अफसरों की बेरुखी से अटक गई हजारों रेलकर्मियों की पदोन्नति, रेलवे बोर्ड ने जताई नाराजगी

नई दिल्ली | नई हवा ब्यूरो 

देश में रेलवे के विभिन्न जोन  में अफसर कर्मचारियों की पदोन्नति को लेकर इतना सुस्त और बेरुखी पूर्ण रवैया अपनाए हुए हैं कि रेलवे बोर्ड को सभी जोनल कार्यालयों को सख्त पत्र लिखना पड़ गया। बोर्ड ने पत्र में रेलवे अफसरों की उदासीनता पर गहरी नाराजगी जताई है।

देश में रेलवे का कोई जोन ऐसा नहीं है जहां कर्मचारियों की पदोन्नतियां नहीं अटकी हों। अब रेलवे बोर्ड ने जब सख्ती दिखाई तो जोन  कार्यालयों के अफसरों में हलचल शुरू हो गई है। रेलवे अफसरों  और सुपरवाइजरों की उदासीनता का आलम ये है कि  ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट सिस्टम (HRMS) पर समय से एनुअल परफार्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट (APAR) ही अपलोड नहीं किया गया जिससे हजारों रेलकर्मियों की पदोन्नति और वेतन वृद्धि (इंक्रीमेंट) अटक गई है। APAR अपलोड नहीं होने से रेलकर्मियों की पदोन्नति के साथ संशोधित कैरियर प्रोन्नयन (MACP) और वेतन वृद्धि (इंक्रीमेंट) अटके हुए हैं। नतीजतन अब जब तक APAR  दुरुस्त नहीं होगा रेलवे कर्मचारियों को कोई लाभ नहीं मिल पाएगा।

रेलवे बोर्ड ने APAR के प्रति लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए सभी जोनल कार्यालयों को कड़ा पत्र लिख कर तत्काल  समस्त कर्मचारियों का एपीएआर अपलोड करने के लिए निर्देशित किया है। इसके बाद से रेलवे अधिकारीयों में हड़कंप मचा हुआ है। रेलवे प्रशासन स्तर पर भी कमर्चारियों के एपीएआर दुरुस्त किए जाने लगे हैं।

कर्मचारी थे गलतफहमी में
रेलवे के कर्मचारी अभी तक इसी गलतफहमी में थे कि एचआरएमएस पर उनका एपीएआर अपलोड हो गया होगा। सुपरवाइजर और अफसर भी निश्चिंत थे, लेकिन जब पदोन्नति और एमएसीपी के मामले लटकने लगे और रेलवे बोर्ड के संज्ञान में यह मामला सामने आया तो उसे दखल देना पड़ा।

आपको बता दें कि APAR के आधार पर ही रेलकर्मियों को पदोन्नति, इंक्रीमेंट और MACP का लाभ मिलता है। अब HRMS पर APAR अनिवार्य हो गया है। हालांकि एपीएआर में वेरीगुड या एक्सीलेंट मार्क पर ही रेलकर्मियों को पद व वेतन वृद्धि का लाभ मिल पाता है। सिर्फ गुड मार्क पर कोई लाभ नहीं मिलता है।

सैकड़ों कर्मचारियों की रुक चुकी है वेतनवृद्धि
सूत्रों ने बताया कि देश में सैंकड़ों रेल कर्मचारियों की वेतन वृद्धि इसलिए रुक गई थी कि उनके सुपरवाइजरों ने उनके एपीएआर पर गुड मार्क लिख दिया था। जबकि उनका कार्य व्यवहार अति उत्तम था। अधिकारियों ने भी ध्यान नहीं दिया। कर्मचारी संगठनों ने मुद्दे को उठाया तो समाधान हुआ। इस बार तो रेलकर्मियों के एपीएआर एचएमआरएस में ही लटक गए हैं।

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