नई दिल्ली
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NPS की समीक्षा की लेकर केंद्र सरकार द्वारा गठित की गई कमेटी की रिपोर्ट लगभग तैयार है। आगामी वित्त वर्ष 2024-25 में सरकार केन्द्रीय कर्मचारियों को बड़ी खुशखबरी दे सकती है। इसके तहत केंद्रीय कर्मचारियों को पेंशन की एक निश्चित गारंटी मिल सकती है। लेकिन यह तय है कि सरकार OPS को पूरी तरह लागू नहीं करेगी। बल्कि NPS में ही कुछ सुधार कर पेंशन की एक निश्चित गारंटी की स्कीम पेश कर सकती है।
आपको बता दें कि पिछले साल कई राज्यों की तरफ से फिर से ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) लागू करने की घोषणा के बाद केंद्र सरकार ने भी एनपीएस की समीक्षा के लिए पिछले साल अप्रैल में वित्त सचिव टीवी सोमनाथन की अगुवाई में कमेटी का गठन किया था। सूत्रों के अनुसार कमेटी की रिपोर्ट लगभग तैयार है। एनपीएस को सरकार अब नए स्वरूप में पेश कर सकती है। इसके तहत केंद्रीय कर्मचारियों को उनके आखिरी वेतन की एक निश्चित प्रतिशत राशि पेंशन के रूप में मिल सकती है। माना जा रहा है कि यह कमेटी शीघ्र ही अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपने वाली है।
कमेटी की बैठकों में एनपीएस के नियमों में कुछ बदलाव करने पर चर्चा हुई है लेकिन यह पुरानी पेंशन व्यवस्था को बहाल करने के पक्ष में नहीं है। सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करने की मांग कर रहे हैं। कई राज्यों ने इसे बहाल कर दिया है। चुनावी वर्ष में केंद्र सरकार पर भी इसे बहाल करने का दबाव है।
सूत्रों के अनुसार सरकार कमेटी की रिपोर्ट पर कार्रवाई करने से पहले लोगों से सुझाव ले सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एक अधिकारी का कहना है इस रिपोर्ट में इस बात पर फोकस होगा कि एनपीएस में कैसे सुधार किया जाए। इसमें पेंशनर्स की चिंताओं को दूर करने का प्रयास किया जाएगा। अगर रिपोर्ट में किसी तरह के बदलाव की जरूरत होगी तो राजकोषीय असर को देखते हुए इसे किया जाएगा।
ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) में ये है प्रावधान
ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) के तहत कर्मचारियों को आखिरी सैलरी की 50 प्रतिशत राशि पेंशन के रूप में निर्धारित की जाती है और फिर महंगाई भत्ते के साथ-साथ उनकी पेंशन भी बढ़ती रहती है। एक जनवरी, 2004 से या उसके बाद नौकरी ज्वाइन करने वाले कर्मचारियों की पेंशन के लिए नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) लागू किया गया था जिसके तहत कर्मचारी व सरकार दोनों एक निश्चित राशि एनपीएस फंड में जमा करते हैं और यह फंड मार्केट से जुड़ा है और मार्केट के रिटर्न के हिसाब से कर्मचारियों को पेंशन दी जाएगी।
स्टेकहोल्डर्स से किया जाएगा विचार-विमर्श
ओपीएस के तहत सरकारी कर्मचारियों को पूरी तरह से टैक्सपेयर्स के पैसे से पेंशन दी जाती है, क्योंकि इस पेशन में उनका कोई आर्थिक योगदान नहीं होता है। महंगाई भत्ता में बढ़ोतरी के साथ कर्मचारियों की पेंशन भी बढ़ती जाती है और इसके साथ ही सरकारी खजाने पर भी दबाव बढ़ता जाता है। सूत्रों के मुताबिक, सरकार अप्रैल से आरंभ होने वाले नए वित्त वर्ष में वित्त सचिव की रिपोर्ट पर फैसला ले सकती है। फैसले से पहले विभिन्न स्टेकहोल्डर्स से विचार-विमर्श भी किए जाएंगे।
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