नई दिल्ली | नई हवा ब्यूरो
CBI ने पांच सरकारी बैंकों में 1392.86 कराेड़ का घोटाला पकड़ा है। इस मामले में दिल्ली के एक कम्पनी मुख्य आरोपी है। इसके आलावा CBI ने अन्य कई को आरोपी बनाया है। सभी के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है।
CBI ने जिन बैंकों में यह घोटाला पकड़ा है उनके नाम केनरा बैंक, यूकाे बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ काॅमर्स (अब पीएनबी), पीएनबी और बैंक ऑफ बड़ाैदा हैं और जिनके खिलाफ FIR दर्ज की गई है उनमें दिल्ली की कंपनी एलायड स्ट्रिप्स, उसके तीन डायरेक्टर और जमशेदपुर की कंपनी हाईकाे इंजीनियर्स लिमिटेड सहित नाै कंपनियां शामिल हैं।
यह है पूरा मामला
एलायड स्ट्रिप्स ने वर्ष 2000 में पांच बैंकाें से 931 कराेड़ रुपए का लाेन लिया और लोन की रकम आठ कंपनियाें को ट्रांसफर कर दी। अब बैंकाें की देनदारी बढ़कर 1392.86 कराेड़ रुपए हाे गई। एलायड ने जमशेदपुर के आदित्यपुर इंडस्ट्रियल एरिया की स्टील मैन्युफैक्चरिंग कंपनी हाईकाे इंजीनियर्स लि. काे भी मशीन खरीदारी के नाम पर 7.50 कराेड़ रुपए दिए थे। पर कंपनी ने न ताे मशीन की सप्लाई की और न ही एलाइड स्ट्रिप्स ने पैसे वापस मांगे।
किस बैंक से कितना लिया लोन
एलायड ने दिल्ली में केनरा बैंक से 356 कराेड़, यूकाे बैंक से 202 कराेड़, ओरिएंटल बैंक ऑफ काॅमर्स (अब पीएनबी) से 167 कराेड़, पीएनबी से 136 कराेड़ और बैंक ऑफ बड़ाैदा से 70 कराेड़ का लाेन लिया था। फिर ईएमआई देना बंद कर दिया।
बैंकाें ने जब नाेटिस भेजा ताे डायरेक्टर्स ने नवंबर 2012 में कंपनी की आर्थिक स्थिति खराब बताते हुए लाेन की रकम काे रिवाइज करने का आवेदन दिया। बैंकाें ने जब फाॅरेंसिक ऑडिट कराई ताे पता चला कि एलायड स्ट्रिप्स ने लाेन की राशि वैसी कंपनियाें काे ट्रांसफर कर दी है, जाे एलायड से ही जुड़ी थीं।
जिसको बनाया गारंटर उसी को दे दिए पैसे
दिलचस्प ये है कि बैंकाें काे धाेखा देने के लिए एलायड स्ट्रिप्स के डायरेक्टराें ने उन कंपनियाें काे ही गारंटर बनाया, जिनके वे खुद शेयर हाेल्डर भी हैं। लेकिन फाॅरेंसिक ऑडिट में खुलासा हुआ कि इन कंपनियाें का प्रत्यक्ष या पराेक्ष रूप से मालिकाना हक एलायड के डायरेक्टर्स के पास ही थी। कंपनी ने लाेन के पैसे भी अपनी शेयर वाली गारंटर कंपनियाें काे ही ट्रांसफर कर दिया।
ये हैं आरोपी
- एलायड स्ट्रिप्स लिमिटेड, राेहतक राेड, वेस्ट दिल्ली और इसके डायरेक्टर-माेहिंदर अग्रवाल, गाैरव अग्रवाल व सुनीता अग्रवाल
- श्वेता एग्रोकेम, कोलकाता
- दीक्षा विनियोग, कोलकाता
- सुरवी कॉमोट्रेड, कोलकाता
- प्रोमिनेंट व्यापार, कोलकाता
- चंद्रमुखी वाणिज्य, कोलकाता
- साई सहारा कॉमर्शियल, कोलकाता
- पावर 2 एसएमई, गुड़गांव, हरियाणा
- हाईको इंजीनियर्स, आदित्यपुर, जमशेदपुर
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