जयपुर
राजस्थान के प्राइवेट बस ऑपरेटर सरकार के खिलाफ लामबंद हो गए हैं। वह अपनी मांगों को लेकर 12 सितम्बर को हड़ताल पर चले जाएंगे। उनका आरोप है कि सरकार प्राइवेट बस आपरेटर्स की समस्याओं को लेकर उदासीनता बरत रही है जबकि पूर्व में कई बार सरकार को मांगों का ज्ञापन दिया जा चुका है। हर बार उनको भरोसा दिया गया; लेकिन समाधान कोई नहीं निकाला।
प्राइवेट बस ऑपरेटर्स मंगलवार को बसऑपरेटर्स एसोसिएशन राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष नारायण साहू और उपाध्यक्ष विपिन कुमार के नेतृत्व में जयपुर के शहीद स्मारक पर विरोध प्रदर्शन कर चुके हैं। प्रदर्शन में प्रदेश भर से करीब एक हजार बस ऑपरेटर्स जयपुर पहुंचे थे। सभा की और सरकार की नीतियों के विरोध में नारेबाजी की।
प्रदेश अध्यक्ष नारायण साहू और उपाध्यक्ष विपिन कुमार ने आरोप लगाया कि सरकार ने उन्हें वार्ता के लिए बुलाया जरूर सकरात्मक नतीजा नहीं निकला। उन्होंने कहा कि अब सब्र का बाँध टूट चुका है। लिहाजा बस ऑपरेटर्स ने 12 सितंबर से प्रदेश भर में चक्का जाम हड़ताल पर चले जाएंगे। जयपुर में हुई सभा को एसोसिएशन के विधि सलाहकार दीपक मुद्गल एडवोकेट ने भी सम्बोधित किया।
30 हजार बसों के थम जाएंगे पहिए
हड़ताल की वजह से प्रदेश में 30 हजार प्राइवेट बसों के पहिए थम जाएंगे। एम्बुलेंसकर्मियों की हड़ताल के बाद अब सरकार के सामने प्राइवेट बस ऑपरेटर्स की हड़ताल से एक और नहीं समस्या का सामना करना पद सकता है।
ये हैं मांगें
- स्टेज कैरिज बस का 1 वर्ष का टैक्स माफ किया जाए
- लोक परिवहन सेवा की मॉडल कंडीशन 4 वर्ष बढ़ाया जाए
प्राइवेट बस स्टैंड की जिला और तहसील पर हो स्थापना - स्लीपर बसों का टैक्स अन्य राज्यों के समान किया जाए
- चुनाव अधिग्रहण भुगतान की राशि रीट परीक्षा के समान किया जाए
- यात्री किराया बढ़ाया जाए
डीजल की कीमतों में कमी की जाए
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