न्यायपालिका में भ्रष्टाचार वाले बयान पर हाईकोर्ट ने सीएम अशोक गहलोत से पूछा- बताएं इसका आधार क्या है? | जारी हुआ नोटिस

जयपुर 

राजस्थान हाईकोर्ट ने सीएम अशोक गहलोत से पूछा है है कि वह यह बताएं कि न्यायपालिका में भ्रष्टाचार को लेकर उन्होंने जो बयान दिया है उसका आधार क्या है? इसे लेकर एडवोेकेट शिवचरण गुप्ता की एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हाईकोर्ट ने गहलोत को  कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

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इस मामले में जस्टिस एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने 3 अक्तूबर को सुनवाई की अगली तारीख तय की है। एडवोकेट  शिवचरण गुप्ता ने पीआईएल में कहा- ऐसा बयान बर्दाश्त नहीं। याचिका में कहा कि सीएम ने जानबूझकर भ्रष्टाचार के आरोप लगा राज्य की न्यायपालिका की छवि को नुकसान पहुंचाया है। वकील समुदाय को सीएम की ओर से न्यायपालिका व वकीलों के संबंध में दिया गया बयान बर्दाश्त नहीं है। सीएम गहलोत का बयान न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला व प्रतिष्ठा को गिराने वाला है। याचिका में मांग की गई कि इस बयान को लेकर हाईकोर्ट संविधान के अनुच्छेद 215 के तहत अशोक गहलोत के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई के लिए स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लें।

गहलोत ने दिया था यह बयान
आपको बता दें कि सीएम अशोक गहलोत ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत करते समय न्यायपालिका में गंभीर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा था कि कोर्ट के फैसले तक वकील लिखते हैं और वे जो लिखकर लाते हैं, वही फैसला आता है। चाहे निचली कोर्ट हो या हाईकोर्ट, हालात गंभीर हैं। देशवासियों को इस संबंध में सोचना चाहिए। हमने कई हाईकोर्ट जज बनवाने में मदद की होगी, 25 साल पहले सीएम हाईकोर्ट जज बनाने की सिफारिश भेजते थे, लेकिन जज बनने के बाद मैंने जिंदगीभर उन लोगों से बात नहीं की।

हालांकि इस बयान के बाद बवाल खड़ा होने पर गहलोत की सफाई भी जिसमें उन्होंने कहा कि मैंने न्यायपालिका के भ्रष्टाचार को लेकर जो कहा, वो मेरी निजी राय नहीं है। मैंने हमेशा न्यायपालिका का सम्मान एवं उस पर विश्वास किया है। हर नागरिक को न्यायपालिका का सम्मान और उस पर विश्वास करना चाहिए। इससे लोकतंत्र मजबूत होगा। समय-समय पर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीशों व पूर्व मुख्य न्यायाधीशों ने न्यायपालिका में भ्रष्टाचार पर टिप्पणी कर चिंता जाहिर की है। जजों की नियुक्ति के लिए हाईकोर्ट कॉलेजियम से जो नाम सीएम के रूप में हमारे पास आते हैं, मैंने उन पर भी कभी कोई प्रतिकूल टिप्पणी नहीं की है।

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