इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ एकाउंटिंग खोलने से बढ़ेंगी शोध की संभावनाएं: डा.मीनू माहेश्वरी

मुम्बई 

यूनिवर्सिटी ऑफ मुंबई के सीके ठाकुर कॉलेज द्वारा आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन समारोह के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए कोटा विश्वविद्यालय कोटा की वाणिज्य एवं प्रबंध विभाग की सह आचार्य सीएमए डॉक्टर मीनू माहेश्वरी ने कहा कि भारत सरकार द्वारा आईआईटी तथा आईआईएमके तर्ज पर इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ एकाउंटिंग खोलने के फैसले से एकाउंटिंग क्षेत्र को जबरदस्त महत्त्व मिलेगा।

डा. मीनू माहेश्वरी ने कहा कि इससे विद्यार्थियों को लेखांकन में अपना कैरियर बनाने में बहुत बड़ी सहायता मिलेगी तथा एकाउंटिंग के क्षेत्र में शोध की संभावनाएं भी ज्ञान के नए अवसरों को खोलेंगी।

डा.मीनू माहेश्वरी

डॉ.माहेश्वरी ने बताया कि विज्ञान के क्षेत्र में जो भी शोध हो रहे हैं उन सबको लेखांकन सहित अन्य विषय व्यवहारिक रूप में उपयोग में ला रहे हैं। विशेषकर वित्तीय विवरण स्टॉक मूल्य सर्वे एक्सपेरीमेंट्स के द्वारा हम वैज्ञानिक परिपेक्ष में सभी के हित के लिए शोध कार्य को प्रयुक्त कर सकते हैं। एकाउंटिंग रिसर्च, ऑडिटिंग तथा वित्तीय सूचनाओं को सम अंकों में परिवर्तित करके न केवल कंपनियों को बल्कि अनेक हित धारकों के लिए उपयोगी रहेगी।

डॉ.माहेश्वरी ने सेमिनार की विषयों को छूते हुए बताया कि कार्बन अकाउंटिंग, आई. आफ.आर.एस., फाइनेंशियल रिर्पोटिंग, सस्टेनेबल अकाउंटिंग, डिजिटल अकाउंटिंग संपूर्ण विश्व में अपनी प्रासंगिकता को सिद्ध कर रहे हैं। कार्बन अकाउंटिंग से कार्बन एमिशन को न केवल मापन करने में बल्कि एनवायरमेंट के संबंध में तुरंत निर्णय के लिए भी सहायक सिद्ध हो रही है। उन्होंने कहा कि आई.एफ.आर.एस. के प्रयोग से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वित्तीय सूचनाओं की क्वालिटी को बढ़ा रही है तथा उनमें पारदर्शिता के साथ साथ आर्थिक निर्णय लेने के लिए विनियोजन तथा बाजार के भागीदारों को भी सहायता पहुंचा रही है।

डॉ.माहेश्वरी ने कहा कि फाइनेंशियल रिर्पोटिंग वित्तीय क्रियाओं के डॉक्यूमेंटेशन एवं कम्युनिकेशन के लिए एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जो समय विशेष में परफॉर्मेंस मेजरमेंट के लिए उपयोगी है। सस्टेनेबल अकाउंटिंग कॉस्ट सेविंग तथा सामाजिक वातावरण के मुद्दे के संबंध में एक उपयोगी उपकरण के रूप में सिद्ध हो रही है। डिजिटल अकाउंटिंग वित्तीय सूचनाओं को इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में प्रस्तुत करने एवं परिवर्तित करने के लिए प्रयुक्त की जा रही है।

डॉ.माहेश्वरी ने इंटीग्रेटेड अकाउंटिंग तथा ब्लॉकचेन अकाउंटिंग के साथ-साथ बिग डाटा एनालिटिक्स, मोबाइल अकाउंटिंग, लीन अकाउंटिंग एप्रोच, कॉग्निटिव कंप्यूटिंग, क्लाउड बेस्ड अकाउंटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इन अकाउंटिंग तथा फिनटेक के संबंध में विस्तार से बताते हुए एनवायरमेंटल अकाउंटिंग , एक्टिविटी एक्टिविटी बेस्ड कॉस्टिंग , बिहावराल फाइनेंस , फॉरेंसिक अकाउंटिंग, कॉरपोरेट रिपोर्टिंग,एथिक्स इन अकाउंटिंग , प्रोडक्टिविटी अकाउंटिंग, बैलेंस स्कोर कार्ड जैसे अनेक विषयों पर शोध के महत्व एवं आवश्यकता को रेखांकित करते हुए लेखांकन जगत के शिक्षकों, शिक्षार्थियों एवं शोधकर्ताओं का आह्वान किया कि वे अपने शोध को संपूर्ण मानव जाति के विकास को ध्यान में रखते हुए बदलते हुए परिवेश के अनुसार नई नई तकनीकों का प्रयोग करते हुए शोध को एक नया आयाम प्रदान करें।

डॉ.माहेश्वरी ने  ने शोधार्थियों को शोध के स्तर को नई ऊंचाई देने का आह्वान किया। उन्होंने अधिक से अधिक अध्ययन, चिंतन एवं मनन के साथ-साथ केवल गूगल और गूगल फॉर्म पर आधारित सूचनाओं पर निर्भर रहने की अपेक्षा विद्वानों, अच्छी संदर्भ पुस्तकों, पुस्तकालयों एवं अनुभवी जनों का मार्गदर्शन लेने का सुझाव दिया।

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