जयपुर
प्रदेश के सरकारी स्कूली शिक्षकों ने सरकार की संवादहीनता के बाद अपनी गयारह सूत्री मांगों को लेकर अब आंदोलन की राह पकड़ ली है। इसके लिए उन्होंने चरणबद्ध आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया है। शिक्षकों का कहना है कि हमने सरकार के जन घोषणा पत्र पर भरोसा करते हुए 4 वर्ष 6 माह तक इंतजार किया। लेकिन कुछ नहीं मिला। बल्कि सरकार ने संवादहीनता का रवैया अपनाया जिससे शिक्षक वर्ग में असंतोष है।
प्रदेश के शिक्षकों के प्रति सरकार के इस रवैये को एक्सपोज करने के लिए सोमवार को राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) ने जयपुर के पिंक सिटी प्रेस क्लब में पत्रकारों के सामने अपनी व्यथा रखी और अपने आंदोलन की रणनीति का खुलासा किया। संगठन के प्रदेशाध्यक्ष रमेश चन्द पुष्करणा ने बताया कि संगठन द्वारा बार-बार आग्रह करने व लोकतान्त्रिक तरीके से विरोध प्रकट करने के उपरान्त भी सरकार ने न तो संगठन से कोई संवाद स्थापित किया और ना ही अपने स्तर पर कोई कार्यवाही की है। समस्याओं को हल करने का कोई सार्थक प्रयास नहीं किया। उनका कहना था कि जन घोषणा पत्र का विश्वास करते हुए हमने 4 वर्ष 6 माह तक इंतजार किया। याद भी दिलाते रहे लेकिन इन प्रयासों का कोई भी सकारात्मक कदम सामने नहीं आया।
प्रदेश महामंत्री महेन्द्र कुमार लखारा ने पत्रकार वार्ता में संगठन के अब तक के प्रयासों की जानकारी दे और बताया कि संगठन ने राज्य के विधायकों को11 सूत्रीय ज्ञापन प्रेषित कर सरकार से उचित निराकरण करवाने में अपना सहयोग प्रदान करने का आग्रह किया गया। जिला मुख्यालयों पर भी पत्रकार वार्ताओं के जरिए भी मांगें सामने रखी गईं एवं हाल ही में 24 अप्रैल को शहीद स्मारक, जयपुर में एक दिवसीय धरना देकर सरकार का ध्यान आकृष्ट किया गया। लेकिन नतीजा कुछ भी नहीं निकला।
संयोजक (संघर्ष समिति) सम्पत सिंह ने 11 सूत्रीय मांगों के बारे में जानकारी दी और मांग की कि वेतन विसंगतियों के निराकरण हेतु गठित सावंत एवं खेमराज कमेटी की रिपोर्ट को तत्काल सार्वजनिक कर लागू किया जाए एवं समस्त शिक्षक संवर्ग की सभी वेतन विंसगतियों का तत्काल निराकरण किया जाए। इसी के साथ समस्त राज्य कर्मचारियों को 8-16-24-32 वर्ष पर ए.सी.पी. का लाभ देकर पदोन्नति पद का वेतनमान प्रदान किया जाए।
शिक्षक नेता ने मांग की कि NPS कार्मिकों के लिए लागू हुई पुरानी पेंशन योजना (OPS) की समस्त तकनीकी खामियों को दुरुस्त करते हुए NPS फण्ड की जमा राशि शिक्षकों को देने के साथ-साथ जीपीएफ 2004 के खाता नम्बर तत्काल जारी किये जाए। संपूर्ण सेवाकाल में परिवीक्षा अवधि केवल एक बार एक वर्ष के लिए हो तथा नियमित वेतन श्रृंखला में फिक्सेशन के समय परिवीक्षा अवधि को भी जोड़ा जाए। उनका कहना था कि शिक्षा विभाग की ऑनलाइन निर्भरता बढ़ गई है। लिहाजा राज्य के समस्त शिक्षकों एवं संस्था प्रधानों को मासिक इंटरनेट भत्ता तथा एंड्राइड फोन उपलब्ध कराया जाए।
65, 70 एवं 75 वर्ष की आयु पूर्ण पर इतनी की जाए पेंशन वृद्धि
