जयपुर
अब यह बात साफ़ हो गई है कि वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा का पेपर कांग्रेस सरकार में नियुक्त किए गए RPSC मेंबर बाबूलाल कटारा ने ही लीक किया था। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने बुधवार को इसका बड़ा खुलासा करते हुए यह जानकारी दी और कहा कि कटारा ने पेपर लीक किया और वाइस प्रिंसिपल शेरसिंह मीणा को 60 लाख रुपए में पेपर बेचा। इसके बाद शेरसिंह ने 80 लाख रुपए में भूपेंद्र सारण को यह पेपर दिया। एसओजी अभी भी पेपर लीक मामले में 10 से अधिक लोगों की तलाश कर रही है।
कटारा पर ही थी सभी 6 पेपर सेट करने की जिम्मेदारी
एसओजी एडीजी अशोक राठौड़ ने बताया कि RPSC सदस्य बाबूलाल कटारा ने एग्जाम से 2 से 3 सप्ताह पहले ही इस प्रतियोगी परीक्षा का सामान्य ज्ञान का पेपर शेर सिंह मीणा को बेच दिया था। वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा के सभी 6 पेपर सेट करने की जिम्मेदारी राजस्थान लोक सेवा आयोग के सदस्य बाबूलाल कटारा को दी गई थी। कटारा ने अलग-अलग एक्सपर्ट से पेपर बनवाए थे।
पेपर को प्रिंटिंग प्रेस में भेजने से पहले ही भांजे को दे दिया
पेपर को प्रिंटिंग प्रेस में भेजने से पहले ही कटारा ने मूल पेपर की प्रति अपने भांजे को दे दी थी जिसे बाद में शेर सिंह मीणा को साठ लाख में बेच दिया गया था। शेर सिंह ने दो किस्तों में 60 लाख रुपए कटारा को दिए। शेर सिंह ने इस पेपर को जयपुर के शास्त्री नगर थाना इलाके में टाइप करा कर भूपेंद्र सारण को बेच दिया। भूपेंद्र फिर इस पेपर को आगे सर्कुलेट करता चला गया। पेपर को 5 लाख रुपए तक में बेचा गया।
एसओजी एडीजी के अनुसार शुरुआती जांच में पता चल गया था कि किसी परीक्षा केंद्र से नहीं बल्कि आरपीएससी ये ही पेपर लीक हुआ था। इसके बाद विशेष टीम का गठन कर कड़ी से कड़ी जोड़कर कार्रवाई को अंजाम दिया औरआरपीएससी मेंबर बाबूलाल कटारा, उसके भांजे विजय डामोर और ड्राइवर गोपाल को गिरफ्तार कर लिया। उनको आज कोर्ट में पेश किया गया। 29 अप्रैल तक रिमांड पर भेजा गया है। राठौड़ ने बताया कि बाबूलाल कटारा यह जान चुका था कि कभी भी उसकी गिरफ्तारी हो सकती है। जब एसओजी के डीआईजी सतवीर सिंह उसके अजमेर स्थित घर पहुंचे तो उसने किसी भी प्रकार का कोई रिएक्शन नहीं किया।
अब बाबूलाल कटारा समेत तीनों को एक साथ वाइस प्रिंसिपल शेर सिंह मीणा के सामने बैठाकर पूछताछ की जाएगी। शेर सिंह को पहले ही दस दिन की रिमांड पर लिया जा चुका है। रिमांड पूरी होने के बाद फिर से तीन दिन की रिमांड पर लेने की तैयारी है।
इधर पेपर लीक के मास्टरमाइंड सुरेश ढाका की तलाश में डूंगरपुर और चित्तौड़गढ़ में छापेमारी शुरू कर दी गई है। एसओजी को उसके बारे में कुछ जानकारी मिली है। उसके बाद बुधवार सुबह से सर्च शुरू कर दिया गया है। इस पूरे मामले में अब तक करीब पचास से ज्यादा लोगों को पकड़ा जा चुका है। इसमें बड़ी संख्या में वे अभ्यर्थी हैं, जिन्होंने पेपर के लिए पैसा दिया था।
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