जयपुर
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बुधवार को दिए एक बयान ने एकबार फिर सियासत को गरमा दिया। उन्होंने फिर पूर्व डिप्टी सीएम और पूर्व पीसीसी अध्यक्ष सचिन पायलट पर तंज कसा, लेकिन मीठे अंदाज में। गहलोत बोले मैं प्रेम से भी नाकारा-निकम्मा कहूं तो लोग बुरा मान जाते हैं, क्या करूं?
गहलोत ने यह बयान बुधवार को ईस्टर्न कैनाल प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने के मुद्दे पर 13 जिलों के विधायकों और कांग्रेस नेताओं के सम्मेलन के दौरान दिया। गहलोत ने पहले तो नाकारा-निकम्मा शब्द की परिभाषा बताते हुए केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह को निशाने पर लिया और फिर इशारों ही इशारों में सचिन पायलट पर मीठे रस में भीगा हुआ तीर छोड़ दिया।
गहलोत ने निकम्मा शब्द की परिभाषा बताई और कहा- निकम्मा का मतलब क्या होता है? पड़ोस में बच्चे कोई झगड़ा करते हैं। बच्चे आपस में झगड़ते हैं तो एक पड़ोसी दूसरे के घर जाता है। बच्चे की शिकायत करता है। तब उस बच्चे के पिता उसे कहते हैं कि अभी बुलाकर डांटता हूं। वह नाकारा-निकम्मा है। यही तो कहते हैं, ये तो कहावतें होती हैं। वह अपने बच्चे के लिए कहता है। उन्होंने कहा कि मंत्री रामलाल जाट ने इन शब्दों की जो परिभाषा बताई है, वह सही है।
गहलोत ने कहा- यही बात मैं कहता हूं कि निकम्मा-नाकारा है। इसका मतलब यही होता है कि यह बच्चा है। इसने गलती कर दी होगी। मैं इसे डांटता हूं। कई बार प्रेम से भी कहा जाता है। अब मैं प्रेम से भी कहूं तो कई लोग बुरा मान जाते हैं। उसका मैं क्या करूं? आपको बता दें कि पार्टी में बगावत के दौरान गहलोत सचिन पायलट की निकम्मा और नाकारा बोल चुके हैं। पिछले दिनों गहलोत ने इसका जिक्र फिर किया तो सचिन पायलट ने इस पर कहा कि गहलोत मेरे पिता तुल्य हैं, वे मुझे कई बार नाकारा-निकम्मा कह चुके हैं, मैं इस बात को अन्यथा नहीं लेता।
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