इसी तरह राज्य कार्मिकों की सेवानिवृत्ति के समय तीन सौ उपार्जित अवकाशों की सीमा को समाप्त किया जाए तथा सेवानिवृत्ति के पश्चात 65, 70 एवं 75 वर्ष की आयु पूर्ण पर पेंशन क्रमशः 5, 10 व 15 प्रतिशत पेंशन वृद्धि की जाए। शिक्षकों ने शिक्षा विभाग में की जा रही संविदा आधारित नियुक्ति प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाई जाकर नियमित भर्ती से ही पद भरे जाने की भी मांग की।
स्थानान्तरण पर तत्काल प्रतिबन्ध हटाया जाए
शिक्षक संगठन ने मांग की कि अध्यापक संवर्ग के स्थानान्तरण पर तत्काल प्रतिबन्ध हटाया जाए एवं राज्य के शिक्षकों के स्पष्ट स्थानान्तरण नियम बनाये जाएं और संस्कृत शिक्षा विभाग सहित शिक्षा विभाग में समस्त पदों पर नियमित वर्षवार और नियमानुसार डीपीसी आयोजित की जाकर समय पर पदस्थापन किया जाए। पातेय वेतन पदोन्नति पर कार्यग्रहण तिथि से वित्तीय परिलाभ तथा वरिष्ठता प्रदान की जाए।
गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त किया जाए
शिक्षकों ने मांग की कि BLO सहित समस्त प्रकार के गैर शैक्षणिक कार्यों से शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से मुक्त किया जाए। वर्तमान में जारी जनाधार अधिप्रमाणीकरण एवं डीबीटी योजना के लिए शिक्षकों एवं संस्था प्रधानों को जारी हो रहे अनावश्यक कारण बताओ नोटिस तत्काल प्रभाव से बन्द कर जारी नोटिस वापस लिए जाए। इसके साथ ही माध्यमिक शिक्षा में स्टाफिंग पैटर्न तत्काल लागू कर पदों का सृजन किया जाए तथा विद्यालयों में पद आवंटन में हिन्दी एवं अंग्रेजी माध्यम का विभेद समाप्त कर समान रूप से पद आवंटन प्रक्रिया अपनाई जाए। माध्यमिक शिक्षा में अध्यापक संवर्ग की सीधी भर्ती की जाए तथा प्रारम्भिक शिक्षा से सेटअप परिवर्तन (6डी तथा अन्य नियमान्तर्गत) अनिवार्य के स्थान पर स्वैच्छिक किया जाये।
पदयात्राएं निकालेंगे शिक्षक
संगठन के माध्यमिक उपाध्यक्ष डॉ. अरूणा शर्मा ने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए बताया कि शिक्षक संवर्ग की उक्त न्यायोचित मांगों का तत्काल निराकरण कराया जाए। उन्होंने आंदोलन के रणनीति की जानकारी देते हुए बताया कि सरकार उनकी मांगों का समाधान नहीं करती है तो 15 जुलाई से 15 अगस्त के मध्य प्रत्येक तहसील केन्द्र से जिला केन्द्र तक विशाल पदयात्राओं का आयोजन कर जिला केन्द्र पर सद्बुद्धि यज्ञ आयोजित किए जाएंगे। उसके पश्चात् जयपुर में क्रमिक धरना दिया जायेगा।
नोट: अपने मोबाइल पर ‘नई हवा’ की खबरें नि:शुल्क और नियमित प्राप्त करने के लिए व्हाट्सएप नंबर 9460426838 सेव करें और ‘Hi’ और अपना नाम, स्टेट और सिटी लिखकर मैसेज करें
नहीं रहे टीवी शो महाभारत के ‘शकुनी मामा’ गूफी पेंटल, फौजी से बने थे एक्टर
IB ऑफिसर के लिए निकली बम्पर भर्ती, यहां जानें डिटेल
बाप रे!CM अशोक गहलोत का ऐसा गुस्सा!! | देखें वीडियो
आगरा में हैरान कर देने वाली घटना, दुल्हन को किन्नर बता रिश्तेदारों के सामने उतार दिए कपड़े