जेल की रोटी लेकर कोर्ट पहुंचा कैदी, बोला; जज साहब! इसे जानवर भी नहीं खाएगा

बेगूसराय 

देश के एक न्यायलय में उस समय अजीब स्थिति पैदा हो गई जब पेशी पर आए एक कैदी ने जेल से कागज़ में लपेट कर लाईं रोटियां जज के सामने रख दीं और उन रोटियों को दिखाते हुए कहा; जज साहब! इन रोटियों को जानवर भी नहीं खा सकते

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मामला बिहार के बेगूसराय  Begusarai) का है जो अब सोशल मीडिया पर वायरल (Viral) हो रहा है। यहां कोर्ट में पेशी के लिए लाए गए एक कैदी ने जज से जेल में मिलने वाले खाने की गुणवत्ता को लेकर शिकायत की। इतना ही नहीं, उसने सबूत के तौर पर जज  को रोटियां भी दिखाई और कहा कि इन रोटियों को जानवर भी नहीं खा सकेगा। इसके बाद कोर्ट ने उसकी शिकायत पर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रामजप्पो यादव नाम का यह कैदी पेशी के लिए अदालत पहुंचा तो उसने जज के सामने जेल में मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता को लेकर शिकायत की। उसने जज को जेल की रोटी भी दिखाई, और कहा कि सर ये वही रोटियां हैं जो मुझे रात में खाने को दी गई थीं। यह ऐसी हैं जिसे कोई जानवर भी नहीं खाएगा। उसने आगे कहा कि जेल प्रशासन की ओर से कैदियों को या तो कच्ची रोटियां दी जाती हैं या फिर जली-भुनी। तभी कोर्ट हाजत में डीएलएसए के सचिव ने कोर्ट हाजत प्रभारी से पूछा कि कैदी के पास रोटी कैसे आई?

इसके बाद हाजत प्रभारी ने कहा कि जूनियर वकील ने मुलाकात के दौरान कैदी को खाने के लिए रोटी दी थी। जबकि कैदी ने कहा कि जज साहब मैं खुद जेल में मिली रोटी को पेपर में लपेट कर झोले में रखकर लाया हूं। आपको विश्वास नहीं होता तो जेल में तीन बजे खाना मिलता है। आप चलकर देख सकते हैं। मेरे वार्ड में भी रोटी रखी होगी।

वीरपुर थाना कांड संख्या 152 /2020 में काराधीन रामजप्पो ने अपने पुत्र चंदन के माध्यम से जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव सतीश कुमार झा को कोर्ट हाजत बुलवाकर जेल से लाई जली रोटियों को दिखाकर इंसाफ की गुहार लगाई थी।

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