जयपुर
राजधानी जयपुर में ख़ुदकुशी की एक घटना के बाद सनसनी फ़ैल गई। एक बिजनेसमैन ने लाइसेंसी बन्दूक से खुद को गोली मार कर सुसाइड कर लिया। परिवार के लोगों का आरोप है कि पार्टनर सात करोड़ रुपए हड़प गया। इसलिए उसने सुसाइड कर लिया। बिजनेसमैन ने सुसाइड से पहले एक वीडियो भी बनाया है जिसमें सुसाइड के लिए एक रिटायर्ड पुलिस अफसर के बेटे को जिम्मेदार ठहराया गया है।
सुसाइड की यह घटना राजधानी के शास्त्री नगर की है। पुलिस के अनुसार मृतक मनमोहन सोनी (41) आरपीए के सामने स्वर्णकार कॉलोनी में रहते थे। इनका पानीपेच तिराहे के पास डिपार्टमेंटल स्टोर है। बुधवार दोपहर करीब 10.30 बजे मनमोहन ने अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से सीने में गोली मार ली। गोली चलने की आवाज सुनकर परिवार के लोग कमरे में पहुंचे तो सामने कारोबारी लहूलुहान पड़े थे।
घटना के समय घर में मनमोहन, पत्नी नीतू सोनी (40), बेटा यश (20), मां और छोटे भाई रोहित सोनी की पत्नी मौजूद थी। बेटा यश हादसे के वक्त शॉप पर जाने की तैयारी कर रहा था। अचानक हादसे की आवाज सुनकर कमरे में गए तो सबके होश उड़ गए। उसके बाद तुरंत ही छोटे भाई रोहित को बुलाया। परिवार वाले फौरन उन्हें कांवटिया हॉस्पिटल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
सुसाइड से पहले बनाया वीडियो
मृतक मनमोहन ने सुसाइड से पहले मोबाइल पर वीडियो बनाया, जिसमें बताया कि पिछले दस दिन से वह आत्महत्या करने का प्रयास कर रहा हूं, लेकिन हिम्मत नहीं हो रही। हो सकता है आज मेरे जिंदगी का आखिरी दिन हो। बैंकों से कर्जा हो गया और बैंक कर्जा वसूलने के लिए आए दिन फोन कर रहे हैं। काफी दुखी हो गया हूं। हिम्मत टूट गई। मेरी आत्महत्या के जिम्मेदार सत्यार्थ तिवाड़ी और लोकराज पारीक है। कानून इन्हें सजा दे। वीडियो में सोनी ने यह भी कहा कि उनके नाम की एक एलआइसी है, जिसकी रकम परिजन को दिलवा दी जाए।
खुदकुशी के बाद मनमोहन सोनी के परिजनों ने एक रिटायर पुलिस अफसर के बेटे सत्यार्थ तिवाड़ी सहित कई अन्य लोगों के खिलाफ आरोप लगाए है। पत्नी नीतू ने रिपोर्ट में बताया कि सत्यार्थ उनके पति के साथ पिछले कई वर्षों से फाइनेंस का काम करता था। कारोबारी की पत्नी नीतू व सगे भाई का आरोप है कि गहरी दोस्ती का फायदा उठाकर सत्यार्थ ने मनमोहन का मकान गिरवी रखवा दिया और करीब 6 करोड़ रुपए प्राप्त कर लिए। मनमोहन ने रुपए लौटाने के लिए कहा तो सत्यार्थ पहले टालता रहा। फिर अपने रिश्तेदारी में परिचित पुलिस अफसरों, एक हॉस्पिटल की महिला डॉक्टर सहित कुछ लोगों ने धमकियां दिलवानी शुरू कर दी।
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वहीं मनमोहन सोनी के चचेरे भाई समर सोनी का कहना था कि मनमोहन का 20 साल पुराना बिजनेस पार्टनर सत्यार्थ तिवाड़ी है। सत्यार्थ तिवाड़ी के पिता रमेश चंद तिवाड़ी राजस्थान पुलिस में डिप्टी थे। सत्यार्थ फाइनेंस का काम करता था। मनमोहन सोनी का पैसा फाइनेंस पर लगा दिया। फिर कोरोना के समय पर सत्यार्थ ने हाथ खड़े कर दिए। घर बुलाकर मनमोहन सोनी को डराया-धमकाया करते थे। बोलते थे- तेरा पैसा गया, तू कुछ नहीं कर सकता है।
दो साल पहले भी आत्महत्या का प्रयास
मनमोहन सोनी ने दो साल पहले भी आत्महत्या का प्रयास किया था। उस दौरान सोनी ने बहुत सारी गोलियां एक साथ खा ली थीं। तब भी शास्त्री नगर थाना पुलिस ने एफआईआर करने से मना कर दिया था। जैसे-तैसे एफआईआर दर्ज कराई गई थी। बाद में सत्यार्थ तिवाड़ी ने एफआर लगवा दी थी। पीड़ित परिवार ने बाद में कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इसके बाद पुलिस बोली थी कि यह सिविल का केस है। ज्यादा कुछ नहीं हो सकेगा।
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