नई दिल्ली
RBI बढ़ती महंगाई से टेंशन में है। उसने बुधवार को रेपो रेट में फिर इजाफा कर दिया। इससे कर्ज महंगा हो गया है। रेपो रेट में इजाफे के बाद होम लोन से लेकर ऑटो और पर्सनल लोन सब कुछ महंगा हो जाएगा और आपको ज्यादा EMI चुकानी होगी। इस फैसले का असर आना भी शुरू हो गया है। आपको बता दें कि इससे पहले सितंबर में ब्याज दरों को 5.40% से बढ़कर 5.90% किया गया था।
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में ब्याज दरों से जुड़ी घोषणा की। ब्याज दरों पर फैसले के लिए 5 दिसंबर से मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की मीटिंग चल रही थी। RBI रेपो रेट में 0.35% की बढ़ोतरी की है। इससे अब रेपो रेट 5.90% से बढ़कर 6.25% हो गई है। गवर्नर दास ने बताया कि महंगाई के दबाव को देखते हुए एक बार फिर रेपो रेट में 0.35 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। रेपो रेट वह दर होती है, जिस पर रिजर्व बैंक अन्य बैंकों को कर्ज देता है। यदि बैंकों के लिए आरबीआई से कर्ज उठाना महंगा होगा तो बैंक इसका बोझ आम आदमी पर भी डालेंगे।
5वीं बार बढ़ी रेपो रेट, 1.90 फीसदी की वृद्धि
रिजर्व बैंक ने लगातार पांचवीं बार रेपो रेट में बढ़ोतरी की है। इस वर्ष पहली बार मई में रेपो रेट 0.50 फीसदी बढ़ाया। इसके बाद से अब तक रेपो रेट में 1.90 फीसदी की वृद्धि हो चुकी है। rbi के मुताबिक, अब रेपो रेट 5.90 प्रतिशत से बढ़कर 6.25 प्रतिशत हो जाएगा। इसके अलावा आरबीआई ने स्टेंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी रेट को 5.65 फीसदी से बढ़ाकर 6 फीसदी कर दिया। इसके अलावा मार्जिनल स्टेंडिंग फैसिलिटी (एमएसएफ) और बैंक रेट 0.35 फीसदी की वृद्धि के साथ 6.50 फीसदी हो गया।
एचडीएफसी ने 10 फीसदी आधार दर बढ़ाई
इस फैसले का असर अब बैंकों के लोन की ब्याज दरों के बढ़ने के रूप में दिखने लगा है। रेपो रेट में इजाफा होने के निर्णय के तुरंत बाद एचडीएफसी बैंक ने मार्जिनल कॉस्ट लेंडिग रेट्स यानी एमसीएलआर बढ़ा दिया है। एमसीएलआर के आधार पर बैंक लोन पर ब्याज दरों को लागू करते हैं। यानी एमसीएलआर बढ़ने पर लोन पर ब्याज दर बढ़ जाती है। एचडीएफसी ने 7 दिसंबर 2022 से 10 बेसिस प्वाइंट एमसीएलआर बढ़ाकर लागू कर दिया है। इससे बैंक के एक रात के टेन्योर वाले लोन से लेकर 3 साल तक के लोन टेन्योर पर ब्याज दरें बढ़ गई हैं। एचडीएफसी बैंक ने मार्जिलन कॉस्ट लेंडिंग रेट को 10 बेसिस प्वाइंट बढ़ा दिया है। इससे लोनधारकों के लिए ऋण लेना महंगा हो गया है।
इतना पड़ेगा फर्क
मान लीजिए कि किसी व्यक्ति ने इस साल मार्च में सात फीसदी ब्याज पर 20 साल के लिए 30 लाख रुपए का लोन लिया, तो उसे शुरुआत में 23,258 रुपए की ईएमआई देनी पड़ी होगी। रेपो रेट में 2.25 फीसदी के इजाफे के साथ ब्याज दर बढ़कर 9.25 फीसदी पर पहुंच गई होगी तो ईएमआई बढ़कर 27,387 रुपए पर पहुंच जाएगी। यह ईएमआई में 17.75 फीसदी के इजाफे को दिखाता है। इस तरह अगर किसी व्यक्ति ने 30 साल के लिए लोन लिया होगा तो उसकी ईएमआई में 23 फीसदी का इजाफा हुआ होगा।
हालांकि, बची हुई अवधि कम रहने पर असर कम देखने को मिलेगा। उदाहरण के लिए अगर लोन की अवधि 10 साल बची हुई है तो ईएमआई में केवल 9.96 फीसदी का इजाफा देखने को मिलेगा।
नोट:अपने मोबाइल पर ‘नई हवा’ की खबरें नियमित प्राप्त करने के लिए व्हाट्सएप नंबर 9460426838 सेव करें और ‘Hi’ और अपना नाम लिखकर मैसेज करें
चूहे का कत्ल हुआ या फिर उसके फेफड़े-लीवर हो गए थे खराब, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ये हुआ खुलासा
अब हर जगह अनिवार्य होगा Birth Certificate, जानिए क्या है सरकार का नया प्लान