Good News: रेलवे के 13 लाख कर्मचारियों के लिए लागू हुआ नया ट्रान्सफर माड्यूल, यहां जानिए डिटेल 

नई दिल्ली 

आजादी के अमृत महोत्‍सव के मौके पर 15 अगस्त के दिन  भारतीय रेलवे (Indian Railways) के 13 लाख कर्मचार‍ियों के ल‍िए बड़ी खुशखबरी मिली। इस दिन रेलवे के इन तेरह लाख कर्मचारियों के लिए नया ट्रान्सफर माड्यूल लागू कर दिया गया। यानी अब भारतीय रेलवे ने अपने कर्मचारियों के लिए ट्रान्सफर को और सरल बना दिया गया है

दरअसल, रेलवे कर्मचार‍ियों की घर से दूर तैनाती के कारण बड़ी परेशानी होती हैइसलिए वे अपने घर के नजदीक आने के ल‍िए ट्रांसफर कराने की जुगत में लगे रहते हैं और इसमें उनको काफी मुश्‍क‍िलों का सामना करना पड़ता है। उनसे ट्रांसफर के लिए घूस मांगने की शिकायतें भी बड़ी संख्या में रेल मंत्रालय को मिलती रहती थींलेक‍िन अब 15 अगस्त से लागू हुए नए ट्रान्सफर माड्यूल से रेलवे के तेरह लाख कर्मचारियों इन सबसे निजात मिल जाएगी

रेलवे में कई  अलग-अलग तरह के ट्रांसफर होते हैं जैसे कारखाने वाले स्टाफ का नियमित ट्रांसफर आमतौर पर वर्कशॉप के अंदर ही होता  है और ज‍िसकी तैनाती डिवीजन में है, उसे डिवीजन में ही ट्रांसफर म‍िलता है, लेक‍िन यद‍ि कोई स्टाफ इंटर डिवीजन या इंटर जोनल ट्रांसफर चाहता है तो उसमें बड़ी समस्या होती है परन्तु यद‍ि म्यूचुअल ट्रांसफर कराने वाला कोई स्‍टॉफ होता है तो ये सरल हो जाता है लेकिन हर कर्मचारी को म्यूचुअल ट्रांसफर कराने वाला स्टाफ मिल जाए ये जरूरी भी नहीं हैइस कारण ट्रान्सफर में समस्या बनी रहती है

इन सबसे निजात दिलाने के लिए रेलवे के सॉफ्टवेयर बनाने वाले संगठन सेंटर फोर रेलवे इंफोर्मेशन सिस्टम (CRIS) ने कर्मचारियों के प्रबंधन के लिए एक अहम माड्यूल तैयार क‍िया है। इसको एचआरएमएस (HRMS) नाम दिया गया है। रेलवे बोर्ड के अनुसार इंटर जोनल और इंटर डिव‍िजनल ट्रांसफर के ल‍िए सभी एप्‍लीकेशन इसी के जर‍िए फाइल होंगी। इसके अलावा पहले से जिसकी भी ट्रांसफर की एप्‍लीकेशन पेंड‍िंग है, उसे भी इस पर ही अपलोड क‍िया जाएगा। रेलवे अधिकारियों के अनुसार इस माड्यूल के लागू होने से ट्रांसफर में ट्रांसपेरेंसी आ जाएगी।

अधिकार‍ियों का कहना है क‍ि किसी स्टाफ का ट्रांसफर का समय आने पर वह एचआरएमएस में ऑनलाइन आवेदन कर सकेगा। एक ही जगह के ल‍िए दो आवेदन आने पर पहले वाले को वरीयता दी जाएगीकर्मचारी के आवेदन पत्र पर सुपरवाइजर, ब्रांच अधिकारी और कार्मिक विभाग के अधिकारी भी राय दे सकेंगे. लेकिन  ट्रांसफर पर अंतिम निर्णय डीआरएम या एडीआरएम का ही होगा।

रेलवे के नियमानुसार रेलवे के डिवीजन में संवेदनशील पोस्ट पर काम करने वाले अधिकांश स्टाफ का चार या दो वर्ष में ट्रांसफर होता ही है स्टाफ की शिकायत रहती है कि नियमित ट्रांसफर के दौरान अधिकारी तथा ऑफिस में काम करने वाले स्टाफ कुछ लोगों के साथ भेदभाव बरतते हैं वे नियम के विरुद्ध स्टाफ को अनचाही जगह पर ट्रांसफर कर देते हैं। कुछ स्टाफ का तो हर साल ट्रांसफर किया जाता है जबकि, मजबूत पकड़ वाले स्टाफ बरसों बरस तक एक ही जगह जमे रहते हैं अधिकारियों का कहना है कि ऐसा अब नहीं होगा

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