न्यूयार्क
GK में यदि सवाल पुछा जाए कि दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाला देश कौन सा है? तो आप अब चीन मत कहिएगा। अब दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाला देश है भारत। इसके बाद चीन। यूनाइटेड नेशंस पॉपुलेशन फंड (UNFPA) की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है जिसके मुताबिक भारत की आबादी अब 142 करोड़ के पार पहुंच गई है। आंकड़ों के मुताबिक, भारत की जनसंख्या 142 करोड़ 86 लाख है। वहीं चीन की जनसंख्या 142 करोड़ 57 लाख ही है। यानी भरता की आबादी चीन से तीस लाख ज्यादा।
यह पहली बार है कि भारत की जनसंख्या 1950 के बाद से चीन से आगे निकल गई है। संयुक्त राष्ट्र ने पिछले साल यह अनुमान लगाया था कि अगले साल तक भारत सबसे ज्यादा आबादी के मामले में चीन को पीछे छोड़ देगा। इस संबंध में NFPA की ‘द स्टेट ऑफ वर्ल्ड पॉपुलेशन रिपोर्ट, 2023’ ने बुधवार को अपनी रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट का नाम ‘8 बिलियन लाइव्स, इनफिनिट पॉसिबिलिटीज: द केस फॉर राइट्स एंड चॉइस’ है. यह आंकड़े ‘डेमोग्राफिक इंडिकेटर्स’ की श्रेणी में दिए गए हैं।
UNFPA के मीडिया सलाहकार अन्ना जेफरीज ने बताया, ‘हां, यह स्पष्ट नहीं है कि भारत ने चीन को कब पीछे छोड़ा है। ’ जेफरीज ने कहा, ‘दरअसल दोनों देश की तुलना करना काफी कठिन है। क्योंकि दोनों देशों के डाटा कलेक्शन में थोड़ा अंतर है।’ उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट में यह साफ है कि चीन की आबादी पिछले साल अपने चरम पर पहुंच गई और अब इसमें गिरावट आने लगी है। वहीं भारत की आबादी फिलहाल बढ़ रही है। हालांकि भारत की आबादी के ग्रोथ रेट में भी 1980 के बाद से गिरावट देखी जा रही है। इसका मतलब यह है कि भारत की आबादी बढ़ रही है लेकिन इसकी दर पहले के मुकाबले अब कम हो गई है।
भारत में इनकी आबादी सबसे ज्यादा
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की 25 प्रतिशत आबादी 0 से 14 साल के बीच है। इसके अलावा 18 फीसदी लोग 10 से 19 की उम्र के हैं। 10 से 24 साल तक के लोगों की संख्या 26 प्रतिशत है। वहीं 15 से 64 साल तक के लोगों की संख्या 68 प्रतिशत है और 65 से ऊपर के 7 प्रतिशत लोग हैं। चीन की बात करें तो 0 से 14 साल के बीच 17%, 10 से 19 के बीच 12%, 10 से 24 साल 18%, 15 से 64 साल 69% और 65 से ऊपर के लोगों की संख्या 14% है।
2050 तक 166 करोड़ पहुंच जाएगी आबादी
अमेरिकी सरकार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 18वीं सदी में आबादी 12 करोड़ के आसपास रही होगी। 1820 में भारत की आबादी 13.40 करोड़ के आसपास थी। 19वीं सदी तक भारत की आबादी ने 23 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया। 2001 में भारत की आबादी 100 करोड़ के पार चली गई। अभी भारत की आबादी 140 करोड़ के आसपास है. 2050 तक भारत की आबादी 166 करोड़ के आसपास होगी।
इसलिए भारत में बढ़ती जा रही आबादी
भारत में आबादी बढ़ने की तीन बड़े कारण हैं। पहला- शिशु मृत्यु दर में गिरावट यानी एक साल से कम उम्र के बच्चों की मौत घट रही है। दूसरा- नवजात मृत्यु दर में कमी यानी 28 दिन की उम्र तक के बच्चों की मौत में कमी आ रही है।और तीसरा- अंडर-5 मोर्टेलिटी रेट कम होना यानी पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मौतों की संख्या घट रही है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के हेल्थ मैनेजमेंट इन्फोर्मेशन सिस्टम (HMIS) की 2021-22 की रिपोर्ट बताती है कि भारत में शिशु मृत्यु दर, नवजात मृत्यु दर और अंडर-5 मोर्टेलिटी रेट में गिरावट आ रही है।
78 देशों की आबादी के बराबर भारत में जन्म ले रहे बच्चे
संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि भारत में हर साल लगभग ढाई करोड़ बच्चों का जन्म होता है। वहीं, सबसे ज्यादा आबादी वाले चीन में भारत की तुलना में लगभग आधे बच्चे पैदा होते हैं। 2022 में चीन में 95 लाख बच्चों का जन्म हुआ था। 2021 की तुलना में ये लगभग 10 फीसदी की गिरावट थी।
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