सौ करोड़ की दवा की अवैध बिक्री: अब ED करेगा जांच, राजस्थान का दवा विक्रेता अभी तक फरार

शिमला 

प्रतिबंधित और नशीली दवाओं के अवैध कारोबार के आरोपी जैनेट फार्मा कंपनी के मालिक दिनेश बंसल ने करोड़ों की अवैध सम्पत्तियां बनाई हैं। अभी तक इस मामले की जांच हिमाचल प्रदेश की सीआईडी कर रही थी, लेकिन उसकी रिपोर्ट में नया खुलासा होने के बाद अब मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ED) को सौंप दी गई है।

प्रतिबंधित और नशीली दवाओं के इस अवैध कारोबार के तार राजस्थान से जुड़े हुए हैं। इस अवैध कारोबार का मुख्य आरोपी जैनेट फार्मा कंपनी का  मालिक दिनेश बंसल राजस्थान के जिस दवा व्यापारी को प्रतिबंधित और नशीली दवा की आपूर्ति करता था वह सीकर जिले का है जो अभी तक फरार चल रहा है। उसकी धरपकड़ के लिए तीन बार जांच टीम राजस्थान के सीकर में दबिश दे चुकी है। इस दवा विक्रेता के खिलाफ दवा की अवैध बिक्री के मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी किया जा चुका है। उसका नाम विकास मीणा है और वह सीकर में  मैसर्स  डब्ल्यूबी मेडिकोज का मालिक है। जानकारी  के अनुसार दवा की अवैध बिक्री के मामले में विकास मीना हिमाचल प्रदेश की CID का जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। इसलिए उसे आरोपित भी बनाया गया है।

जैनेट फार्मा कंपनी का  मालिक दिनेश बंसल ने प्रतिबंधित और नशीली दवाओं के इस अवैध कारोबार  से पूरे उत्तर भारत  विशेष रूप से हिमाचल, पंजाब और राजस्थान में अवैध संपत्तियां बनाई हैं। आरोपी के रिश्तेदारों के नाम पर भी संपत्तियां हैं। नारकोटिक्स सेल की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने आरोपी के अलावा उसकी पत्नी सहित आठ लोगों के बैंक खाते सीज किए हैं।

आरोपी बंसल राजस्थान में जिस दवा विक्रेता साथी को दवाएं सप्लाई करता था, वह अभी एसआईटी की पकड़ से बाहर है। अब ईडी उसे पकड़ने का प्रयास करेगा। एसआईटी सूत्रों का कहना है कि  छानबीन में यह भी सामने आया है कि 2018-19 में पंजाब में ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के उल्लंघन को लेकर कंपनी का थोक दवा लाइसेंस रद्द भी हो चुका है। इसके साथ ही कंपनी ने 2019 में बद्दी में अपना थोक दवा व्यवसाय शुरू किया था। पंजाब के बरनाला में भी कंपनी की एक फार्मा फैक्ट्री चल रही थी। यह पाया गया है कि दो साल के भीतर प्रतिबंधित और नशीली दवाओं के अवैध कारोबार से 100 करोड़ रुपए से ज्यादा का लेन-देन कंपनी ने किया है।

25 कंपनियों के साथ लेन-देन
नारकोटिक्स सेल की एसआईटी के मुताबिक जैनेट कंपनी का 25 कंपनियों के साथ लेन-देन चल रहा था। इन कंपनियों के अधिकारियों और कर्मचारियों को भी पूछताछ के लिए शिमला बुलाया जा रहा है।

यह है मामला
हिमाचल की स्टेट सीआइडी ने दवाओं की गैर कानूनी बिक्री को लेकर सोलन के बद्दी स्थित फार्मास्यूटिकल कंपनी मैसर्स जैनेट फार्मास्युटिकल के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की थी। तब उसने कंपनी मालिक व प्रबंधक को गिरफ्तार किया कर लिया था। कंपनी बद्दी में एक थोक दवा धारक ट्रेडिंग कंपनी है। इसका मुख्यालय पंजाब के मोहाली के जीरकपुर में है। आरोप है कि इस कम्पनी ने पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल में फर्जी दवा बिलों के सहारे दवाएं बेचने का गैर कानूनी कार्य किया।

स्टेट नारकोटिक्स क्राइम कंट्रोल यूनिट, शिमला के डीएसपी दिनेश शर्मा के मीडिया में आए बयानों के अनुसार इस संबंध में सबसे पहले कंपनी मालिक पंजाब के बरनाला निवासी दिनेश बंसल, पानीपत के मैनेजर सोनू सैनी को गिरफ्तार किया था। इस मामले में राजस्थान के सीकर स्थित दवा बिक्रेता विकास मीना का नाम सामने आया था, लेकिन वह जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। अब कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट हासिल किया है। इसके आधार पर गिरफ्तारी की जाएगी।

पूछताछ के दौरान पता चला है कि उन्होंने एनडीपीएस दवाओं को बेचने का फर्जी बिल तैयार किए। इसमें नाइट्राजेपम, कोडीन और एटिजोलम दवाएं शामिल थीं। ये मंडी स्थित थोक दवा डीलर को बेचनी दर्शाई गई। प्रारंभिक जांच में इस बात की पुष्टि हुई है कि मंडी स्थित ड्रग डीलर को इनके पास से ऐसी दवाएं नहीं मिलीं। उन्होंने दवाओं का आर्डर भी नहीं लिया था। यह पता चला है कि आरोपित ने अपनी कार का इस्तेमाल एनडीपीएस दवाओं को राजस्थान, पंजाब इत्यादि राज्यों में जाने के लिए किया था। इनमें भी एनडीपीएस अधिनियम के नियमों का उल्लंघन किया।

जांच के दौरान पता चला है कि पंजाब में इससे पहले 2018-19 में ड्रग्स एंड कास्मेटिक्स एक्ट के उल्लंघन के लिए थोक दवा लाइसेंस रद्द कर दिया था। इसके बाद 2019 में बद्दी में अपना थोक दवा कारोबार शुरू किया। पंजाब के बरनाला में एक फार्मा फैक्ट्री भी चला रहे हैं।

100 करोड़ का लेनदेन आया जांच की जद में
जांच में पाया गया  था कि दो साल के भीतर एनडीपीएस दवाओं सहित 100 करोड़ रुपए  से अधिक की दवाओं का लेनदेन किया। कंपनी ने कई खेप राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पंजाब और देश के अन्य हिस्सों में भेजी हैं। आशंका है कि कंपनी उत्तर भारत में अंतरराज्यीय ड्रग्स तस्करी का रैकेट चला रही थी।

आय से अधिक संपत्ति के आरोप पर जैनेट फार्मास्युटिकल कंपनी के कई ठिकानों पर पंजाब में दबिश दी गई थी। बरनाला प्रशासन ने इस संबंध में कुछ दस्तावेज मांगे गए थे। अभी उनका ब्योरा नहीं मिला है। जैसे ही यह सूचना मिलेगी, इसके आधार पर वित्तीय जांच आगे बढ़ेगी। कंपनी की वित्तीय जांच चल रही है।

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