वॉर रूम में ‘वॉर’: राहुल गांधी के जाते ही कांग्रेस में फिर शुरू हुई कलह, कांग्रेस के हारे उम्मीदवारों का हंगामा, प्रदेश प्रभारी को सुनाई खरी-खरी, बोले- लूट रहे हैं निर्दलीय और बसपा से आए विधायक

जयपुर 

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान से विदा होते ही प्रदेश कांग्रेस में कलह फिर से शुरू हो गई है। गुरूवार को पार्टी के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर रंधावा और प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पार्टी के वॉर रूम में जब फीडबैक ले रहे थे तो पिछले विधान सभा चुनावों में निर्दलीयों और बसपा के उम्मीदवारों के हाथों पराजित कांग्रेस के उम्मीदवारों ने जमकर हंगामा किया और खूब खरी-खोटी सुनाई। उनका कहना था कि जिन्होंने संगठन के उम्मीदवारों को हरा कर सत्ता में भागीदारी हासिल की है उन विधायकों ने लूट मचा रखी है। जब उन्होंने कहा कि चार साल में कार्यकर्ताओं के साथ अन्यय हो रहा है तो इस बात पर डोटासरा को भी हामी भरनी  पड़ी।

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कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर रंधावा गुरुवार को जब कांग्रेस के वॉर रूम में फीडबैक के लिए परती के नेताओं को बुलाया तो 13 निर्दलीय विधायकों और 6 बसपा मूल के विधायकों वाली सीटों पर हारे हुए कांग्रेस उम्मीदवारों ने आते ही प्रभारी के सामने अपना दुखड़ा रोया और आरोप लगाया कि अपनी ही पार्टी के राज में उनकी अनदेखी की जा रही है। इन नेताओं को मीटिंग में जैसे-तैसे शांत किया गया।

इस मीटिंग में हंगामा करने वाले नेताओं में शाहपुरा से कांग्रेस के हारे हुए उम्मीदवार मनीष यादव, नदबई से हिमांशु कटारा, खंडेला से सुभाष मील, बहरोड़ से आरसी यादव सहित कांग्रेस उम्मीदवारों ने प्रभारी  रंधावा और प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा को जमकर खरी-खरी सुनाई। इन हारे उम्मीदवारों का कहना था कि  निर्दलीयों ने हरविभाग में लूट मचा रखी है। हर बात में सीएमओ को बलैकमेल करते हैं। अपनी ही राज में इन लोगों के तो सारे काम हो रहे हैं लेकिन कांग्रेस के उन नेताओं को ठेंगा दिखाया जा रहा है जिन्होंने विपक्ष में रहते हुए भी संघर्ष किया। लाठियां खाईं, खून पसीना बहाया। अब कांग्रेस का राज होते हुए भी हम पीड़ित हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में आगामी चुनाव में पार्टी के साथ कौन खड़ा होगा। निर्दलीयों के तांडव से  कांग्रेस को नुकसान होगा।

राज चलाने का मतलब यह नहीं कि कार्यकर्ता को मरने दिया जाए
शाहपुरा से हारे मनीष यादव बताया कि निर्दलीयों ने जो लूट मचा रखी है उसकी शिकायत हमने रंधावा से की है। उन्होंने कहा कि निर्दलीयों ने जमकर भ्रष्टाचार किया है। किसी भी क्षेत्र में जाकर देख लीजिए। चाहे नगरपालिका ईओ हो या कोई ऑफिस हो, ऐसा भ्रष्टाचार कभी नहीं देखा। राज चलाने का मतलब यह नहीं होता कि कार्यकर्ता को मरने दिया जाए।

उन्होंने कहा कि चार साल तक जिन कार्यकर्ताओं ने पार्टी के खिलाफ काम किया, सारी शिकायतें रंधावा से की हैं। उन्होंने जिस तरह सुना है। लगता है जल्द फैसला होगा। सरकार के चार साल में जिस तरह कांग्रेस और कांग्रेस कार्यकर्ता को खत्म करने की मंशा से काम किया है। उसके बारे में प्रभारी को बताया है।

खंडेला से हारे उम्मीदवार सुभाष मील और शाहपुरा से हारे मनीष यादव

यादव ने कहा- सचिन पायलट ने हम नौजवान लोगों को चुनाव लड़ने का अवसर दिया। लेकिन  चार साल में हमारे कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित किया गया। हमें दर्द यही है कि हमें पार्टी ने उम्मीदवार बनाया, लेकिन संगठन और स्थानीय चुनावों के टिकटों में हमारी राय नहीं ली गई। चार साल में कार्यकर्ता के साथ न्याय नहीं हुआ। उन विधानसभाओं में हमें चुनावों में भारी नुकसान होगा। क्योंकि निर्दलीयों और उनके परिजनों ने लूट मचा रखी है। उनके  भ्रष्टाचार की राजस्थान में चर्चा है।

सुभाष मील बोले- जनता सिखाएगी सबक
खंडेला से हारे सुभाष मील ने कहा- जिन लोगों ने कांग्रेस को वोट दिया, उन लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है। निर्दलीयों की सहायता से सरकार चलाने के नाम पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित नहीं करना चाहिए। खुली लूट मचा रखी है, उसका जवाब जनता दे देगी। हमारी मुख्य मांग है कि संगठन में हमें मौका मिलना चाहिए था। हमें संगठन में वरीयता नहीं दी गई। सीएमओ के नाम पर कर्मचारियों को धमकाया जा रहा है। निर्दलीय हर बात में सीएमओ को लाते हैं। जनता देख रही है। उसका जनता जवाब दे देगी। हमने मांग रखी है कि हमें संगठन में वरीयता दी जाए। प्रभारी ने हमारी बात सुनी है और अब हमें उम्मीद है कि समाधान होगा।

पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी ने कहा कि 19 विधानसभा क्षेत्रों में हमारे कांग्रेस के उम्मीदवारों की शिकायतों को दूर किया जाना चाहिए। उनकी बात सही है। चुनाव से पहले अब इनके गिले-शिकवे हैं उन्हें दूर करना होगा।

डोटासरा ने माना हम न्याय नहीं कर पाए, लेकिन अब रखेंगे ध्यान 
इस बीच कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने ने प्रभारी के सामने चौंकाने वाली बात कही। वे नाराज पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की ओर इशारा करते हुए बोले कि यह सही है कि हम इनके साथ न्याय नहीं कर पाए। इन्हें संगठन में पद नहीं मिले और तवज्जों भी नहीं मिली, लेकिन अब ध्यान रखा जाएगा। 19 विधानसभा क्षेत्रों में हमारे उम्मीदवारों के साथ हम कुछ नहीं कर पाए। बाद में रंधावा ने इनको आश्वासन दिया कि भविष्य में संगठन में इनकी सुनी जाएगी।

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