हाईटेक बनाए जाएंगे RSS के 25 हजार स्कूल, 1.25 लाख आचार्यों और 32 लाख विद्यार्थियों को किया जाएगा ट्रेंड, जानिए पूरी योजना

नई दिल्ली | नई हवा ब्यूरो 

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से सम्बद्ध  देशभर में संचालित 25 हजार सरस्वती शिशु मंदिरों हाईटेक किया जाएगा। विद्याभारती के तहत चलने वाले इन विद्यालयों में अब इन्फॉर्मेशन कम्युनिकेशन एंड टेक्नोलॉजी (ICT) सेंटर खुलने जा रहा है। ICT ई-लर्निंग के लिए ऑडियो-वीडियो आधारित पाठ्यक्रम विकसित करेगा।

सावन लागौ चले पुरवैया उड़जा काग लिवा ला भईया. . .

जानकारी के अनुसार RSS की इस हाईटेक योजना में  25 हजार विद्यालयों के 1.25 लाख आचार्य और पहली से 12वीं तक के 32 लाख विद्यार्थी जुड़ेंगे। इनके शिक्षण-प्रशिक्षण से लेकर ई-लर्निंग के लिए ऑडियो-वीडियो आधारित पाठ्यक्रम विकसित होंगे। देशभर के 80 हजार आचार्यों को तैयार किया जा रहा है।

संघ में इस हाईटेक योजना पर 2015 से मंथन शुरू हो गया था जो अब साकार होने जा रहा है। दरअसल कोरोना काल के बाद केंद्र सरकार ने देश में एनईपी-2020 यानी नई शिक्षा नीति को लागू कर दिया था। इसके बाद से ही विद्याभारती ने भी तत्परता दिखा कर से इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया।

पहले चरण में ये हुए प्रयास
पहले चरण में आइसीटी बेस्ड लर्निंग को महत्व दिया गया। विद्याभारती के परिसर और शिशु मंदिरों को अत्याधुनिक बनाने के प्रयास शुरू हुए। प्रांत कार्यालयों में कम्प्यूटर लैब, डिजिटल स्टूडियो बनाए गए। जिला केंद्रों को आइसीटी सेंटर के रूप में विकसित किया तो शिशु मंदिरों में स्मार्ट क्लासेस बनाई गईं।

संगठन के पदाधिकारियों का मानना है कि आधुनिकीकरण के साथ आचार्यों और विद्यार्थियों की ट्रेनिंग जरूरी है। इस हिसाब से संसाधन जुटाए गए और देश-दुनिया के मास्टर ट्रेनर और विषय विशेषज्ञों का शेड्यूल तय किया गया। अब हर महीने 10 दिन की लाइव क्लास हो रही है। ट्रेनर आचार्यों-शिक्षकों को प्रशिक्षण दे रहे हैं।

वर्चुअल क्लासरूम के तहत देशभर में छह वर्षों से ऑनलाइन क्लासेस संचालित कर रही है। 80 हजार से अधिक आचार्य इनका लाभ ले रहे हैं। एनईपी ने शिशु मंदिरों के आधुनिकीकरण की कवायद के इस प्रयास को गति दे दी है। इसमें अंग्रेजी, सामाजिक विज्ञान, विज्ञान, गणित, वैदिक गणित, संस्कृत, अंग्रेजी संभाषण, कम्प्यूटर शिक्षण और सामान्य जागरुकता के ऑडियो-वीडियो पाठ्यक्रम तैयार करने के साथ पढ़ाए भी जा रहे हैं।

विद्या भारती के स्कूलों में इस तरह के बदलाव को सरकारी और निजी सेक्टर के स्कूलों से टक्कर लेने के तौर पर देखा जा रहा है। समाज के विभिन्न वर्गों से भी यह मांग उठ रही थी कि विद्या भारती के स्कूलों का आधुनिकीकरण किया जाए। इसी कमी की वजह से उनको अपने बच्चों को दूसरे स्कूलों में पढ़ाने को मजबूर होना पड़ रहा है।

भरतपुर में दुखद घटना: डिप्रेशन में आई युवती ने किया सुसाइड, NEET की कर रही थी तैयारी

जगदीप धनखड़ होंगे NDA के उपराष्ट्रपति कैंडिडेट, जानिए भाजपा ने क्यों लिया ये फैसला

छोटे बैंकों को बड़े बैंकों में किया जाएगा मर्ज, सरकार कर रही स्टडी

EMM Negative: भारत में मिला पहला दुर्लभ ब्लड ग्रुप और दुनिया का 10वां, जानिए किसे दे सकता है खून

7th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों को सौगात, केंद्र सरकार ने ये किया बड़ा ऐलान | इसके साथ ही जानिए DA Hike का भी क्या है अपडेट

सावन लागौ चले पुरवैया उड़जा काग लिवा ला भईया. . .