नई दिल्ली
दिल्ली की APP सरकार नई शराब नीति को लेकर कठघरे में खड़ी हो गई है। आरोप है कि इस नई पॉलिसी के जरिए शराब माफियाओं को 144 करोड़ का फायदा पहुंचाया गया। मामले में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की भूमिका पर सवाल खड़े किए गए हैं। लिहाजा इसकी जांच CBI से कराई जानी चाहिए। ऐसी सिफारिश दिल्ली के LG विनय कुमार सक्सैना ने की है। बताया जा रहा है कि मुख्य सचिव की रिपोर्ट के बाद एलजी ने यह कदम उठाया है।
सूत्रों के मुताबिक, रिपोर्ट में कई नियमों की अनदेखी की बात कही गई है। लाइसेंस बांटने में गड़बड़ी का आरोप लगा है। केजरीवाल सरकार पर आरोप हैं कि उसने नई एक्साइज पॉलिसी के जरिए शराब लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि नई एक्साइज पॉलिसी में नियमों की अनदेखी कर टेंडर दिए गए। रिपोर्ट में कहा गया है कि पहली नजर में GNCTD ऐक्ट 1991, ट्रांजैक्शन ऑफ बिजनेस रूल्स (ToBR)-1993 और दिल्ली एक्साइज ऐक्ट-2009 और दिल्ली एक्साइज रूल्स 2010 का उल्लंघन पाया गया है।
इस रिपोर्ट में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए हैं। दिल्ली का एक्साइज विभाग मनीष सिसोदिया के पास ही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस नीति के जरिए कोरोना के बहाने लाइसेंस की फीस माफी की गई। शराब कारोबारियों को टेंडर में 144.36 करोड़ की छूट दी गई।
पिछले साल लागू हुई थी नई नीति
दिल्ली सरकार ने पिछले साल अपनी नई आबकारी नीति लागू की थी, जिसके तहत निजी संचालकों को ओपन टेंडर से खुदरा शराब बिक्री के लाइसेंस जारी किए गए थे। अब तक, नई पॉलिसी लागू होने के बाद दिल्ली के 32 जोन में कुल 850 में से 650 दुकाने खुल चुकी हैं। दिल्ली सरकार का कहना था कि नई नीति से सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी होगी। वहीं, दिल्ली बीजेपी ने इस नई नीति का विरोध किया था।
दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने ये कदम ऐसे वक्त पर उठाया, जब हाल ही में केजरीवाल की सिंगापुर दौरे को लेकर बवाल मचा हुआ है। दरअसल, एलजी सक्सेना ने हाल ही में केजरीवाल की सिंगापुर जाने की अनुमति वाली अर्जी को खारिज कर दिया था। उन्होंने केजरीवाल को सिंगापुर समिट में न जाने की सलाह दी है, क्योंकि यह मेयरों का समिट है।
‘आप’ का आरोप- सिसोदिया को फंसा रहा केंद्र
आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा, 2016 में जब हमारी सरकार को 1 साल हुए थे, तब भी केंद्र सरकार घबराई थी और कोशिश हुई कि केजरीवाल सरकार के काम रोके जाएं। तब के एलजी को प्रधानमंत्री कार्यालय से निर्देश मिला और शिंगलु कमेटी बनाकर हमारे 400 फाइलों की जांच हुई लेकिन कुछ नहीं निकला। अब पंजाब की जीत के बाद भाजपा और PM मोदी AAP से और अरविंद केजरीवाल से घबराए हुए हैं। आज देश के या किसी राज्य के शिक्षा मंत्री का नाम किसी को नहीं पता होगा, लेकिन दिल्ली के शिक्षा मंत्री का नाम बच्चा बच्चा जानता है। ऐसे उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को आज फंसाने की कोशिश हो रही है। केंद्र सरकार के इशारे पर CBI की जांच के आदेश दिए गए हैं। हजारों करोड़ों लूटने वाले माल्या, ललित मोदी को केंद्र सरकार ने भगा दिया, उनपर कोई कार्रवाई नहीं हुई लेकिन मनीष सिसोदिया जैसे आदमी के पीछे अब ये पड़े हैं।
भाजपा सांसद गौतम गंभीर ने आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा, सुना है दिल्ली में शराब का कारोबार करने वाले मंत्री पर भी कार्यवाही होने वाली है! एक मंत्री पहले से जेल में है, दूसरा भी तैयार है!
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