राज्यसभा चुनाव: BTP ने बढ़ाई कांग्रेस की टेंशन, रातों रात बदल दिया अपना ये फैसला

जयपुर | नई हवा ब्यूरो 

भारतीय ट्राइबल पार्टी (BTP) ने बुधवार रात को अपना फैसला बदल दिया और कांग्रेस की टेंशन बढ़ा दी BTP ने पहले राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के समर्थन का ऐलान किया था अब रातों रात लिए अपने फैसले में पार्टी ने ऐसा करने से इंकार कर दिया

अब पार्टी ने अपने दो विधायकों को 10 जून को राज्यसभा चुनाव में मतदान (Rajasthan Rajya Sabha Election) में भाग नहीं लेने का निर्देश दिए हैं इस फैसले से अब कांग्रेस की चिंता बढ़ गई है। आपको बता दें कि मंगलवार को उदयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) से मुलाकात के बाद पार्टी विधायकों ने कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा की थी लेकिन अब अचानक बीटीपी के प्रदेशाध्यक्ष वेलाराम घोघरा ने कहा कि विधायकों को व्हिप के जरिए राज्यसभा चुनाव में मतदान से परहेज करने का निर्देश दिया गया है

घोघरा ने कहा कि हमारे विधायकों ने 2020 में राजनीतिक संकट के दौरान कांग्रेस पार्टी का समर्थन किया पार्टी ने हमारी मांगों का मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया था लेकिन कुछ नहीं हुआ, इसलिए हमारे  विधायक इस चुनाव में मतदान नहीं करेंगे

क्या BTP अब टूट जाएगी?
इस बीच  कांग्रेस को समर्थन देने वाले बीटीपी विधायक राजकुमार रोत के बयान ने अपनी ही पार्टी में खलबली मचा दी है उनका कहना था कि पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से सलाह मशविरा करने के बाद राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को समर्थन देने का फैसला किया गया था, लेकिन अब प्रदेश अध्यक्ष ने अपने दम पर व्हिप जारी किया है

रोत ने कहा कि चूकि कांग्रेस पार्टी सत्ता में है, तो ऐसे हमारी मांगें, जो आदिवासी लोगों और क्षेत्र के विकास से संबंधित है, केवल सत्तारूढ कांग्रेस द्वारा पूरी की जा सकती हैं इसलिए हमने राज्यसभा चुनाव में सत्तारूढ पार्टी के उम्मीदवारों को समर्थन देने की घोषणा करने का फैसला किया था रोत ने कहा कि हम (विधायक) आगे की कार्रवाई तय करने के लिए  कल पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ चर्चा करेंगेबीटीपी के दोनों विधायक राजकुमार रोत और रामप्रसाद डिंडोर इस समय उदयपुर में एक अलग स्थान पर ठहरे हुए है वे उस होटल में नहीं रूके हुए हैं  जहां कांग्रेस और उनके समर्थक विधायक ठहरे हुए हैं

ये हैं मैदान में
राज्यसभा सदस्यों के लिए चुनाव 10 जून को होना है राजस्थान में  कांग्रेस ने तीन उम्मीदवार मुकुल वासनिक, रणदीप सुरजेवाला और प्रमोद तिवारी को और  भाजपा ने पूर्व मंत्री घनश्याम तिवाडी को मैदान में उतारा है

वहीं भाजपा और RLP ने निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा को समर्थन दिया है राजस्थान में 200 सदस्यों वाली विधानसभा में कांग्रेस के पास 108 विधायक, भाजपा के 71, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के तीन, सीपीआई (एम) और भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के दो-दो , राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के एक और 13 निर्दलीय विधायक हैं

कांग्रेस की दो सीटों पर जीत सुनिश्चित हैइसके बाद कांग्रेस के पास 26 अधिशेष वोट होंगे, तीसरी सीट पर जीत दर्ज करने के लिए पार्टी को 15 और मतों के साथ 41 मतों की आवश्यकता है वहीं भाजपा की एक सीट पर जीत पक्की है और पार्टी ने 30 अधिशेष वोट और आरएलपी ने तीन वोटों के लिए  निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा को समर्थन देने की घोषण की है चंद्रा को जीतने के लिए  आठ और वोटों की जरूरत होगी

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