महंगी दवाओं पर हो रही है 1000% से अधिक मुनाफा वसूली, NPPA की एनालिसिस से सामने आई ये हकीकत, अब नकेल कसने की तैयारी

नई दिल्ली 

भारत में महंगी दवाओं पर 1000% से अधिक मुनाफा वसूली हो रही है। यह हकीकत भारत में दवा की कीमतों को रेगुलेट करने वाली अथॉरिटी नियामकीय प्राधिकरण नेशनल फार्मास्युटिकल्स प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) के विश्लेषण में सामने आई है अब प्राधिकरण ने लोगों को राहत देने के लिए मुनाफा वसूली पर नकेल कसने की कोशिशें शुरू कर दी हैं

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार NPPA के विश्लेषण में सामने आया है कि दवा विक्रेता 100 रुपए से अधिक की कई दवाओं पर 1,000 फीसदी से ज्यादा का ट्रेड मार्जिन वसूल रहे हैं इसी को लेकर NPPA ने दवा निर्माताओं के साथ बैठक कीइसी मीटिंग में यह प्रस्ताव रखा गया। बताया गया कि दवा निर्माता कंपनियों ने NPPA के इस प्रस्ताव पर अपनी सहमति जताई है। अब NPPA ने इस विषय में दवा उद्योग से सुझाव मांगे हैं।

NPPA का मानना है कि कि महंगी दवाओं पर ट्रेड मार्जिन 1000 फीसदी से भी अधिक लिया जा रहा है जो कम होना चाहिए दवा निर्माता कंपनियां भी मानती हैं ट्रेड मार्जिन बहुत ज्यादा है NPPA के विश्लेषण के अनुसार 50-100 रुपए वाली दवाओं में से 2.97 फीसदी दवाओं का ट्रेड मार्जिन 50-100 फीसदी और 1.25 फीसदी दवाओं का ट्रेड मार्जिन 100-200 फीसदी है  इसी तरह 2.41 फीसदी दवाओं का मार्जिन 200-500 फीसदी है

NPPA ने कहा है कि 100 रुपए से अधिक की टैबलेट के बारे में बात करें तो 8 फीसदी दवाओं का मार्जिन 200-500 फीसदी के बीच है 2.7 फीसदी दवाओं का मार्जिन 500-1000 फीसदी के बीच और 1.48 फीसदी दवाओं का मार्जिन 1000 फीसदी से ज्यादा हैNPPA ने दवाओं पर इतनी अधिक मुनाफा वसूली पर गहरी चिंता जताई है

NPPA ये लाया प्रस्ताव
NPPA ने पिछले दिनों दवा निर्माता कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में दवाओं के ट्रेड मार्जिन को तर्कसंगत बनाने के लिए ट्रेड मार्जिन रेशनलाइजेशन (TMR) पर चर्चा हुई इसके तहत सप्लाई चेन में ट्रेड मार्जिन की सीमा को तय कर दिया जाता है ड्रग नियामक के विश्लेषण से पता चला है कि भारत में नॉन शेड्यूल दवाओं का सालाना टर्नओवर 1.37 लाख करोड़ रुपये से अधिक है यह भारत में फार्मा सैक्टर के सालाना टर्नओवर 81 फीसदी है एक सरकारी अधिकारी ने बताया है कि फार्मा कंपनियों ने इस बात को स्वीकारा है कि TMR से दवाओं की कीमतों में बड़ी कमी आएगी अधिकारी के अनुसार, TMR पर किसी भी तरह का फैसला लिए जाने से पहले दवा उद्योग का सुझाव लिया जाएगा

क्या होता है ट्रेड मार्जिन
दवा निर्माता जिस कीमत पर दवा को बेचता है और ग्राहक जिस कीमत (MRP) पर दवा खरीदता है उसे ट्रेड मार्जिन कहते हैं जैसे-जैसे दवा की कीमत बढ़ती है ट्रेड मार्जिन भी बढ़ता जाता है दवा निर्माता से कंपनियों से ग्राहक तक दवा पहुंचने में खुदरा दुकानदार के अलावा होलसेल डिस्ट्रीब्यूटर्स (थोक विक्रेता) भी होते हैं अगर NPPA की पहले से दवाओं की कीमत कम होती है तो देश की एक बड़ी आबादी को काफी राहत मिलेगी सरकार भी दवाओं की कीमतों को काबू में लाने के लिए जेनेरिक दवाओं को बढ़ावा दे रही है

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