CM गहलोत ने लांघी भाषा की मर्यादा, बोले; केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र शेखावत निकम्मे और एब्सेंट माइंड, इससे पहले सचिन पायलट को बोल चुके हैं निकम्मा

जयपुर 

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर भाषा की मर्यादा लांघ कर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह को निकम्मा और एब्सेंट माइंड बता दिया। इससे पहले गहलोत अपनी पार्टी में बगावत के दौरान सचिन पायलट को भी निकम्मा बोल चुके हैं। गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी गहलोत के इस बयान पर पलटवार किया है। 

गहलोत ने गजेंद्र सिंह शेखावत पर अपना यह गुबार शनिवार को ERCP पर 13 जिले के विधायकों और कांग्रेस नेताओं की बैठक में निकाला। इसमें गहलोत ने कहा कि पैसा हमारा है, जमीन हमारी है। इसके बावजूद केन्द्र सरकार ने ERCP को रोक दिया है और इसे राष्ट्रीय प्रोजेक्ट का दर्जा भी नहीं दे रहे है। गहलोत ने इसके लिए केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि पीएम मोदी ने ऐसे निकम्मे व्यक्ति को क्यों मंत्री बनाया।

गहलोत यहीं नहीं रूके। उन्होंने कहा कि शेखावत पीएम की सभा में एबसेंट माइंड रहते हैं। गहलोत ने कहा कि जो प्रधानमंत्री की मीटिंग में एब्सेंट माइंड बैठते हों, ऐसे निकम्मे मंत्रियों की पीएम मोदी को क्या जरूरत है

इस बैठक में पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) का काम रोकने के लिए लिखे गए केंद्रीय पत्र पर गहलोत ने कहा कि इस योजना को लागू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने राजस्थान के दौरे के दौरान आश्वासन दिया था, लेकिन अब केंद्रीय जल शक्ति मंत्री इस तरह के किसी भी आश्वासन के लिए मना करते हैंगहलोत ने कहा कि केंद्रीय जल शक्ति मंत्री कहते हैं कि पीएम ने इस तरह का कोई आश्वासन नहीं दिया, लेकिन उन्हें यह याद रखना चाहिए कि जिन सभाओं में पीएम ने ERCP को लेकर बयान दिए, उन सभाओं में शेखावत भी मौजूद थे लेकिन वह कहते हैं कि मैंने यह बात नहीं सुनी ये बड़ी गंभीर बात है कि पीएम मोदी मीटिंग में कोई बात कह रहे हैं और उनके मंत्री एब्सेंट माइंड होकर बैठते हैं ऐसे निकम्मे मंत्री हैं कि उन्हें यही पता नहीं कि पीएम क्या बोल रहे हैं

गहलोत ने कहा कि शेखावत ने हमारे लिए भी फरमान जारी कर दिया था कि अगर पीएम मोदी ने इस तरह का कोई बयान नहीं दिया है तो वह मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दें अब आप बताइए कि जिस मीटिंग में खुद गजेंद्र सिंह शेखावत मौजूद थे और वह इस तरह के बयान दे रहे हैं  इसका क्या मतलब निकालें आपको बता दें कि गहलोत इससे पहले सचिन पायलट को निकम्मा बोल चुके हैं

गजेंद्र सिंह शेखावत का पलटवार
गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी गहलोत के इस बयां पर पलटवार करते हुए अपने जवाब में एक दोहे का सहारा (Shekhawat tweets on CM Gehlot) लिया उन्होंने लिखा कि,’बोली एक अनमोल है, जो कोई बोलै जानि हिये तराजू तौलि के, तब मुख बाहर आनि ‘गहलोत जी’ की जुबां में मेरे लिए तो बुरा ही बुरा है हर बार लगता है वे इससे बुरा न कहेंगे लेकिन अगली बार पहले से ज्यादा बुरा कह जाते हैं विष वमन इसे ही कहते है

शेखावत ने तीन ट्विट कर अपनी बात रखीइसमें उन्होंने लिखा कि ऐसा वे इसलिए करते हैं कि शायद जोधपुर की जनता का लोकसभ चुनाव में मुझे दिया प्रचंड आशीर्वाद वो आज तक पचा नहीं पा रहे हैं ‘निकम्मा’ शब्द तो शायद उनका प्रिय है मुझसे पहले अपनी पार्टी के ही एक युवा नेता को कह चुके हैं

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