जयपुर
राजस्थान की राजधानी जयपुर में इन दिनों बाद हड़कंप मचा हुआ है। जिस सचिवालय में सीएम सहित कई मंत्रियों और अफसरों के दफ्तर हैं उसी के योजना भवन स्थित सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DOIT) के कार्यालय की एक आलमारी से में 2.31 करोड़ कैश और एक किलो गोल्ड बरामद किया गया। यह डिपार्टमेंट सीएम अशोक गहलोत के पास है। शुक्रवार देर रात मीडिया को इसकी जानकारी दे गई। ज़्यादातर कैश दो हजार और पांच सौ के नोटों में है। आपको बात दें कि इसी दिन आरबीआई ने दो हजार के नोट बंद करने का ऐलान किया था।
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फिलहाल हर एंगल से इसकी जांच की जा रही है। कुछ कर्मचारियों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। कई बड़े अफसर रडार पर हैं। सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। मामले की ईडी से जांच कराने की मांग उठ रही है। मामले में जांच टीम गठित कर दी है।
प्रारम्भिक जांच से पता चलता है कि काला धन विभाग के सरकारी अफसरों का है जिन्होंने वहां धन छिपाया था। पैसा उन ठेकेदारों के माध्यम से अर्जित किया गया था जिन्हें कुछ महीने पहले निविदाएं आवंटित की गई थीं। हालांकि अभी अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
बरामद कैश ट्रॉली सूटकेस में 2000 और 500 के नोटों से भरा था। मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री को पूरी घटना का ब्यौरा दिया है। इस घटना के बाद देर रात सचिवालय में मुख्य सचिव उषा शर्मा, डीजीपी उमेश मिश्रा और जयपुर पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवाास्तव ने मीडिया को इसकी जानकारी दी। जयपुर पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव के मुताबिक जिस बेसमेंट से नकदी और सोना मिला है वहां ई फाइलिंग प्रोजेक्ट के तहत फाइलों को स्कैन करके उन्हें डिजिटलाइज्ड किया जा रहा है। वहां दो अलमारियां बंद थीं, उनकी चाबियां नहीं मिल रही थीं। इस पर अलमारियों के लॉक तोड़ा गया। एक अलमारी में फाइलें मिलीं, जबकि दूसरी अलमारी में एक ट्रॉली सूटकेस में नोट भरे हुए थे। इसके बाद कर्मचारियों ने अशोक नगर थाने को सूचना दी। सात कर्मचारियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। पूरे मामले की जांच शुरू हो चुकी है। बेसमेंट में जहां नकदी मिली है वहां आधार-यूआईडी से जुड़े कर्मचारियों का आना जाना था, पुलिस बेसमेंट में अलमारियों तक एक्सेस रखने वाले कर्मचारियों से पूछताछ करेगी।
जयपुर पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव का कहना है— बरामद की गई रकम में 500 और 2000 रुपये के नोट ही मिले। इनमें 7298 नोट दो हजार और बाकी के 500 रुपये के नोट थे। यह पैसा किसका है, कैसे आया, इंवेस्टिगेशन किया जा रहा है। सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। ऐसा लगता है जैसे यह अलमारी लंबे समय से बंद है लेकिन दो तीन साल पुरानी भी नहीं है। इस अलमारी में मिली नकदी को लेकर सभी विभाग चुप हैं। योजना भवन में कोई भी विभाग इसकी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है।
राजेंद्र राठौड़ बोले- भ्रष्टाचार की गंगोत्री सचिवालय तक
योजना भवन में करोड़ों की नकदी मिलने की घटना पर भाजपा ने निशाना साधा है। नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने ट्वीट कर कहा कि भ्रष्टाचार की गंगोत्री आखिरकार सचिवालय तक पहुंच ही गई। राजस्थान सचिवालय जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बैठकर शासन चलाते हैं वहां करोड़ों की नकदी और सोना बरामद होना इस बात का प्रमाण है कि गहलोत सरकार भ्रष्टाचार के संरक्षणदाता की भूमिका में है।
राठौड़ ने कहा कि 2 हजार के नोट को चलन से बाहर करने का बयान देने वाले मुख्यमंत्री आप केवल इतना बता दीजिए कि आपका सचिवालय दो हजार के अनगिनत नोटों को क्यों उगल रहा है ? आनन फानन में अपने काले कारनामों को छिपाने के लिए बुलाई गई प्रेस कांफ्रेंस में आईटी, ईडी और एसीबी जैसे विभागों का कोई अधिकारी शामिल नहीं, आखिर माजरा क्या है?
‘काला धन निगलते-निगलते ऊपर तक भर गया’
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने गहलोत सरकार की चुटकी लेते हुए कहा कि विकास में लगातार नीचे जा रहे राज्य में भ्रष्टाचार में किस ऊंचाई पर पहुंच गया है, यह उसी का सबूत है। शेखावत ने ट्वीट कर कहा, “गहलोत सरकार का पेट काला धन निगलते-निगलते ऊपर तक भर गया है इसलिए आज सचिवालय ने करोड़ों की नकदी और सोना उगल दिया। विकास में निरंतर नीचे जा रहे राज्य में भ्रष्टाचार किस ऊंचाई पर पहुंच गया है, ये उसका प्रत्यक्ष प्रमाण है. सरकारी लीपापोती जारी है लेकिन जनता से कुछ छिपता नहीं है।”
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