रेलवे के सहायक डिविजनल इंजीनियर को 1.80 लाख की घूस लेते हुए CBI ने दबोचा, हाउस सर्च में मिला 60.62 लाख कैश

नागपुर 

दक्षिण मध्य रेलवे का एक सहायक डिविजनल इंजीनियर 89.55 लाख रुपए के बिल को पास करने के एवज में 1.80 लाख रुपए की रिश्वत मांग रहा था। CBI ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया है।

CBI अधिकारियों के अनुसार गिफ्तार रेलवे इंजीनियर का नाम एबी चतुर्वेदी है। उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। एबी चतुर्वेदी मध्य रेलवे के नागपुर में तैनात है।

दो फीसदी मांग रहा था घूस
CBI के अनुसार रेलवे इंजीनियर एबी चतुर्वेदी 89.55 लाख रुपए  के लंबित बिल को मंजूरी देने के एवज में बिल की राशि का दो प्रतिशत बतौर रिश्वत मांग रहा था सीबीआई के प्रवक्ता आरसी जोशी ने बताया, ‘‘एजेंसी ने जाल बिछाया और शिकायतकर्ता से 1.80 लाख रुपए की घूस लेते हुए इंजीनियर को रंगे हाथ गिरफ्तार किया।’’

उन्होंने बताया, ‘‘ आरोपी के परिसरों की तलाशी ली गई और इस दौरान करीब 60.62 लाख रुपए  की नकदी और अपराध में संलिप्तता का संकेत करने वाले अन्य दस्तावेज बरामद किए।’’ सीबीआई की कार्रवाई के बाद पूरे नागपुर मंडल में खलबली मच गई है। हालांकि मंडल में कुछ न कुछ गड़बड़ होने की चर्चा चल रही थी लेकिन सीबीआई ने गोपनीय तरीके से काम किया।

यह थी शिकायत
रेलवे कांट्रैक्टर रितेश सुभाष सुराना वर्धा स्थित मेसर्स सुभाष फत्तेचंद सुराना कंपनी का संचालक है। उनकी कंपनी को रेलवे ट्रैक मेंटेनेंस का कांट्रैक्ट मिला था। कंपनी द्वारा 89.55 लाख रुपए का काम किया गया। इसका बिल सहायक डिविजनल इंजीनियर एबी चतुर्वेदी के कार्यालय में प्रस्तुत किया गया लेकिन पिछले 6 महीनों से चतुर्वेदी बिल क्लियर करने के लिए आनाकानी कर रहा था। सुराना ने चतुर्वेदी से मिलकर बातचीत की तो बिल क्लियर करवाने की एवज में 2 फीसदी कमीशन के तौर पर 1.80 लाख रुपए की  रिश्वत मांगी। सुराणा ने परेशान होकर सीबीआई कार्यालय में शिकायत की। सत्यापन में शिकायत सही पाए जाने पर एबी चतुर्वेदी को उसके कार्यालय से ही गिरफ्तार कर लिया गया।

आपको बता दें इससे पहले गुरूवार देर रात को पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा मंडल में तैनात रेलवे के वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक (DCM) अजय कुमार पाल और दलाल कैटरिंग वेंडर महेश कुमार को बीस हजार रुपए की घूस लेते हुए DRM ऑफिस में ही राजस्थान की ACB की टीम ने दबोच लिया था। देर रात तक DCM के घर पर सर्च की कार्रवाई में उसके घर से आठ लाख कैश भी बरामद हुआ। अब मध्य रेलवे का एक सहायक डिविजनल इंजीनियर (दक्षिण) घूस लेते हुए CBI के हत्थे चढ़ा है।

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