नर्मदापुरम
मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के नर्मदापुरम (Narmadapuram) में इटारसी (Itarsi) रेलवे स्टेशन पर तैनात हेल्थ इंस्पेक्टर हरिमोहन मीणा को CBI ने 75,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों धर दबोचा। रेलवे में चल रही रिश्वतखोरी की इस गंदी गाथा का पर्दाफाश तब हुआ जब एक ठेकेदार का 9.25 लाख रुपये का बिल पास करने के नाम पर घूस मांगी गई।
कैसे फंसा हेल्थ इंस्पेक्टर?
ठेकेदार योगेश साहू ने अगस्त 2024 में इटारसी रेलवे स्टेशन की सफाई का ठेका लिया और सितंबर 2024 में अपना बिल जमा किया। लेकिन हेल्थ इंस्पेक्टर हरिमोहन मीणा ने बिल में जानबूझकर कमियां निकालकर उसे लटकाए रखा।
👉 पहले 1 लाख रुपये रिश्वत मांगी, फिर सौदा 75 हजार में तय हुआ।
👉 ठेकेदार ने तंग आकर CBI से शिकायत कर दी।
👉 CBI ने शिकंजा कसा और मीणा को घूस लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया।
इंस्पेक्टर की चालबाजी हुई फेल
मीणा को लगता था कि हर बार की तरह ठेकेदार मजबूर होकर उसे पैसे दे देगा, लेकिन इस बार CBI पहले से तैयार थी। जैसे ही रिश्वत की रकम हाथ में आई, वैसे ही CBI की टीम ने उसे धर दबोचा।
अब इस पूरे मामले की गहराई से जांच हो रही है। रेलवे विभाग में इससे जुड़े और कितने घोटाले हैं, यह भी उजागर हो सकता है। CBI इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या रेलवे में बिल पास करने के लिए “घूसखोरी का एक पूरा सिंडिकेट” काम कर रहा था?
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