नई दिल्ली
सारी अटकलों को विराम देते हुए और कयासों के एकदम विपरीत भाजपा ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित कर सबको चौंका दिया। धनखड़ के ऐलान से सभी राजनीतिक पंडितों के अनुमान ध्वस्त हो गए। एनडीए ने सर्वसम्मति से धनखड़ के नाम को फाइनल किया। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शनिवार को इसका औपचारिक ऐलान किया।
दिल्ली में भाजपा संसदीय बोर्ड की मीटिंग में यह फैसला हुआ। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत तमाम नेता शामिल हुए। धनखड़ राजस्थान के झुंझुनू के रहने वाले हैं। इसलिए धनखड़ के नाम का ऐलान राजस्थान के आगामी विधान सभा चुनाव पर असर डालेगा। माना जा रहा है कि राजस्थान के चुनावों को ध्यान में रखते हुए ही धनखड़ का नाम उपराष्ट्रपति पद के लिए फाइनल किया गया। यदि वह उप राष्ट्रपति निर्वाचित होते हैं तो राजस्थान से दूसरी बार कोई व्यक्ति इस पद पर पहुंचेगा। इससे पहले भैरोंसिंह शेखावत उपराष्ट्रपति निर्वाचित हुए थे।
जगदीप धनखड़ जाट हैं। भाजपा ने उनको उपराष्ट्रपति का उम्मीदवार घोषित कर जाट वोट बैंक को साधने की कोशिश कर रही है। इससे पहले भाजपा ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए आदिवासी महिला द्रोपदी मुर्मू का नाम फाइनल कर राजस्थान के आदिवासी वोट बैंक को साधने की कोशिश कर चुकी है।
70 साल के जगदीप धनखड़ को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 30 जुलाई 2019 को बंगाल का 28वां राज्यपाल नियुक्त किया था। वे 1989 से 1991 तक राजस्थान के झूंझनू से लोकसभा सांसद रहे। 1989 से 1991 तक वीपी सिंह और चंद्रशेखर की सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रहे।
धनखड़ के NDA के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में चुने जाने के बाद PM नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, “खुशी है कि जगदीप धनखड़ हमारे (NDA) के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होंगे। मुझे यकीन है कि वे राज्यसभा में उत्कृष्ट अध्यक्ष होंगे और राष्ट्रीय प्रगति को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से सदन की कार्यवाही का मार्गदर्शन करेंगे।”
इससे पहले, छह जुलाई को केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कैबिनेट से इस्तीफा दिया था। उनका राज्यसभा कार्यकाल गुरुवार 7 जुलाई को खत्म हो रहा था। इस्तीफे के बाद से नकवी को उपराष्ट्रपति कैंडिडेट बनाए जाने की चर्चा थी। नकवी को भाजपा ने पिछले दिनों हुए राज्यसभा के चुनाव में उम्मीदवार नहीं बनाया था, तब से ही कयास लगाए जा रहे थे कि पार्टी उन्हें किसी बड़ी भूमिका में लाना चाहती है।
उपराष्ट्रपति चुनाव का कार्यक्रम
- 19 जुलाई: नामांकन की आखिरी तारीख
- 6 अगस्त: वोटिंग
- 11 अगस्त: काउंटिंग और रिजल्ट
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