मात्र दशानन के दहन से कुछ न होगा
दमन दस विकारों का हमें करना होगा
Category: साहित्य
इन विकारों का करें शमन…
दंश…
कैसी हो अपेक्षा? बाहर निकली तो किराएदार सामने पड़ गई। ‘अच्छी हूं भाभी; आज फिर देर हो गई ऑफिस को …
पर्वाधिराज पर्व ‘पर्यूषण’
पर्वाधिराज पर्व पर्यूषण है अलौकिक
आठ दिवस नियमित होती सामायिक
धर्म-ध्यान, पूजा-अर्चना, तप-तपस्या द्वारा
सुप्त आत्मा को कर के जाग्रत
कान्हा तुम्हे फिर आना होगा…
कान्हा तुम्हे फिर आना होगा
पाप का समूल विनाश करना होगा
राखी…
दीदी ने बांधी है मेरे,
राखी प्यारी प्यारी।
सचमुच मेरी प्यारी दीदी
संकल्प…
“मैडम, रक्षाबंधन क्या होता है? मेरी कक्षा के लड़के कह रहे थे कि कल बहिनें उन्हें राखी बांधेगी। मुझे कौन राखी बांधेगा?” फुलवारी बाल आश्रम के सबसे छोटे बच्चे विकास ने दीप्ति से पूछा। पिछले साल अपने
अखिल भारतीय काव्य-सम्मेलन ‘एक शाम शहीदों के नाम’ का ऑनलाइन आयोजन
जयश्री फाउंडेशन के तत्वावधान में राजश्री साहित्य अकादमी मंच द्वारा स्वतंत्रता -दिवस की पूर्व संध्या पर ‘एक शाम शहीदों के नाम’ का एक अखिल भारतीय राष्ट्रीय ऑनलाइन काव्य-सम्मेलन
बारिश के रूप…
तेज गर्मी के बाद आज आकाश में काले घने बादलों का दिखना सबको सुकून दे रहा था और हर कोई बारिश की बूंदों का बेसब्री से इंतजार कर रहा था। इस बार पड़ी भीषण गर्मी और लू ने इंसान,जीव जंतु और पेड़ पौधों सबका
बादल भैया…
बादल भैया दौड़ रहे क्यों,
गुस्से में मुंह ऐंठकर।
सावन सूखा निकल रहा,क्यों,
मैं गुरू हूं…! हरि रूठे गुरू ठौर है, गुरू रूठे नहीं ठौर
मानव जीवन से अज्ञानता रूपी अंधकार को मिटाना ही मेरा मूल ध्येय है। तम से उजाले की ओर ले जाने को मैं ध्यानमग्न ही नहीं रहता, अपने लक्ष्य से टस से मस तक नहीं होता। मेरी थकान तब काफूर हो जाती है, जब शिष्य बुलंदी