मोदी सरकार 2024 में फिर सत्ता में लौटी तो अमीरी-गरीबी की खाई पाटने के लिए उठा सकती है ये बड़ा कदम | जानिए सरकार का क्या है पूरा प्लान

नई दिल्ली 

देश में अमीरी-गरीबी की खाई को और काम करने की दिशा में बड़ा कदम उठा सकती है। मोदी सरकार इस आर्थिक असामनता में कमी लाने के प्लान पर काम कर रही है। लेकिन उसकी ये तैयारी 2024 के लिए है। यानी 2024 में यदि मोदी सरकार सत्ता में लौटती है तो वह इस दिशा में बड़ा कदम उठा सकती है। इसके लिए डायरेक्ट टैक्स कानूनों में बड़े बदलाव किए जा सकते हैं।

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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आर्थिक असामनता में कमी लाने के लिए मोदी सरकार जिस प्लान पर काम कर रही है उसमें अमीरों पर कैपिटल गेंस टैक्स (capital gains) बढ़ाने का प्रस्ताव शामिल है। इसके लिए डायरेक्ट टैक्स कानूनों में बड़े बदलाव किए जा सकते हैं। अभी कुछ एसेट क्लास पर कैपिटल गेंस टैक्स के रेट्स बहुत कम हैं।

एक रिपोर्ट सरकार की तैयारियों का खुलासा किया गया है जिसके मुताबिक 2019 में वित्त मंत्रालय को जो प्रस्ताव सौंपा गया था उसे 2024 में लागू करने को लेकर एक पैनल का गठन किया जा सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत सरकार अपने प्रत्यक्ष कर कानूनों में आमूल-चूल बदलाव करने की तैयारी कर रही है। जिससे देश में बढ़ती आर्थिक असमानता को कम किया जा सके।  इसमें सबसे प्रमुख होगा मोटी कमाई करने वालों से कैसे ज्यादा कैपिटल गेन टैक्स की वसूली की जाए।

मौजूदा समय में सरकार ज्यादा इनकम वालों से सबसे अधिकतम 30 फीसदी तक इनकम टैक्स वसूलती है। इसके अलावा शेयरों के खरीद फरोख्त पर कैपिटल गेन टैक्स लगाया जाता है। 2019 में वित्त मंत्रालय को जो प्रस्ताव सौंपा गया था; हालांकि उस पर अभी कोई अंतिम फैसला नहीं किया गया है, लेकिन उसे 2024 में लागू करने को लेकर एक पैनल का गठन किया जा सकता है। इस बीच यह खबर के सामने आने के बाद शेयर बाजार के बेंचमार्क इंडेक्स में 0.6% तक की गिरावट आ गई।

ज्यादातर अर्थशासत्रियों का मानना है कि भारत पूंजी पर प्रत्यक्ष कर लगाने की बजाये अप्रत्यक्ष कर पर ज्यादा निर्भर है जो खपत पर लगाया जाता है जो भारत में गरीबी का प्रमुख कारण है। 2018 से लेकर 2022 के बीच भारत ने हर दिन 70 मिलियनायर पैदा किए हैं। ऑक्सफैम इंटरनशनल की रिपोर्ट के मुताबिक देश के 10 फीसदी आबादी का राष्ट्र के 77 फीसदी संपत्ति पर कब्जा है। सरकार के आंकड़ों के मुताबिक 6 फीसदी आबादी इनकम टैक्स का भुगतान करती है।

आपको यह भी बताते चलें कि मोदी सरकार गरीबी दूर करने के वादे का साथ सत्ता में आई थी लेकिन उसपर अमीरों को सबसे ज्यादा फायदा पहुंचाने का आरोप विपक्ष लगता रहा है। अपने पहले कार्यकाल में मोदी सरकार ने कई अप्रत्यक्ष करों को खत्म कर 2017 में जीएसटी को लागू किया। नए डायरेक्ट टैक्स कानून से टैक्स सिस्टम में बड़े बदलाव को पूरा किया जा सकेगा। इससे बड़ी आबादी के जीवनस्तर को ऊपर उठाने में मदद मिलेगी। इससे भारत को बड़े उपभोक्ता बाजार के तौर पर डवलप किया जा सकेगा जिसे वैश्विक कंपनियों टारगेट कर सकेंगी।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार नए डायरेक्ट टैक्स कोड के साथ सरकार जटिल टैक्स प्रणाली को सरल बनाना चाहती है। जिससे चीन और अमेरिका के बीच तनाव के चलते चीन से बाहर कारोबार शिफ्ट करने पर विचार रही कंपनियों को आकर्षित किया जा सके। इस कदम से वोडाफोन पीएलसी और केयर्स एनर्जी पीएलसी को लेकर पैदा हुए टैक्स विवाद से छवि को पहुंचे नुकसान की भरपाई की जा सकेगी।

ये  होता है capital gains
जब कोई इन्वेस्टर (Investor) अपनी प्रॉपर्टी, घर, कार, बैंक FD आदि बेचता है तो इसके बिक्री से हासिल होने वाले मुनाफे पर टैक्स लिया जाता है। इस मुनाफे को कैपिटल गेन टैक्स कहते हैं। साल 2018 में इसे स्टॉक मार्केट से जोड़ा गया था। आसान भाषा में कहें तो किसी भी कैपिटल या प्रॉपर्टी को बेचकर हुए मुनाफे में लगने वाला टैक्स ही कैपिटल गेन टैक्स (Capital Gain Tax) है।

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