हरियाणा स्टेट फार्मासिस्ट काउंसिल का वाइस प्रेसिडेंट गिरफ्तार, रजिस्ट्रार फरार, जानिए क्या है पूरा मामला

हिसार 

हरियाणा राज्य फार्मेसी काउंसिल में लाखों रुपए रिश्वत लेकर फार्मेसी लाइसेंस दिलवाने के मामले में हिसार विजिलेंस ने हरियाणा फार्मेसी काउंसिल के वाइस प्रेसिडेंट सोहन लाल कांसल गिरफ्तार कर लिया है। उसके घर से 42 हजार रुपए भी बरामद किए गए हैं। काउंसिल का रजिस्ट्रार राजकुमार वर्मा अभी फरार है। रिश्वत लेकर लाइसेंस बनाने का खेल पिछले काफी समय से चल रहा था।

हरियाणा फार्मेसी काउंसिल के वाइस प्रेसिडेंट सोहन लाल कांसल

हरियाणा की विजिलेंस की टीम ने रविवार को सेक्टर-13 स्थित मकान नंबर 518 में की गई छापामारी के दौरान हरियाणा स्टेट फार्मासिस्ट काउंसिल के वाइस प्रेसिडेंट सोहन लाल कांसल को दबोचा। सोहन लाल कांसल से करीब 42 हजार रुपए बरामद हुए हैं। उन पर आरोप है कि फार्मासिस्ट का लाइसेंस बनवाने की ऐवज में पैसे लिए जाते हैं। विजिलेंस सोहन लाल को पकड़ कर भिवानी ले गई है। उन्हें भिवानी की कोर्ट में पेश किया जाएगा। इससे पहले इसी मामले में भिवानी विजिलेंस टीम ने फार्मेसी काउंसिल के चेयरमैन धनेश अदलखा के लिए रिश्वत लेने के आरोप में भिवानी के विद्या नगर निवासी दलाल सुभाष अरोड़ा को गिरफ्तार किया था।

ऐसे पकड़ में आए सोहन लाल कांसल और दलाल सुभाष अरोड़ा
ऐसे पकड़ में आए हिसार विजिलेंस की टीम ने शनिवार को भिवानी के विद्यानगर कालोनी निवासी एक दलाल को 32 हजार रुपए के साथ रंगे हाथों पकड़ा था। हिसार के भागवी निवासी सत्यवान को अपने बेटे के लिए फार्मेसी के लाइसेंस की जरूरत थी। इस पर किसी ने कहा कि वह सुभाष से संपर्क करें। सुभाष ने 65 हजार रुपए की डिमांड की। सत्यवान ने इसकी शिकायत विजिलेंस को दी। सुभाष अरोड़ा ने 30000 गूगल पे से और 32000 रुपए नकद लिए। तभी विजिलेंस की टीम ने सुभाष को पकड़ लिया। सुभाष ने विजिलेंस को पूछताछ में बताया कि उसके संपर्क में सोहन लाल भी है। इसी आधार पर विजिलेंस ने सोहल लाल कांसल को भी गिरफ्तार कर लिया।

गिरोह के अन्य आरोपी अंडरग्राउंड
विजिलेंस ने अब गिरोह के अन्य आरोपियों की धरपकड़ के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं। इससे काउंसिल के अन्य पदाधिकारी अंडरग्राउंड हो गए हैं। इस मामले में काउंसिल का रजिस्ट्रार राजकुमार वर्मा अभी फरार है।

70 से 80 हजार रुपए लेकर करते थे फार्मासिस्ट का रजिस्ट्रेशन
इस मामले में गिरफ्तार दलाल सुभाष अरोड़ा ने पूछताछ में बताया था कि उसने धनेश्वर लक्खा और सोहनलाल कंसल के लिए 65000 रुपए की रिश्वत ली थी। 30000 रुपए गूगल पे से और 35000 रुपए नकद लिए थे। विजिलेंस टीम ने सुभाष अरोड़ा को 35000 नकदी लेते रंग हाथों गिरफ्तार किया था। विजिलेंस टीम अब इस मामले में जुड़े अन्य लोगों की गिरफ्तारी के लिए उनके संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही है। पिछले काफी समय से हरियाणा राज्य फार्मेसी काउंसिल में फार्मेसी रजिस्ट्रेशन के लिए रिश्वत लेने बारे शिकायतें की जा रही थी।

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