भरतपुर जिले की क्या हैं समस्याएं और कैसे होगा इसका विकास, व्यापारी मुख्यमंत्री को कहेंगे अपनी बात

भरतपुर 

भरतपुर जिला व्यापार महासंघ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भरतपुर जिले के समग्र विकास के लिये 11 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन देगा और उनसे आग्रह करेगा कि इन पर जल्द से जल्द कार्यवाही की जाए। व्यापार महासंघ मुख्यमंत्री को बताएगा कि भरतपुर जिले की क्या समस्याएं हैं और कैसे भरतपुर का विकास हो।  महासंघ के जिला प्रवक्ता विपुल शर्मा के अनुसार आज भरतपुर जिला व्यापार महासंघ का एक प्रतिनिधि मण्डल जिलाध्यक्ष संजीव गुप्ता के नेतृत्व में मुख्यमंत्री से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपेगा।

विपुल शर्मा ने बताया कि महासंघ ने ज्ञापन भी तैयार कर लिया है। ज्ञापन में व्यापारियों ने अपनी समस्याएं गिनाई हैं और राज्य के व्यापारियों के लिये निःशुल्क बीमा व पेंशन योजना लागू करने की मांग करते हुए बताया गया कि उत्तरप्रदेश, उत्तरांचल एवं देश के अन्य कई राज्यों में व्यापारियों का भविष्य सुनिश्चित करने हेतु राज्य सरकारों द्वारा प्रायोजित जीवन बीमा एवं योजना लागू की गई है। इसलिए राज्य के समस्त छोटे-बड़े व्यापारियों के लिए जीवन बीमा योजना सरकार द्वारा लागू की जाये, जिससे किसी भी आपदा के समय उनके आश्रितों को सम्बल मिल सके।

व्यापारियों ने भरतपुर को हैरीटेज जिला घोषित करने की मांग करते हुए बताया गया कि भरतपुर जिला राज्य के अन्य जिलों की अपेक्षा आर्थिक रूप से बहुत ही पिछड़ा हुआ है और इसी कारण यहां आशानुकूल विकास भी नहीं हुआ है। जबकि भरतपुर का नाम विश्व प्रसिद्ध घना पक्षी विहार के कारण विश्व पर्यटन मानचित्र पर अंकित है। प्राचीन अनूठी कलाकृति से भरपूर ऐतिहासिक एवं धार्मिक इमारतें विद्यमान है जिनमें प्रमुख श्री गंगाजी मंदिर, श्री लक्ष्मण मंदिर, श्री बिहारी जी मंदिर, जामा मस्जिद, भरतपुर का प्रसिद्ध लोहागढ़ दुर्ग, डीग के अनूठे जल महल, ऐतिहासिक म्यूजियम, कुम्हेर व कांमा के महल प्रमुख हैं।

इसके अलावा श्री कृष्ण भगवान की क्रीडा स्थली काम्यवन धार्मिक तीर्थ है, जिसको देखने देश-विदेश के सैलानी भरतपुर आते हैं। यदि अगर भरतपुर जिले को हेरीटेज जिला घोषित कर दिया जाये तो विश्व बैंक द्वारा प्रदत्त आर्थिक सहायता से भरतपुर जिले का कायाकल्प किया जा सकता है।

व्यापारियों की मांग है कि पैट्रोल-डीजल को जी.एस.टी. के दायरे में लिया जाये जिससे देश में पैट्रोल डीजल की कीमत एक हो सके। महासंघ के अनुसार राजस्थान से लगे पड़ौसी राज्यों में डीजल-पेट्रोल की कीमत राजस्थान की अपेक्षा कम है। इसलिए राजस्थान के पैट्रोल-डीजल पम्प बंद के कगार पर हैं।

व्यापारियों ने व्यापारी कल्याण बोर्ड के लिये एक बजट का प्रावधान करने, ऑन लाइन व्यापार को बंद करने, भरतपुर जिले को एन.सी.आर. व टी. टी. जेड के क्षेत्र से मुक्त करने, भरतपुर में एक नये औद्योगिक क्षेत्र का निर्माण करने, नगर निगम भरतपुर द्वारा लगाये गये यू.डी.एच. टैक्स को खत्म करने, रेपो रेट बढ़ाने का कार्य बंद कर कम ब्याज  पर खुदरा व्यापारी को बैंक ऋण उपलब्ध कराने, सुजानगंगा नहर का जीर्णोद्धार कराने, जिले की मण्डियों में हो रहे जलभराव से तुरन्त निजात दिलाने की मांग की की है।

व्यापारियों ने यह भी बताया है कि सूदखोरी की वजह से  व्यापारी आत्मदाह करने को मजबूर हैं।  उस पर सख्त कार्यवाही की जाये। व्यापारियों के अनुसार भरतपुर जिले की मण्डियों में हो रही चोरियों एवं डकैतियों का खुलासा अभी तक भी नहीं करा सका है। इसमें पुलिस प्रशासन को तुरन्त कार्यवाही करने के निर्देश दिये जायें।

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