गोरखपुर
CBI ने रेलवे में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए उसके एक अफसर केसी जोशी को तीन लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर उसके नोएडा और गोरखपुर स्थित घरों पर छापा मारा। छापे में जोशी के इन दोनों घरों से 2.61 करोड़ रुपए कैश बरामद किया गया है। साथ ही कई संदिग्ध डॉक्यूमेंट भी मिले हैं। पूछताछ में जोशी ने कई खुलासे किए हैं और कहा है कि सभी अफसरों का कमीशन फिक्स है। उसने कई अफसरों के नाम भी लिए हैं। अब CBI उनसे भी पूछताछ करेगी।
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CBI ने ट्रैप की कार्रवाई उत्तरप्रदेश के गोरखपुर में की है। गिरफ्तार किए गए केसी जोशी 1988 बैच का इंडियन रेलवे स्टोर सर्विस (IRSS) का अधिकारी है। वर्तमान में वह NE रेलवे गोरखपुर में चीफ प्रिंसिपल मैटीरियल मैनेजर के पद पर तैनात था। CBI की इस कार्रवाई के बाद NE रेलवे मुख्यालय में बुधवार को पूरे दिन हड़कंप मचा रहा। GM दफ्तर से लेकर अन्य सभी विभागों में सन्नाटा छाया है। फिलहाल, इस मामले में रेलवे के अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं।

CBI ने जोशी के कंप्यूटर और हार्ड डिस्क को कब्जे में ले लिया है। एक टीम अभी भी गोरखपुर में डेरा डाले हुए है। बुधवार को CBI केसी जोशी को लखनऊ लेकर आई। टीम उसे CBI की स्पेशल कोर्ट में पेश करेगी। CBI जोशी को रिमांड पर लेने की तैयारी में है। वहीं CBI की पूछताछ में जोशी ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।
हर काम में फिक्स है रेलवे अफसरों का कमीशन
केसी जोशी ने पूछताछ में रेलवे में चल रही कमीशनखोरी के खेल में गोरखपुर के 3 डिप्टी मैटीरियल मैनेजर और एक चीफ मैटीरियल मैनेजर का नाम लिया है। उसने CBI को बताया है कि रेलवे में कोई भी ठेका या टेंडर बिना कमीशन के अलॉट नहीं होता। इसमें नीचे से लेकर ऊपर तक के अफसरों का कमीशन फिक्स है। अब CBI इस मामले में रेलवे के अन्य अफसरों से जल्द ही पूछताछ कर सकती है।
ऐसे पकड़ में आया घूसखोर
गोरखपुर के अलहदादपुर के रहने वाले प्रणव त्रिपाठी ‘सूक्ति एसोसिएट फर्म’ के प्रोपराइटर है। उनकी फर्म जेम पोर्टल पर रजिस्टर्ड है। वे अपनी फर्म के जरिए पूर्वोत्तर रेलवे के गोरखपुर और अन्य सरकारी विभागों में मेडिकल इक्विपमेंट उपलब्ध कराते हैं। प्रवीण को जनवरी महीने में NE रेलवे में तीन ट्रक की सप्लाई का टेंडर जेम पोर्टल के जरिए मिला था।
इसका उन्हें प्रतिमाह 80 हजार रुपए प्रति ट्रक भुगतान होना था। उन्होंने 7 सितंबर को CBI के ACB विंग के SP से की गई शिकायत में कहा कि पूर्वोत्तर रेलवे में प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक केसी जोशी ने धमकी दी कि अगर उसने 7 लाख रुपए रिश्वत नहीं दी, तो उसका टेंडर जेम पोर्टल से निरस्त करा देंगे। उन्होंने फर्म का रजिस्ट्रेशन निरस्त करने के लिए पत्र भी लिख दिया है। इसके अलावा जो पुराने काम चल रहे हैं, उसे भी रद्द करवाने की बात कह रहे हैं।
CBI ने जांच कि तो शिकायत सही मिली। इसके बाद CBI की टीम चीफ प्रिंसिपल मैटीरियल मैनेजर को ट्रैप करने के लिए गोरखपुर पहुंची। मंगलवार को गोरखपुर रेलवे दफ्तर में केसी जोशी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद अधिकारी के दफ्तर समेत उसके गोरखपुर और नोएडा स्थित आवास पर देर रात तक छानबीन की।
CBI को उसका नोएडा के सेक्टर 50 में एक घर होने का पता चला, जहां वे परिवार संग रहता है। इसके बाद CBI की टीम ने वहां भी छापेमारी की। गोरखपुर और नोएडा से टीम ने 2.61 करोड़ रुपए कैश भी बरामद किया। इसके अलावा CBI को छापेमारी के दौरान उसके संपत्तियों और निवेश के दस्तावेज के साथ ही और कीमती चीजें भी मिली हैं।
ठेकेदार बनकर पहुंची CBI
केसी जोशी से ठेकेदार बनकर CBI के लोगों ने मुलाकात की थी। बातचीत में अधिकारी ने कमीशन लेने की बात पर ठेका देने की बात कही। इसके बाद टीम की रिपोर्ट पर मंगलवार को CBI ने केस दर्ज कर किया। फिर उसकी गिरफ्तारी का प्लान बना। CBI के कहने पर प्रणव ने अपने कर्मचारी के जरिए रिश्वत के 3 लाख रुपए केसी जोशी के सरकारी बंगले पर भेजे। जैसे ही उसने रिश्वत की रकम ली, वहां पहले से मौजूद CBI की टीम ने छापा मारकर आरोपी को रंगे हाथ दबोच लिया।
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