बैंक के कैशियर ने जुए में उड़ा दिए ग्राहकों के 27 लाख, राज खुला तो खा लिया जहर, अब मामले पर हो रही है लीपापोती

मुरैना 

एक सरकारी बैंक के कैशियर ने बैंक ग्राहकों के 27 लाख रुपए जुए में उड़ा दिए और जब इसका राज खुला तो उसने जहर जहर खा लिया। वह घर पर बीमार पड़ा है। अब प्रबंधन मामले को रफादफा करने की कोशिश में लगा है। हालांकि  उसने पुलिस को इस गबन की सूचना दे दी है, लेकिन कोई रिकार्ड उपलब्ध नहीं कराने से पुलिस भी कोई आगे का एक्शन नहीं ले पा रही है।

मामला मुरैना के पोरसा स्थित सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया की रजौदा शाखा का है दरअसल  बैंक के कैशियर सौरभ तोमर ने बैंक मैनेजर की आईडी से आधा दर्जन खातेदारों के खाते से लगभग 27 लाख रुपए निकाल लिए। जब ग्राहकों को पता लगा कि उनके पैसे निकल गए तो उन्होंने बैंक प्रबंधन से बात की। जांच हुई तो खुलासा हुआ कि कैशियर सौरभ तोमर ने इस पैसे से ऑनलाइन रमी वाला जुआ खेला जिसमें वह हार गयाा। उसके बाद पकड़े जाने पर उसने जहर खा लिया था। लेकिन वह बच गया था।

ऐसे कैसे सुलझे गुत्थी
दिलचस्प ये है कि मामले में अभी तक इस मामले में एफआईआर तक दर्ज नहीं हो सकी है। बस, घोटाला सामने आने के बाद बैंक का मैनेजर बदल दिया गया है। वह थाने में बयान देने नहीं आ रहा है। निजी तौर पर रखे गए जिस कैशियर ने ये गड़बड़ की, वह जहर खाने के बाद बीमार पड़ा है। इस कारण पुलिस की जांच भी आगे नहीं बढ़ पा रही है। बैंक प्रबंधन इस मामले को दबाने की कोशिश में लगा है। अब पुलिस के सामने समस्या यह है कि बिना रिकॉर्ड व बैंक अधिकारियों के सहयोग के कैसे मामले की जांच करे।

पुलिस इन सवालों के मांग रही जवाब

  • कैशियर सौरभ तोमर बैंक में अस्थाई कर्मचारी है तो शाखा प्रबंधक की आईडी से पैसा निकालने का अधिकार उसे कैसे मिल गया?
  • अगर सौरभ तोमर ने पैसा निकाला तो शाखा प्रबंधक को इसका पता क्यों नहीं चला? क्योंकि रुपए एक बार में नहीं निकाले गए, कई बार में निकाले गए हैं।
  • अगर शाखा प्रबंधक की गलती नहीं है तो पहले उसने पुलिस को सूचना क्यों नहीं दी?
  • थाना पुलिस को सूचना दी गई तो केवल आवेदन क्यों दिया गया? सबूतों के साथ रिपोर्ट क्यों नहीं लिखाई गई?
  • आखिर, पुराने शाखा प्रबंधक रामचन्द्र सेन अब नगरा थाना पुलिस का जांच में सहयोग क्यों नहीं कर रहे हैं? वह नगरा थाना पुलिस को जांच से संबंधित दस्तावेज क्यों नहीं दे रहे हैं?

सहयोग नहीं कर रहा बैंक प्रबंधन
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार नगरा थाना थाना प्रभारी का कहना है कि  बैंक प्रबंधन जांच में बिल्कुल सहयोग नहीं कर रहा है। जिन मैनेजर की आईडी से पैसा निकला है उन्होंने अभी तक थाने में आकर बयान नहीं दिए हैं और न ही कैशियर ने। केवल एक सादा आवेदन दे गए हैं और ग्राहकों के खातों का स्टेटमेंट दे गए हैं। अब, इन दो चीजों के आधार पर हम कैसे जांच शुरू करें।

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