जयपुर
राजस्थान के हजारों समायोजित शिक्षाकर्मी पुरानी पेंशन न मिलने से वैसे ही परेशान हैं और सरकारी सिस्टम की मक्कारी ने उनको और बेहाल करके रख दिया है। राजस्थान समायोजित शिक्षाकर्मी संघ ने सरकार का इन समस्याओं की ओर ध्यान आकृष्ट किया है और मांग की है कि इनका तत्काल समाधान किया जाए।
दरअसल अनुदानित महाविद्यालयों व विद्यालयों से 1.7.2011 को राजस्थान स्वेच्छाया ग्रामीण शिक्षा सेवा के अन्तर्गत राज्य सेवा में हजारों शिक्षाकर्मियों को समायोजित किया गया था। अब वे रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले परिलाभों के लिए भटक रहे हैं।
दिसम्बर- 21 के बाद से नहीं मिल रहा भुगतान
राजस्थान समायोजित शिक्षाकर्मी संघ के प्रदेश अध्यक्ष सरदार सिंह बुगालिया और प्रदेश महामंत्री शिवशंकर नागदा ने प्रदेश के शिक्षा मंत्री को इस बाबत एक पत्र लिखा है और बताया है कि अपनी अधिवार्षिकी पूरी कर सेवानिवृत्ति प्राप्त करने पर समायोजित शिक्षाकर्मियों को प्राप्त होने वाली परिलब्धियों (अधिशेष अनुपार्जित अवकाश नगदीकरण लाभ व उपादान ग्रेच्यूइटी) का भुगतान माह दिसम्बर 2021 के बाद से सरकार द्वारा नहीं किया जा रहा है। इन शिक्षाकर्मियों को राज्य सरकार द्वारा पुरानी पेंशन न देने से ये वैसे ही विपन्नता से ग्रस्त हैं। और अब उनको दिसम्बर के बाद से रिटायरमेंट पर मिलने वाले परिलाभ भी न मिलने से उनके सामने कंगाली में आटा गीला जैसी स्थिति हो गई है। उन्होंने बताया कि इन शिक्षाकर्मियों की आर्थिक व मानसिक परिस्थितियां और भी विषमतम होती जा रही हैं।
उन्होंने मांग की कि इन कार्मिकों को सेवानिवृत्ति पर प्राप्त होने वाले लाभों का भुगतान अविलम्ब तथा भविष्य में सेवानिवृत्ति पर ही कराने की व्यवस्था की जाए। वरना समायोजित शिक्षाकर्मियों को आंदोलन करने को विवश होना पड़ेगा।
RGHS कार्ड के सॉफ्टवेयर ने बढ़ाई परेशानी
संघ के प्रदेश अध्यक्ष सरदार सिंह बुगालिया और प्रदेश महामंत्री शिवशंकर नागदा ने एक अन्य पत्र आरजीएचएस के परियोजना निदेशक को भी लिखते हुए आर. जी. एच. एस. कार्ड के साफ्टवेयर में आ रही परेशानियों से अवगत कराया है। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि सरकार ने एन.पी.एस. को समाप्त कर पुरानी पेंशन राज्य कर्मचारियों के लिए लागू कर दी है। लेकिन एन.पी.एस. पेंशनधारकों को जारी आर. जी. एच. एस. कार्ड के साफ्टवेयर में अभी तक बदलाव नहीं किया गया है।
कर्मचारी नेताओं ने पत्र में अवगत कराया कि जब भी किसी पेंशनधारक की दवा खरीदने की सीमा 20 हजार रुपए पूरी हो जाती है और वह इस सीमा को बढ़ाने के लिए निर्धारित प्रक्रिया से ऑनलाइन आवेदन करने का प्रयास करता है तो साफ्टवेयर में बदलाव नहीं होने से उसमें ‘लिमिट बढ़ाने’ (Limit Enhancement) का विकल्प ही प्रदर्शित नहीं होता। जबकि पूर्व से ही पुरानी पेंशनधारकों के कार्ड में यह विकल्प मौजूद है।
पत्र में कहा गया कि जब राज्य में पुरानी पेंशन बहाल कर दी गई है तो सभी पेंशनधारकों को एक समान सुविधा मिलनी चाहिए। लिमिट न बढ़ पाने के कारण एन.पी.एस. पेंशनधारक बाजार में दवा खरीदने पर मजबूर हैं। पत्र में मांग की गई कि एन.पी.एस. पेंशनधारकों को भी पुरानी पेंशनधारकों के अनुरूप सुविधा दिए जाने का विकल्प साफ्टवेयर में संशोधन कर अविलम्ब प्रदान किया जाए , ताकि जरूरतमंद पेंशनधारक अपना इलाज समुचित ढंग से करवाकर लाभान्वित हो सकें।
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