ नई हवा ‘ के साथ इस महा अभियान में जुटें । इसी आशा के साथ –

आपका
योगेन्द्र गुप्ता

संपादक

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