भरतपुर
राजस्थान के शिक्षा विभाग में एक विकलांग महिला लेक्चरर के ट्रांसफर पर बवाल खड़ा हो गया है। ट्रांसफर रोकने के लिए राज्य मंत्री सुभाष गर्ग की दखलंदाजी एकबार फिर सामने आई है। एक स्कूल प्रिंसिपल ने भी इस पर लिखित में यह कहते हुए मुहर लगा दी है कि वह इस विकलांग महिला लेक्चरर को इसलिए अपने स्कूल में ज्वॉइन नहीं करा सकते कि क्योंकि राज्य मंत्री सुभाष गर्ग ने ज्वॉइन कराने से मना किया है। अब प्रिंसिपल की यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। फिलहाल विभाग ने टिप्पणी सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पीड़ित महिला लेक्चरर को ही APO कर दिया है।
मामला है तो भरतपुर जिले का, लेकिन गहलोत सरकार के एक मंत्री के पिक्चर में आने से बवाल प्रदेश के पूरे शिक्षा महकमे में मचा हुआ है। दरअसल 10 अगस्त को बयाना के एक स्कूल से जीव विज्ञान की लेक्चरर सुनीता तेहरिया का स्थानांतरण राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय महाराजसर में हुआ था। जब महिला लेक्चरर स्कूल में कार्य ग्रहण करने गई तो प्रिंसिपल ने उसे कार्य ग्रहण कराने से मना कर दिया। पूछने पर प्रिंसिपल ने राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग के आदेश पर कार्य ग्रहण नहीं कराने की बात बताई। पीड़ित महिला लेक्चरर ने इस पूरी घटना को लेकर सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर दिया। वीडियो में कई आरोप लगाए गए हैं। जिसके बाद माध्यमिक शिक्षा राजस्थान बीकानेर के निदेशक ने महिला लेक्चरर को एपीओ कर दिया।
महिला लेक्चरर का आरोप है कि, राज्यमंत्री के कहने पर स्कूल प्रिंसिपल ने कार्यग्रहण नहीं कराया। सुनीता तेहरिया ने आरोप लगाया था कि वह शुक्रवार सुबह बयाना स्कूल से रिलीव होकर कार्यग्रहण करने के लिए महाराजसर स्कूल पहुंची। यहां प्रिंसीपल हेमचंद गोयल ने उनसे आवेदन और अन्य दस्तावेज ले लिए और ज्वाइनिंग करवा दी। लेकिन कुछ देर बाद प्रिंसीपल ऑन लाइन ज्वाइनिंग का कहकर बहाने बनाने लगे। थोड़ी देर बाद प्रिंसीपल ने फिर व्याख्याता से कहा कि अभी मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग का कॉल आया था, उन्होंने आपको कार्यग्रहण नहीं कराने के आदेश दिए हैं। इसलिए आपको कार्यग्रहण कराया जाना संभव नहीं है। इस पर व्याख्याता ने प्रिंसीपल से लिखित में देने को कहा तो प्रिंसीपल ने व्याख्याता के आवेदन पर कार्यग्रहण नहीं कराने के संबंध में लिखित में जवाब दे दिया।
प्रिंसिपल ने लिखी ये टिप्पणी
प्रिंसिपल हेमचंद गोयल ने व्याख्याता के आवेदन पर लिखा कि माननीय मंत्री जी डॉ. सुभाष गर्ग के दूरभाष से प्राप्त निर्देशानुसार उनकी अनुमति के बिना कार्यग्रहण नहीं करवाने के लिए निर्देश प्राप्त हुए हैं। अत: उनकी अनुमति के बिना कार्यग्रहण करवाया जाना संभव नहीं है। इसके बाद अब कार्यग्रहण नहीं होने पर सुनीता तेहरिया ने सोशल मीडिया पर मंत्री पर जातिवाद के आरोप लगाते हुए वीडियो अपलोड कर दिया। उन्होंने बताया कि 1999 में विकलांग कोटे से उनका शिक्षिका के रूप में सलेक्शन हुआ। बीते 5 साल से वे व्याख्याता के रूप में कार्य कर रही हैं। मंत्री के पास में तीन बार ट्रांसफर करवाने की गुहार लगाने गई, लेकिन उन्हें तवज्जो नहीं दी गई। अब ट्रांसफर हो गया है, तो कार्यग्रहण करने से रोक दिया गया।
पीड़िता को ही कर दिया एपीओ
सोशल मीडिया पर राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग के खिलाफ बयानबाजी करने पर महिला लेक्चरर सुनीता तेहरिया को शुक्रवार को एपीओ कर दिया गया। माध्यमिक शिक्षा राजस्थान बीकानेर के निदेशक गौरव अग्रवाल आईएएस ने एक आदेश जारी कर जीव विज्ञान की व्याख्याता सुनीता तेहरिया को आदेशों की प्रतीक्षा में रखते हुए कार्यालय संयुक्त निदेशक स्कूल शिक्षा भरतपुर संभाग मुख्यालय पर उपस्थिति देने के आदेश दिए हैं। जिला शिक्षा अधिकारी मुख्यालय माध्यमिक शिक्षा प्रेम सिंह कुंतल ने बताया कि महाराजसर स्कूल के प्रिंसिपल हेमचंद गोयल और व्याख्याता सुनीता तेहरिया के बीच विवाद को लेकर उन्हें जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्हें बस इतना पता है कि व्याख्याता सुनीता तेहरिया को एपीओ कर दिया गया है। अगर कोई विवाद हुआ तो उसकी जांच की जाएगी।
मंत्री की दखलंदाजी पहली भी सामने आ चुकी है
मंत्री सुभाष गर्ग की ट्रांसफर-पोस्टिंग में दखलंदाजी के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। एक बार जिले के एक मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने भी लिखित में एक कर्मचारी को यह कहते हुए ड्यूटी ज्वॉइन नहीं कराई कि मंत्री सुभाष गर्ग के ड्यूटी ज्वॉइन नहीं करने के निर्देश हैं।
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