किसान महापंचयत में उठी भरतपुर-डीग को NCR से बाहर करने की मांग | महापंचयत में बड़ा आंदोलन करने का फैसला

वैर 

किसान संघर्ष समिति द्वारा जिले की वैर तहसील के ग्राम गोविन्द पुरा ( मीठे के नगला ) में  हुई किसान महापंचायत में चेतावनी दी गई कि भरतपुर और डीग जिलों में एनसीआर के नाम पर अगर सरकार ने पुराने डीजल पेट्रोल वाहनों को बन्द किया तो सभी वर्गो के साथ किसान मजदूर संगठित होकर उसका विरोध करेंगेकिसान महापंचायत ने सर्व सहमति से पुराने वाहनों पर लगी पाबन्दी के आदेशों को तुरन्त निरस्त करने तथा दोनों जिलों को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से बाहर करने की मांग करते हुए किसानों को शीघ्र ही सिंचाई का पानी उपलब्ध कराने की मांग की गई।

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किसान महापंचायत में लगभग एक दर्जन से अधिक गांवों के किसान अपने साधनों से पहुंचे और किसान समस्याओं के समाधान की पुरजोर मांग रखी। महापंचायत में किसान संघर्ष समिति के संयोजक इन्दल सिंह जाट ने कहा कि केन्द्र सरकार की गलत नीतियों के कारण देश में सबसे ज्यादा किसान, मजदूर और नौजवान दुःखी है।उन्होंने कहा कि खेती और किसानों की सभी सरकारों ने उपेक्षा की जिसकी वजह से किसान कर्जदार होता चला गया और किसानों की आत्महत्या ये लगातार होती रहती हैं।

इन्दल सिंह ने कहा कि किसानों को लागत के मुताविक कृषि उत्पादों के दाम नहीं मिलते, खेती मंहगी होती जा रही है। सिंचाई के पानी का कोई प्रबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार को गुड़गांव  नहर के द्वितीय चरण को पूरा करके यमुना का पानी भी लेना चाहिये। उन्होंने कहा कि हम सिंचाई पानी के लिये 2007 से लगातार संघर्ष कर रहे हैं।उन्होंने मांग की कि सरकार को ईआरसीपी को जल्दी पूरा कर सिंचाई पानी उपलब्ध कराए। उन्होंने कहा कि एनसीआर की वजह से दोनों जिलों का नुकसान हुआ है।

महापंचायत में सैनी माली कुशवाह आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक मुरारी लाल सैनी ने कहा कि अगर प्रशासन और सरकार ने 10 वर्ष पुराने डीजल और 15 साल पुराने पैट्रोल वाहनों को पकड़ कर बन्द किया तो इसके विरोध में आन्दोलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पुराने वाहनों को बन्द करने से आम आदमी की परेशानी बढ़ेगी तथा लाखों लोग और बेरोजगार हो जायेगे। उन्होंने कहा कि आन्दोलन को और मजबूत बनाने के लिये दोनों जिलों में जनसम्पर्क को और तेज किया जायेगा।

महापंचायत में किसानों ने कहा कि बाणगंगा नदी और गम्भीर कई दशक से सूखी पड़ी है और खेती बगैर पानी बर्बाद हो रही है। सरकार को ईआरसीपी को जल्दी पूरा कर किसानों के लिये सिंचाई के पानी का प्रबंध करना चाहिये। किसानों ने सभी कृषि उत्पादों पर समर्थन मूल्य देने की मांग करते हुए खेती की लागत कम करने के लिये खाद, बीज, दवाई के मूल्यों पर नियंत्रण लगाने तथा टैक्ट्रर, डीजल और खेती के काम आने वाली चीजों को और सस्ता करने की जरूरत बताई। किसानों ने कहा कि मुख्यमंत्री भरतपुर के हैं और वह किसानों की सभी समस्याओं को जानते हैं। भरतपुर और डीग जिले में पानी और रोजगार की सबसे ज्यादा बड़ी समस्या है जिसका समाधान होना चाहिये।

किसानों ने कहा कि एनसीआर से कोई फायदा नहीं मिला। उद्योग धन्धे भी नहीं नहीं पनपे। तमाम नियम कानूनों से हर वर्ग परेशान हो रहा है। उन्होंने कहा कि चाहे बैंक हो या बीमा कम्पनी वो किसानों का हक मार कर शोषण कर रही हैं। किसानों ने कहा कि सरकार बड़े उद्योगपतियों और अमीरों का लाखों करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर रही है लेकिन किसानों का नहीं। सरकार आन्दोलनों को कुचलने का काम कर रही है। केन्द्र सरकार को किसानों से बातचीत कर उनकी समस्याओं का समाधान निकालना चाहिये।

किसान महा पंचायत को खैम राज मीणा डायरेक्टर, विरेन्द्र सिंह बल्लमगढ़, महेन्द्र गुर्जर खेड़ली, राम कुमार सैनी, सुरेश पीटीआई, देशराज हिसामड़ा, पुष्पेंद्र गोठरा, अमर सिंह सैनी, निरोत्तम थानेदार, मोहन लाल तिवारी, भगवान सिंह सैनी, सम्पत सैनी, रामेश्वर धाकड़, नैमी सैनी, दौलत डायरेक्टर सरसैना, रूपसिंह जाटव, टीकम जहानपुर, शिवलाल नावर, रामस्वरूप नावर, महाराज सिंह गुर्जर ने भए संबोधित किया। अध्यक्षता करन सिंह सैनी ने की तथा संचालन श्रीराम सैनी जहानपुर ने किया।

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