जयपुर
देश में कई फार्मेसी कॉलेज संचालकों द्वारा लाखों रुपए अवैध तरीके से फार्मेसी की डिग्रियां बांटने के मामले को गंभीरता से लेते हुए सभी फार्मेसी कॉलेजों को वार्निंग जारी की है और कहा गया है कि फर्जी फार्मेसी डिग्री बेचने का मामला संज्ञान में आया तो फ़ार्मेसी कौंसिल ऑफ इंडिया (PCI) ऐसे संस्थान के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज करने से नहीं हिचकेगी।
PCI अध्यक्ष डॉ. मोंटू कुमार पटेल की ओर से रजिस्ट्रार कम सेक्रेटरी अर्चना मुदगल ने ये वार्निग जारी की है। वार्निंग में कहा गया है यदि पीसीआई को गलत सूचना/ धोखाधड़ी दस्तावेज का मामला संज्ञान में लाया गया तो पीसीआई गलत जानकारी/ धोखाधड़ी दस्तावेज जमा करने के लिए संस्था के प्रधान, अध्यक्ष/ सचिव/ संस्था के अध्यक्ष/ सचिव के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर सकता है।
इंडियन फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने किया स्वागत
इंडियन फार्मासिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सर्वेश्वर शर्मा ने PCI की इस वार्निंग का स्वागत करते हुए कहा कि इस आदेश से फार्मसी की शिक्षा में सुधार होगा। अगर फिर भी कोई हिमाकत करेगा तो उसके मालिक और स्टाफ पर पीसीआई आपराधिक मुकदमे दर्ज कराएगी और कॉलेज को बंद करा दिया जाएगा। अब कोई पूरी मेहनत ओर ईमानदारी से पढ़ाई करेगा वही फार्मासिस्ट बनेगा। फर्जी कागजों के आधार पर कोई फार्मासिस्ट नहीं बन पाएगा।
राजस्थान में 3 से 5 लाख में बिक रही हैं फ़ार्मेसी की डिग्रियां
इधर इंडियन फार्मासिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सर्वेश्वर शर्मा ने राजस्थान के अधिकतर फ़ार्मेसी कॉलेज द्वारा 3-5 लाख रुपए में हर किसी को घर बैठे फ़ार्मेसी की डिग्रियां बेचने की जानकारी फ़ार्मेसी कौंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. मोंटू कुमार पटेल को भेजी है।
सर्वेश्वर शर्मा ने कहा है कि राज्य के अधिकतर फ़ार्मेसी कॉलेज 3-5 लाख रुपए में हर किसी को घर बैठे फ़ार्मेसी की डिग्रियां बेच रहे हैं। कॉलेज में टीचर न रख कर केवल उनके दस्तावेज कुछ रुपए में किराए पर ले रखे थे। अधिकतर फ़ार्मेसी कॉलेजों में एक भी क्लास नहीं लगती थी।
शर्मा ने बताया कि ये कॉलेज और उनके दलाल किसी भी झोला छाप फर्जी डॉक्टर को पहले तो 18 हजार रुपए में NIOS (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूल) से पहले दसवीं कक्षा पास कराते थे। फिर विज्ञान विषय से बाहरवीं कक्षा पास करवाते हैं और फिर खुद की कॉलेज से फार्मसी की डिग्री दे देते हैं। ये गोरख धंधा कई वर्षों से चल रहा है। अभी हाल ही में 100 के लगभग व्यक्तियों को फर्जी कागजों के आधार पर राजस्थान फ़ार्मेसी कौंसिल ने पकड़ा था।
शर्मा ने बताया कि इस पर संज्ञान लेते हुए PCI अध्यक्ष डॉ. मोंटू कुमार पटेल के आग्रह पर 24 फरवरी को भारत सरकार ने एक गजट जारी किया कि हर फार्मासिस्ट छात्र को भारत के किसी भी राज्य की फ़ार्मेसी कौंसिल से पंजीकरण कराने से पहले लिखित परीक्षा (EXIT EXAM) देना पड़ेगी जो NTA ( नेशनल टेस्ट एजेंसी ) आयोजित करवाएगी। NTA परीक्षा करवाने वाली वो ही एजेंसी है जो NEET की परीक्षा आयोजित करवाती है। उससे फर्जी कागजों के आधार पर फार्मासिस्ट बनने वालों पर काफी अंकुश लगेगा।
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