जयपुर में नक़ल का महल ‘अधिगम’ तहस-नहस, JDA ने 5 मंजिला बिल्डिंग को किया जमींदोज, सड़क पर भी कर लिया था कब्जा | Big Question: बिना मंजूरी के कैसे खड़ा हो गया इतना बड़ा महल?

जयपुर 

सीनियर टीचर भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में मुख्य आरोपी भूपेंद्र सारण और सुरेश ढाका के जयपुर स्थित नक़ल के महल ‘अधिगम कोचिंग इंस्टीट्यूट’ को सोमवार सुबह जेडीए द्वारा ढहा दिया गया।  JDA ने अधिगम के इस पांच मंजिला महल पर ऐसा बुलडोजर चलाया कि कुछ घंटों में जमींदोज हो गया। इन नक़ल माफियाओं ने सड़क तक पर कब्ज़ा कर लिया था। JDA ने उस कब्जे को भी हटा दिया।

पांच मंजिला यह महल बिना मंजूरी के बनाया गया था। बड़ा सवाल अब यही है कि बिना मंजूरी के यह इमारत खड़ी कैसे हो गई? इसके जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ एक्शन फ़िलहाल भविष्य के गर्त में है।

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जेडीए को कॉर्नर के प्लॉट पर बने नकल के इस पांच मंजिला  महल को जमीदोज करने में करीब सवा दो घंटे लगे। माफियाओं ने सर्विस रोड तक पर कब्ज़ा कर लिया था। जेडीए ने जेसीबी और पोकलेन मशीनों से उन सब को मटियामेट कर दिया। इस काम के लिए JDA की टीम सुबह करीब 7:30 बजे ही मौके पर पहुंच गई थी। इस दौरान टीम के साथ 1 पोकलेन मशीन, 3 जेसीबी मशीन, 12 लोखंडा, 3 ड्रिल और 2 कटर मशीन के साथ 30 से ज्यादा लेबर थी। दो रेसिडेंसियल प्लॉट को जोड़कर करीब 500 वर्गगज एरिया में यह नकल का महल खड़ा किया गया था।

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जेडीए के एन्फोर्समेंट विंग के चीफ रघुवीर सैनी का कहना था कि पहले टेक्निकल टीम से बिल्डिंग की जांच करवाई थी। इसमें पाया गया कि बिल्डिंग जेडीए से बिना अनुमति और बिल्डिंग बायलॉज का उल्लंघन करके बनाई गई है। ये इमारत दो आवासीय प्लॉट को जोड़कर बनाई गई है, जबकि इसका कॉमर्शियल उपयोग हो रहा था। यह सब तय होने के बाद  बिल्डिंग मालिक अनिल अग्रवाल और कोचिंग संचालक भूपेन्द्र सारण, सुरेश ढाका, धर्मेंद्र चौधरी आदि को नोटिस जारी करके 8 जनवरी तक जवाब पेश करने का समय दिया था। तय समय पूरा होने के बाद तोड़फोड़ का एक्शन लिया गया। इस निर्माण के दौरान एक भूखंड पर 8 फीट, जबकि दूसरे पर 10 फीट पर जीरो सेटबैक में कवर करके निर्माण किया गया। जो बिल्डिंग नियमों के मुताबिक अवैध है।

इसके अलावा बिना अनुमति के बेसमेंट के साथ 5 मंजिला अवैध व्यावसायिक बिल्डिंग का निर्माण कर लिया गया। इस बिल्डिंग के बेसमेंट और ग्राउंड फ्लोर पर कॉमर्शियल गतिविधियां चलती थीं, जबकि पहली, दूसरी और तीसरी मंजिल पर अधिगम की कोचिंग चलती थी। पांचवी मंजिल पर एक अवैध पेंट हाउस का निर्माण भी किया गया है। इसके अलावा कॉर्नर प्लॉट होने के कारण सड़क के किनारे जो जमीन सरेंडर करनी थी, उस जमीन पर भी कब्जा करके निर्माण किया गया है। रोड सीमा में बालकनी निकालकर बिल्डिंग बायलॉज का गंभीर उल्लंघन कर बेसमेंट सहित 5 मंजिला अवैध व्यावसायिक बिल्डिंग का निर्माण कर लिया।

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प्रभु-सहचर्य

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