Big Action: घटिया दवा बनाकर सेहत से खिलवाड़ कर रही थीं ये दवा कंपनियां, केंद्र सरकार ने रद्द किए 23 के लाइसेंस | यहां देखिए इनकी लिस्ट, हिमाचल, राजस्थान, UP, उत्तराखंड और मध्यप्रदेश सहित बीस राज्यों में चल रहा था प्रोडक्शन

नई दिल्ली 

केंद्र सरकार ने घटिया दवा बनाने वाली कंपनियों के खिलाफ देशभर में एक बड़ा एक्शन लिया है। ये दवा कंपनियां करोड़ों की घटिया दवाएं मार्केट में उतार कर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रही थीं। हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, UP, उत्तराखंड और मध्यप्रदेश सहित बीस राज्यों में काम कर रही ऐसी 23 दवा कंपनियों  (23 pharmaceutical companies license) के लाइसेंस ही सरकार ने रद्द कर दिए हैं। यानी ये कंपनियां दवा का उत्पादन नहीं कर पाएंगी। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने कई ऐसी कंपनियों को नोटिस थमाया है जो घटिया दवा के धंधे में लिप्त पाई गई हैं। सूत्रों ने ‘नई हवा’ को बताया कि आने वाले दिनों और भी दवा कंपनियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हो सकती है।

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सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार ने जब इन दवा कंपनियों की जांच करवाई तो पाया गया कि इनके द्वारा निर्मित दवाओं की गुणवत्ता या तो बहुत ख़राब थी या फिर दवा निर्माण से जुड़े विभिन्न मानकों का पालन नहीं कर रही थीं सूत्रों ने बताया कि खराब गुणवत्ता की दवाओं की आपूर्ति को लेकर भारत के ड्रग्स कंट्रोलर जनरल (DCGI) की तरफ से बीस राज्यों में स्थित सैकड़ों दवा कंपनियों की जांच की गई। इसमें राज्य ड्रग कंट्रोलर्स की भी मदद ली गई। इस जांच के बाद 23 दवा कंपनियों के खिलाफ बड़ा एक्शन लेते हुए उनके लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं। पहले इन कंपनियों को नोटिस दिया गया था, लेकिन नोटिस का ये कंपनियां संतोषजनक जवाब नहीं दे पाईं तो उनके या तो लाइसेंस रद्द कर दिए गए है या फिर उनमें दवा उत्पादन पर रोक लगा दी है।

जिन दवा कंपनियों के लाइसेंस रद्द किए गए हैं उनमें 13 उत्तराखंड की और नौ हिमाचल प्रदेश की हैं। इनके अलावा 32 अन्य दवा कंपनियों को नोटिस दिए गए हैं जिनमें निरीक्षण के दौरान मानकों में खामियां पाई गईं। इनमें से कुछ के जवाब भी आ गए हैं। इनके खिलाफ भी एक्शन लिया जाएगा। ये दवा कंपनियां भी ज्यादातर हिमाचल और उत्तराखंड में स्थित हैं। नकली दवाओं के निर्माण से जुड़ी देश भर की फार्मा कंपनियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई अभी भी जारी है। सूत्रों ने ‘नई हवा’ को बताया कि आने वाले दिनों और भी दवा कंपनियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हो सकती है।

आपको बता दें कि इससे पहले पिछले साल दिसंबर में हिमालय मेडिटेक प्राइवेट लिमिटेड का लाइसेंस रद्द कर दिया गया था। वहीं इस साल 7 फरवरी को 12 उत्पादों के निर्माण की अनुमति रद्द कर दी गई थी। इसके अलावा, हिमाचल प्रदेश के बद्दी से श्री साई बालाजी फार्माटेक प्राइवेट लिमिटेड को कारण बताओ और निर्माण बंद करने का नोटिस जारी किया गया था। दवाएं निरीक्षकों द्वारा अनुपालन के सत्यापन के बाद उत्पादन बंद करने के आदेश को रद्द कर दिया गया था।

बताया जा रहा है कि डीसीजीआई ने 20 राज्यों की 76 कंपनियों का निरीक्षण किया था। सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि नकली दवा बनाने वाली कंपनियों पर सरकार कड़ी सख्ती कर रही है। आपको यहां यह भी बता दें कि भारत से निर्यात की गई दवाओं में खामियों को लेकर कई देशों द्वारा शिकायतें की गईं थीं। इसके बाद देशभर में दवाओं की गुणवत्ता की जांच का बड़ा अभियान शुरू किया गया है।

इन कंपनियों के खिलाफ हुआ एक्शन
जिन फार्मा कंपनियों के खिलाफ एक्शन हुआ है उनमें देहरादून की हिमालया मेडिटेक प्राइवेट लिमिटेड, मध्य प्रदेश के इंदौर की सन एजे, एमपी के ही उज्जैन की विंटोकेम, हरिद्वार की ओम बायोमेडिक, देहरादून की एसवीपी लाइफ साइंसेज, रुड़की की एप्पल फॉर्म्युलेशन और रिलीफ बायोटेक, काशीपुर की एग्रोन रेमेडीज और रुड़की की बजाज फॉर्मूलेशन का नाम शामिल है। इन कंपनियों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं और इन्हें दवा का उत्पादन बंद करने के लिए कहा गया है। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश की एथेंस लाइफ साइंसेज, लैबोरेट फार्मास्यूटिकल्स, लाइफ विजन हेल्थकेयर और जेएम लैबोरेटोरीज को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

इन राज्यों में हुई है कार्रवाई
जिन 20 राज्यों में जांच की गई उनमें आंध्र प्रदेश, बिहार, दिल्ली, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पुडुचेरी, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।

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