सुप्रीम कोर्ट को मिले 3 नए जज, कॉलेजियम की सिफारिश पर केंद्र ने लगाई मुहर

नई दिल्ली 

केंद्र सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश पर मुहर लगा दी। केंद्र की मुहर लगते ही सुप्रीम कोर्ट को आज तीन नए जज मिल गए और इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट में जजों की अधिकतम संख्या पूरी हो गई। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 6 नवंबर को उनके नामों की सिफारिश की थी इसके चलते कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर तीनों जजों की नियुक्ति की घोषणा की

पांच लाख की घूस लेते पकड़ा गया रेलवे का डिप्टी चीफ इंजीनियर, घूस देने आए ठेकेदार पिता-पुत्र भी ग‍िरफ्तार | आरोपितों के ठिकानों से 52 लाख कैश बरामद

केंद्र ने जिन नामों पर मुहर लगाई है, उनमें दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा, राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह और गुवाहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संदीप मेहता शामिल हैं। तीनों जज ने आज शाम 4 बजे सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के तौर पर शपथ ली। उनके शपथ लेने के बाद शीर्ष अदालत अब 34 जजों की अपनी पूरी क्षमता के साथ काम करेगी

सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश सहित न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 34 है पिछली बार, शीर्ष अदालत ने इस साल फरवरी में अपनी पूरी ताकत हासिल की थी, जब न्यायमूर्ति राजेश बिंदल और अरविंद कुमार को शीर्ष अदालत में पदोन्नत किया गया था

सुप्रीम कोर्ट के नव नियुक्त न्यायाधीशों का परिचय 
सतीश चंद्र शर्मा: 30 नवंबर 1961 को जन्मे जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हैं। इससे पहले वह तेलंगाना हाईकोर्ट के भी चीफ जस्टिस रह चुके हैं। उन्होंने कर्नाटक हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश और कर्नाटक हाईकोर्ट और मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के जज के रूप में कार्य किया है। 1984 में उन्होंने अपने वकालत करियर की शुरुआत की। शर्मा 28 जून 2022 को दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बने थे।

जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह: मसीह राजस्थान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हैं। उन्हें 30 मई 2023 को राजस्थान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में पदोन्नत किया गया था। इससे पहले वह पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के जज रह चुके हैं। जस्टिस एजी मसीह को 10 जुलाई, 2008 को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। वह ऑल इंडिया हाईकोर्ट के न्यायाधीशों की वरिष्ठता सूची में सातवें स्थान पर हैं और अपने मूल हाईकोर्ट के न्यायाधीशों में पहले स्थान पर हैं।

जस्टिस संदीप मेहता: मेहता अभी गुवाहाटी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हैं। इससे पहले वह राजस्थान हाईकोर्ट के जज थे। जस्टिस मेहता 30 मई 2011 को राजस्थान हाईकोर्ट के जज बने थे। वह इस साल 15 फरवरी से गुवाहाटी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस है। वह ऑल इंडिया हाईकोर्ट जजों की सीनियॉरिटी लिस्ट में 23वें नंबर पर हैं और अपने मौजूदा हाईकोर्ट में जजों में पहले स्थान पर हैं।

क्या है कॉलेजियम?
कॉलेजियम का गठन 1993 में हुआ था। ये सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की एक कमेटी है। इसके अध्यक्ष चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया हैं। कॉलेजियम जजों की नियुक्ति और प्रमोशन से जुड़े मामलों पर फैसला लेती है। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जज की नियुक्ति कॉलेजियम की सिफारिश पर ही होती है। इसके लिए कॉलेजियम केंद्र सरकार को नाम भेजती है, जिसे सरकार राष्ट्रपति के पास भेजती है।

राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद नोटिफिकेशन जारी होता है और जज की नियुक्ति होती है। आमतौर पर सरकार कॉलेजियम की सिफारिशों को मान लेती है। लेकिन कई बार कुछ नामों को दोबारा विचार करने को कहती है। हालांकि, अगर फिर से कॉलेजियम वही नाम सुझाती है तो सरकार उसे मंजूर करने के लिए बाध्य है।

नई हवा’ की  खबरें  नियमित और अपने मोबाइल पर डायरेक्ट प्राप्त करने  के लिए  व्हाट्सएप नंबर  9460426838 सेव करें और ‘Hi’ और अपना नाम, स्टेट और सिटी लिखकर मैसेज करें

पांच लाख की घूस लेते पकड़ा गया रेलवे का डिप्टी चीफ इंजीनियर, घूस देने आए ठेकेदार पिता-पुत्र भी ग‍िरफ्तार | आरोपितों के ठिकानों से 52 लाख कैश बरामद

भरतपुर से गिरधारी तिवारी मैदान से हटे, बोले- इसलिए लिया नाम वापस | अब बदल सकते हैं समीकरण

OMG! एक बैंक खाता, दो मालिक, एक पैसे जमा करता रहा तो दूसरा निकालता रहा | इसके बाद फिर हुआ ये

सांगानेर में भजनलाल शर्मा की राह नहीं आसान, स्थानीय बनाम बाहरी का मुद्दा हावी हुआ | नहीं जुट रहे स्थानीय कार्यकर्ता

बदलेगा अलीगढ़ का नाम, नगर निगम में प्रस्ताव पास | नया नाम होगा हरिगढ़ | जानिए नाम बदलने की प्रक्रिया

50 साल के कांग्रेस विधायक अमीन कागजी ने हिंदू युवती से की दूसरी शादी | ऐसे हुआ खुलासा