UP: महंगाई ने बिगाड़ा स्कूलों में मध्याह्न भोजन का जायका, रसोई चलाना हुआ मुश्किल, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने सांसद के सामने उठाई समस्या 

लखीमपुर खीरी 

उत्तर प्रदेश में  स्कूलों की रसोई का महंगाई ने जायका बिगाड़ कर रख दिया है। विद्यालय संचालकों को दो-तीन साल पुरानी दरों पर ही रसोई का संचालन करना पड़ा रहा है। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उ.प्र.ने इस मसले को उठाते हुए शुक्रवार को भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और सांसद श्रीमती रेखा अरुण वर्मा को एक ज्ञापन दिया है और मांग की है कि रसोई के सामान की पुरानी परिवर्तन लागत को बढ़ाया जाए।

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राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के प्रदेश संयुक्त महामंत्री सन्तोष मौर्य के नेतृत्व में दिए गए ज्ञापन में रसोई के सामान पर पड़ी महंगाई का विस्तार से ब्यौरा देते हुए बताया गया है कि जिस समय स्कूलों में मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था लागू की गई थी उस समय सितम्बर- 2004 से 15/08/2016 तक कनवर्जन कास्ट एक रुपए प्रति छात्र प्राथमिक स्तर पर तथा  जुलाई-2007 से जून-2008 तक कनवर्जन कास्ट ढाई रुपए  प्रति छात्र उच्च प्राथमिक स्तर पर थी। जिसमें लगभग प्रत्येक वर्ष मंहगाई के अनुरूप वृद्धि की जाती रही। इसके बाद दो साल में एक बार यानी 2016 के बाद 2018 में बढ़ोतरी की गई।

ज्ञापन में बताया गया कि सबसे अन्त में  अप्रेल 2020 को मध्यान्ह भोजन परिवर्तन लागत प्राथमिक स्तर पर रुपए 4.97 प्रति छात्र तथा उच्च प्राथमिक स्तर पर रुपए 7.45 प्रति छात्र की गई जिसमें अब करीब ढाई साल बाद भी कोई वृद्धि नहीं की गई है।  इसी तरह जुलाई -2019 से फल वितरण हेतु मिलने वाली चार रुपए  प्रति छात्र  की राशि में भी बढ़ोतरी नहीं की गई है जबकि इन दिनों फलों की कीमतों में भारी बढ़ोतरी हो चुकी है।

ज्ञापन के अनुसार मध्यान्ह भोजन में उपयोग की जाने वाली वस्तुओं की कीमतों में भी दो गुने से तीन गुना तक वृद्धि हो गई है। सरसों तेल की जो कीमत पहले 70 से 80 रुपए  प्रति लीटर थी वह अब  180 रुपए प्रति लीटर हो चुका है। इसी तरह गैस सिलेण्डर 600 रुपए से बढ़कर 1050 रुपए  के आसपास हो चुका है। सोयाबीन 50 रुपए प्रति किलो से बढाकर  110 रुपए  प्रति किलो हो गया है। फलों में जो केला 25 से 30 रुपए में मिल जाता था वह अब 50 रुपए  से 60 रुपए  में मिलता है। गयपन में बताया गया कि ऐसी दशा में पुरानी परिवर्तन लागत में मध्यान्ह भोजन व्यवस्था के संचालन में कठिनाई हो रही है।

राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिला संयुक्त महामंत्री विनोद कुमार ने बताया कि संगठन की ओर से सांसद को शिक्षकों को वर्तमान में होने वाली समस्याओं से अवगत कराया। सांसद ने जल्द ही मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ.रमेश पोखरियाल “निशंक” को पत्र लिखकर उक्त समस्या का निस्तारण कराने का आश्वासन दिया है।

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