भरतपुर
कच्चे परकोटे पर रहने वाले लोगों का बीस-बाइस साल से चला आ रहा संघर्ष लगता है अब रंग ला रहा है। परकोटे पर रहने वाले लोग उन्हें पट्टा देने की मांग कर रहे हैं। अब इसी पर चर्चा करने के लिए स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने 13 जनवरी को जयपुर में विशेष मीटिंग बुलाई है जिसमें कच्चा परकोटा संघर्ष समिति के प्रतिनिधि को भी बुलावा भेजा गया है।
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मीटिंग स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल के निवास पर उनकी अध्यक्षता में अपराह्न चार बजे होगी। कच्चे परकोट पर पट्टे कैसे दिए जाएं, यही मीटिंग का एकमात्र एजेंडा है। मीटिंग में परकोटे पर काबिज परिवारों की पट्टा पत्रावलियों के प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत निस्तारण बाबत चर्चा होगी।
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मीटिंग में कच्चा परकोटा नियमन संघर्ष समिति के प्रतिनिधि मंडल के साथ ही राजस्थान सरकार के मुख्य सलाहकार जीएस संधू सचिव प्रशासन विभाग राजस्थान सरकार, जयपुर निदेशक स्थानीय निकाय जयपुर मुख्य नगर नियोजक राजस्थान जयपुर, उप नगर नियोजक भरतपुर, आयुक्त नगर निगम भरतपुर, सचिव नगर सुधार न्यास भरतपुर, स्थानीय विधायक एवं राज्य मंत्री सुभाष गर्ग एवं आदि को आमंत्रित किया गया है।
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आपको बता दें कि भरतपुर शहर के चारों ओर साढे 9 किलोमीटर की लंबाई में स्थित मिट्टी के कच्चे परकोटे पर रहने वाले 2000 परिवारों को पट्टों को लेकर पिछले 20-22 साल से आंदोलन चल रहा है। इस दौरान आंदोलन में कई उतार-चढ़ाव भी आए। कई बार सफलता की किरणें भी दिखाई दीं लेकिन राजनीतिक अड़ंगेबाजी के कारण इस समस्या का निराकरण नहीं हो पाया।
पिछले एक साल में आंदोलन ने ऐसे पकड़ा जोर
पिछले वर्ष 24 फरवरी, 2022 से लेकर 6 मार्च, 2022 तक जिला कलेक्ट्रेट के सामने लगातार धरना दिया गया। 7 मार्च, 2022 को संघर्ष समिति की पट्ट्या परिक्रमा कुम्हेर गेट से लेकर जिला कलेक्ट्रेट तक रखी गई जिसे कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने सरकार की ओर से आश्वासन देकर समाप्त करवाया गया। इसके बाद राज्य सरकार से कुछ आदेश भी हुए, लेकिन उन आदेशों में विसंगतियों के कारण मामला फिर अटक गया।
हालांकि इसके बाद भी विसंगतियों को दूर करने के लिए समय-समय पर बैठकों के दौर चले जिसके चलते 25 जुलाई, 2022 को सरकार की ओर से आदेश जारी किए गए कि डीएलसी की दर 10 परसेंट राशि लेकर नियमन किया जाए। लेकिन संघर्ष समिति इस पर राजी नहीं हुई और इस आदेश को दोहरे मापदंड वाला बताया गया। इस आदेश की खिलाफत करते हुए संघर्ष समिति द्वारा दिसंबर 2022 में गांधी पार्क में एक सद्बुद्धि यज्ञ किया गया जिस पर सरकार द्वारा कोई सुनवाई नहीं करने पर नगर निगम के सामने सांकेतिक धरना दिया गया।
इस पर भी जब सुनवाई नहीं हुई तो 22 दिसंबर 2022 को कुम्हेर गेट से लेकर बिजली घर तक महिलाओं द्वारा पट्ट्या परिक्रमा दी गई जिस पर कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह एवं जिला कलेक्टर आलोक रंजन के सार्थक प्रयासों से 23 दिसंबर 2022 को मुख्यमंत्री के हेलीपैड तक निकलने वाली परिक्रमा को रोका गया। 30 दिसंब को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने हेलीपैड पर संघर्ष समिति की मुलाकात करा कर एक ज्ञापन दिया और स्वयं ने कच्चे पर कोटे वालों का पक्ष रखते हुए 69 ए के तहत पट्टे दिलाने की वकालत की गई। इसी कड़ी में अब 13 जनवरी को एक बैठक आमंत्रित की गई है।
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