कानपुर
रेलवे के एक GM उनके ही महकमे के कारिंदों और अधिकारियों की लापरवाही और मिलीभगत के चलते ठगी के शिकार हो गए। इस मामले में पांच कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है।
मामला उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज-कानपुर खंड का है। दरअसल उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक प्रमोद कुमार ब्रह्मपुत्र मेल से प्रयागराज-कानपुर खंड का निरीक्षण करने पहुंचे थे। इसी दौरान वह कानपुर स्टेशन पर उतर गए और सामान्य यात्री की तरह खाद्य वस्तुओं की खरीदारी की। एक वेंडर ने सील बंद रेलनीर की बोतल के 20 रुपए वसूल लिए, जबकि उसकी कीमत 15 रुपए ही थी। उन्होंने छह स्टॉल पर कीमत की जांच की। तब यह गोरखधंधा पकड़ में आया।
उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक प्रमोद कुमार ने इस पर गहरी नाराजगी जताई। इसके बाद मामले में जिम्मेदार रेलवे के पांच कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया। इसके अलावा अधिक कीमत लेने वाले वेंडरों को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। जिनको निलंबित किया गया है उनमें खानपान निरीक्षक अशोक बैरवा और एसएस मिश्रा, वाणिज्य निरीक्षक विजय शर्मा, मुख्य टिकट निरीक्षक (स्टेशन) वीके तिवारी और पब्लिक परिवाद निरीक्षक श्रीमती शादाब के नाम हैं।
तय दाम से ज्यादा कीमत वसूलें तो यहां करें शिकायत
GM प्रमोद कुमार ने बताया कि स्टेशन,सोशल मीडिया और एफएम रेडियो पर संदेश दिया जा रहा है कि यात्री तय दामों से ज्यादा पैसों में सामान न खरीदें। अगर कोई वेंडर या स्टाल संचालक ऐसा करता है तो मदद एप हेल्पलाइन नंबर 139 पर शिकायत करें।
यहां भी हो एक्शन, पांच जगह देना पड़ता है चढ़ावा
रेलवे स्टेशनों पर वेंडर या स्टाल संचालकों का कहना ये है कि लाखों रुपए के स्टाल, महंगी बिजली उस पर हर माह चार-पांच जगह चढ़ावा यानी घूस देनी पड़ती है। उसमें देरी होने पर तुरंत छापेमारी कर स्टाल बंद करवा दिया जाता है और जुर्माना अलग से किया जाता है। इसलिए अगर स्टाल संचालक तय दरों से ज्यादा पर सामान न बेचे तो वह कमाना तो दूर परिवार का पेट भी नहीं पाल सकता।
वेंडरों का कहना था कि रेल नीर की एक क्रेट (12 बोतल) मिलती है। इस पर पांच जगहों जिसमें खानपान, हेल्थ और ऊपर तक के अधिकारी को चढ़ावा देना पड़ता है। इसके अलावा डयूटी सिपाही अलग से सामान ले लेते हैं और पैसा नहीं देते।
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