भरतपुर
राजस्थान में एक तरफ राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ चल रही है तो दूसरी तरफ लग रहा है कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बच्चों की ‘जीवन तोड़ो यात्रा’ शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 29 नवम्बर को वीसी के जरिए ‘मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना’ शुरू की थी जिसमें सरकारी स्कूलों के कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को निःशुल्क दूध पिलाकर उनकी सेहत बनाने का संकल्प सरकार ने लिया था, लेकिन लग रहा है कि इस दूध वितरण के नाम पर बच्चों की सेहत बनाने की जगह उससे खिलवाड़ किया जा रहा है।
राजस्थान के एक सरकारी स्कूल में मंगलवार को दूध के पाउडर में ही जहरीले कीड़े रेंगते मिले। लेकिन प्रधानाध्यापक की सतर्कता से बच्चों की सेहत के साथ बड़ी घटना होते-होते बच गई। जैसे ही प्रधानाध्यापक को दूध के पाउडर में कीड़े रेंगते नजर आए, उन्होंने फ़ौरन दूध का वितरण रोक दिया। आपको बता दें कि राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के एक सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में ‘मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना’ का दूध पीने के बाद सोलह बच्चियों की तबीयत बिगड़ गई थी और उनको अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था।
अब ताजा मामला भरतपुर शहर में स्थित राजकीय प्राथमिक कुम्हेर गेट में मंगलवार को सामने आया। ये तो इस विद्यालय के प्रधानाध्यापक मिड डे मील प्रभारी की सजगता थी कि बच्चों की जीवन की डोर खतरे में जाने से बच गई। दरअसल इस विद्यालय में पहुंचे मिल्क पाउच को मिड डे मील प्रभारी अरुण सिंह की निगरानी में दूध तैयार करने के लिए खोला गया तो उसमें जहरीले कीड़े रेंगते नजर आए। जिस पाउच को खोला गया उसका बैच नंबर 47 बताया गया। दूध के पाउडर में कीड़े देखते ही मिड डे मील प्रभारी अरुण सिंह ने इसकी सूचना प्रधानाध्यापक प्रदीप कुमार को दी जिन्होंने तुरंत फैसला लेते हुए दूध वितरण का कार्य रोक दिया। इससे बच्चों का स्वास्थ्य ख़राब होने से बच गया।
पहली बार प्रधानाध्यापक ने सच से अवगत कराने की दिखाई हिम्मत
मिल्क पाउच में जहरीले कीड़े की सूचना विद्यालय के प्रधानाध्यापक प्रदीप कुमार ने तत्काल एक पत्र के जरिए विभाग के उच्च अधिकारियों को दी। इस पत्र की एक कॉपी ‘नई हवा’ के पास भी है। पत्र में प्रधानाध्यापक ने अवगत कराया है कि मिल्क पाउच में जहरीले कीड़े निकले हैं जिससे बच्चों का स्वास्थ्य खराब होने जैसी गंभीर घटना हो सकती थी। पत्र में आग्रह किया गया है कि मामला बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है, लिहाजा घटिया मिल्क पाउडर की सप्लाई करने वाली कम्पनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। बताया गया कि किसी विद्यालय विशेषकर प्राथमिक स्तर के विद्यालय के प्रधानाध्यपक द्वारा इस तरह का पत्र पहली बार लिखकर वस्तुस्थिति से अवगत कराने की हिम्मत दिखाई गई है।
बड़ा सवाल? क्या लीपापोती कर रही है सरकार?
हनुमानगढ़ के बालिका विद्यालय में ऐसा दूध पीने के बाद सोलह बच्चियों की तबीयत खराब होने के दस दिन बाद ही भरतपुर के इस स्कूल में ऐसी घटना होते-होते बच गई। लेकिन अफसरों ने किसी भी विद्यालय से इन पाउच के सेम्पल आज तक नहीं उठाए। हनुमानगढ़ में उस दूध के सेम्पल लिए जो तैयार हो गया था। इसलिए लग रहा है कि मामले में बड़े स्तर पर लीपापोती की कोशिशें की जा रही हैं।
महीनों पहली ही होनी थी लांचिंग
सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा इस योजना की महीनों पहली ही लांचिंग की जानी थी। इसके लिए स्कूलों में मिल्क पाउच पहुंचा दिए गए। लेकिन कांग्रेस में उठापटक और फिर राहुल गांधी की यात्रा की तैयारियों में व्यस्तताओं के चलते इस योजना की लांचिंग लटकती चली गई। 29 नवम्बर को सीएम को समय मिला और वीसी के जरिए योजना की शुरुआत की गई। तब तक स्कूलों में बहुत पहले पहुंचा दिए गए मिल्क पाउच में कीड़े पड़ गए। बताया जा रहा है कि हनुमानगढ़ की घटना इसी का नतीजा है जिस पर पर्दा डालने का प्रयास किया जा रहा है। वो तो भरतपुर में स्कूल स्टाफ की सजगता से कोई अनहोनी होने से बच गई।
नोट:अपने मोबाइल पर ‘नई हवा’ की खबरें नियमित प्राप्त करने के लिए व्हाट्सएप नंबर 9460426838 सेव करें और ‘Hi’ और अपना नाम लिखकर मैसेज करें
राजस्थान में वर्ष- 2023 के सार्वजानिक अवकाश घोषित, यहां देखिए लिस्ट
सिविल जज परीक्षा-2022 की अधिसूचना जारी, 303 पदों पर होगी भर्ती
अब हर जगह अनिवार्य होगा Birth Certificate, जानिए क्या है सरकार का नया प्लान