राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने पुरानी पेंशन को लेकर सीएम योगी के सामने रखी यह बात | मिला यह भरोसा

लखनऊ 

पुरानी पेंशन बहाली, शिक्षकों को कैसलेश चिकित्सा सुविधा, विशिष्ट बीटीसी 2004 बैच को केंद्र के समान मेमोरेंडम जारी करके पुरानी पेंशन से आच्छादित करने सहित अन्य शिक्षक समस्याओं पर राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सकारात्मक वार्ता हुई।

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प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश प्रभारी महेंद्र कुमार  के नेतृत्व में सीएम योगी के सामने प्राथमिक/ उच्च प्राथमिक में पदोन्नति के बाद 17140/18150 का न्यूनतम वेतनमान देने, शिक्षकों को 20 लाख रुपए का सामूहिक तथा 40 लाख रुपए का दुर्घटना बीमा देने, शिक्षकों को प्रतिवर्ष 15 ईएल देने एवं परिषदीय विद्यालयों की अवकाश तालिका में पितृ विसर्जन..नवरात्र के प्रथम दिन एवं अष्टमी के अवकाश को शामिल करने के साथ ही उच्च शिक्षा तथा माध्यमिक शिक्षा से सम्बंधित समस्याएं रखीं।

प्रतिनिधिमंडल में शामिल राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश की प्रदेश अध्यक्ष निर्मला यादव ने बताया कि पुरानी पेंशन बहाली की मांग पर मुख्यमंत्री  ने कहा है कि पेंशन के सम्बंध में केंद्र सरकार द्वारा एक कमेटी बनाई गई है। उसकी संस्तुति आने के बाद केंद्र सरकार के निर्णय के अनुरूप राज्य सरकार निर्णय लेगी।

प्राथमिक संवर्ग के प्रदेश अध्यक्ष अजीत सिंह ने सभी शिक्षकों को राज्य कर्मचारियों की भांति कैशलेश चिकित्सा सुविधा दिए जाने की मांग की। इस विषय पर मुख्यमंत्री काफी सकारात्मक रहे और कहा कि राज्य के सभी कर्मचारियों शिक्षकों को निःशुल्क चिकित्सा देना उनकी प्राथमिकता में है।

प्राथमिक संवर्ग के महामंत्री भगवती सिंह ने उत्तर प्रदेश राज्य में 01 अप्रैल 2005 को लागू हुए एनपीएस से लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व 14 जनवरी 2004 के विज्ञापन से चयनित/ नियुक्त विशिष्ट बीटीसी 2004 बैच के शिक्षकों को बेसिक शिक्षा निदेशक द्वारा 01 अप्रैल 2005 के पुर्व के विज्ञापन से चयनित/ नियुक्त शिक्षकों का विवरण देने हेतु समस्त बीएसए को जारी 1 नवंबर 2023 के अपने पत्र मेंफ़ शामिल न करने का विशेष नोट लगाने से हुई पीड़ा से मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि विशिष्ट बीटीसी 2004 बैच के शिक्षकों की भर्ती के लिए उत्तर प्रदेश शासन ने 5 मई 2003 को सर्वप्रथम 46189 पदों का सृजन किया। फिर इन पदों के सापेक्ष शिक्षकों की नियुक्ति हेतु 14 जनवरी 2004 को विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण के लिए शासनादेश जारी किया। जिसके क्रम में 22 जनवरी 2004 को जारी विज्ञापन से प्रदेश में 46189 विशिष्ट बीटीसी शिक्षक चयनित/ प्रशिक्षित/ नियुक्त हुए।

भगवती सिंह ने बताया कि इसलिए यह सभी शिक्षक केंद्र सरकार के द्वारा 3 मार्च 2023 को जारी पेंशन मेमोरेंडम जिसमें एनपीएस नोटिफिकेशन के पूर्व के विज्ञापन से चयनित समस्त कार्मिकों को पुरानी पेंशन देने का प्रावधान किया गया है, के अंतर्गत आएंगे। उन्होंने  इन समस्त शिक्षकों को 01 अप्रैल 2005 के पूर्व के विज्ञापन से चयनित कार्मिकों के विवरण में शामिल करने हेतु निदेशक (बेसिक शिक्षा ) को आदेशित करने तथा ऐसे सभी शिक्षकों को केंद्र के 03 मार्च 2023 के मेमोरेंडम की तरह उत्तर प्रदेश राज्य में भी मेमोरेंडम लाकर पुरानी पेंशन से आच्छादित करने की मांग की।  जैसा उत्तराखंड एवं हरियाणा राज्य की भाजपा नीत सरकारों ने अपने राज्य में केंद्र के समान मेमोरेंडम लाकर एनपीएस नोटिफिकेशन के पूर्व के विज्ञापन से चयनित शिक्षकों कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का विकल्प चुनने का अवसर दे दिया है। इस पर  मुख्यमंत्री ने प्रकरण का परीक्षण कराकर इस विषय का पटाक्षेप करने का आश्वासन दिया और पत्र को मार्क करके अपने कार्यालय सचिव को दिया।

शिक्षक नेताओं के अनुसार पदोन्नति के बाद 17140/18150 का न्यूनतम वेतनमान न मिलने से हुई वेतन विसंगति दूर करने के विषय पर मुख्यमंत्री ने प्रकरण का परीक्षण कराकर हल कराने का आश्वासन दिया। सामूहिक एवं दुर्घटना बीमा पर भी मुख्यमंत्री जी ने सकारात्मक रुख दिखाया। शिक्षकों को वार्षिक 15 ईएल एवं परिषदीय विद्यालयों के अवकाश तालिका में पित्र विसर्जन, नवरात्रि के प्रथम एवं आठवें दिन अवकाश के मुद्दे पर मुख्यमंत्री जी का रुख सकारात्मक रहा।

माध्यमिक संवर्ग के प्रदेश उपाध्यक्ष जोगेंद्र पाल सिंह ने मुख्यमंत्री  से माध्यमिक शिक्षकों की समस्याओं पर वार्ता करते हुए शिक्षकों की सेवा सुरक्षा देने बाली उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अधिनियम 1982की धारा 18 व 21 को बहाल करने, स्ववित्त पोषित विद्यालयों के शिक्षकों व प्रधानाचार्यों की सेवा नियमावली बनाकर उन्हें सेवा सुरक्षा देने, व्यवसायिक शिक्षकों के मानदेय वृद्धि करने व तदर्थ शिक्षकों के वेतन भुगतान का आग्रह किया। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी स्तर पर शिक्षकों का शोषण व उत्पीड़न नहीं होने दिया जाएगा, शिक्षकों का उत्पीड़न करने वाले प्रबंधकों या अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाएगी।

प्रदेश प्रभारी महेंद्र कुमार द्वारा उच्च शिक्षा में अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में स्ववित्तपोषित योजना के अंतर्गत संचालित पाठ्यक्रमों को वेतन संदाय में लिए जाने तथा अहर्ताधारी मानदेय प्रवक्ताओं को आमेलित किए जाने की मांग की गई। इस विषय पर मुख्यमंत्री द्वारा सकारात्मक आश्वासन दिया गया। स्ववित्तपोषित इंटर कालेज और डिग्री कॉलेज के शिक्षकों की सेवा नियमावली बनाए जाने की मांग पर भी उन्होंने सकारात्मक आश्वासन दिया।

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