नई दिल्ली
रेल मंत्रालय ने अपने एक आदेश से रेलवे अफसरों के रुतबे को एक ही झटके में ख़त्म कर दिया है। अफसरों के रुतबे की यह परम्परा सालों से चली आ रही थी। अब रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस परम्परा को खत्म करने के आदेश जारी कर दिए हैं। अश्विनी वैष्णव के इन आदेशों ने सभी को चौंका दिया है और प्रसन्नता भी व्यक्त की जा रही है।
दरअसल रेलवे में सालों से एक सामंती प्रथा चली आ रही है जो आजादी मिलने के बाद भी खत्म नहीं की गई। रेल मंत्रालय और देश भर में रेलवे GM दफ्तरों में एक आरपीएफ जवान जरूर तैनात रहता था। जिसका काम सिर्फ अफसरों को सेल्यूट देने का था। ये परंपरा रेलवे में अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही थी। इसे सामंती परंपरा मानते हुए रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसे अब बंद करने का आदेश दे दिया है।
इसलिए बंद की ये प्रथा
आपको बता दें कि सेल्यूट प्रथा चलते रहने से रेलवे के GM और रेलवे के अधिकारी अपने आप को खास समझ बैठे थे और अपने अधीनस्थ स्टाफ से सामंती अंदाज में व्यवहार कर रहे थे। रेलवे के आला अधिकारी सेल्यूट को रुतबे से जोड़ते हैं। रेलमंत्रालय में जिस रेल मंत्री और बोर्ड के मेम्बर के लिए अलग गेट है, उसी पर RPF का सेल्यूट देने वाला जवान विशेष वर्दी में तैनात रहता था। इसी तरह की व्यवस्था रेलवे के सभी जोन के दफ्तरों में होती थी, जिसे तत्काल प्रभाव से खत्म किया गया है।
रेल मंत्री अनिल वैष्णव के संज्ञान में यह बात लाई गई और बताया गया कि इस साल देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है लिहाजा रेलवे को भी इस मौके पर इस सामंती परम्परा से मुक्त कराया जाए। इस पर रेल मंत्री ने आजादी के अमृत वर्ष में इस प्रथा को बंद करने के आदेश जारी कर दिए। इसके साथ ही अधिकारियों को ये मैसेज दिया जा रहा है कि मंत्रालय या रेलवे के दफ्तरों में सभी काम करने के लिए आते है। यहां कोई खास नहीं है, यहां सब बराबर हैं और जनता की सेवा के लिए हैं।
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